पहाड़ी उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराएगी मंडी समिति, पढ़िए पूरी खबर
पहाड़ी उत्पादों को बाजार मुहैया कराने के लिए मंडी समिति और विपणन बोर्ड ने पहल शुरू की है। बोर्ड किसानों से संपर्क साधकर उत्पाद खरीदने से लेकर बिक्री में सक्रिय भूमिका निभाएगा। यही नहीं उत्पादों के भंडारण को भी विभिन्न क्षेत्रों में व्यवस्था की जाएगी।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Thu, 05 Nov 2020 06:44 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। पहाड़ी उत्पादों को बाजार मुहैया कराने और किसानों को उत्पाद का उचित मूल्य प्रदान करने के लिए मंडी समिति और विपणन बोर्ड ने पहल शुरू की है। बोर्ड किसानों से संपर्क साधकर उत्पाद खरीदने से लेकर बिक्री में सक्रिय भूमिका निभाएगा। यही नहीं उत्पादों के भंडारण को भी विभिन्न क्षेत्रों में व्यवस्था की जाएगी।
बुधवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में देहरादून मंडी समिति के अध्यक्ष राजेश शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार के नए कृषक सुविधा एवं प्रोत्साहन के प्रयास के तहत देशभर के किसानों को कहीं भी उत्पाद बेचने की सुविधा प्रदान की गई है। इसी को देखते हुए मंडी समिति भी प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों के किसानों से उनके उत्पाद उचित दाम पर खरीदने की तैयारी में हैं। निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों से पहाड़ी उत्पाद खरीदकर मंडी समिति विभिन्न क्षेत्रों में स्टॉल के माध्यम से विक्रय करेगी। बताया कि विपणन बोर्ड की ओर से गत वर्ष 26 क्रय केंद्र खोले गए हैं।
अब देहरादून और उत्तरकाशी में कृषि उत्पादकों को उनके नजदीक ही उत्पाद बेचने की सुविधा प्रदान की जाए। इसके बाद किसानों को नजदीकी क्षेत्रों में ही भंडारण की सुविधा भी प्रदान की जाएगी। यहां से पहाड़ी उत्पाद मंडुआ, झंगोरा, चौलाई, सोयाबीन आदि खरीदकर रुद्रपुर स्थित प्रोसेसिंग यूनिट में भेजा जाएगा। जहां से इसे रिटेल बिक्री के लिए स्टॉल में पहुंचाया जाएगा। बताया कि पहाड़ी उत्पादों के दाम भी तय कर दिए गए हैं। जिसमें चौलाई 52, झंगोरा 20, मंडुआ 33, सोयाबीन 42 रुपये प्रति किलो निर्धारित की गई है।
फूलों का कारोबार महकाने को होंगे प्रयासमंडी समिति के सचिव विजय थपलियाल ने बताया कि प्रदेश में करीब 200 करोड़ रुपये का फूल कारोबार है। यहां व्यवस्था न होने के कारण किसान फूल दिल्ली में बेचते हैं। उसके बाद दून के बाजार में दिल्ली से फूल मंगाए जाते हैं। जिससे लागत भी अधिक पड़ती है। अब मंडी समिति निरंजनपुर मंडी में ही फूल के कारोबार को शुरू करने की तैयारी में है। यहां किसानों को विक्रय केंद्र उपलब्ध कराया जाएगा। जहां से व्यापारी इसे बाजार में सप्लाई करेंगे। जल्द ही इसके लिए दुकानें आवंटित की जाएंगी।
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