भारत के लिए पदक न जीतने का मनीष रावत को मलाल
उत्तराखंड के ओलंपियन एथलीट मनीष रावत को गोल्डकोस्ट आस्ट्रेलिया में चल रहे कॉमनवेल्थ गेम्स में देश के लिए कोई भी मेडल न दिलाने का मलाल है।
देहरादून, [जेएनएन]: उत्तराखंड के ओलंपियन एथलीट मनीष रावत गोल्डकोस्ट आस्ट्रेलिया में चल रहे कॉमनवेल्थ गेम्स के 20 किमी रेस वॉकिंग स्पर्धा में छठे स्थान पर रहे। उन्होंने एक घंटे 22 मिनट 22 सेकेंड में वॉक पूरी की। हालांकि मनीष को देश के लिए कोई भी मेडल न दिलाने का मलाल जरूर है। लेकिन, एशियन गेम्स में वो बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद कर रहे हैं।
गोल्डकोस्ट में 20 किमी रेस वॉकिंग स्पर्धा भारतीय समयानुसार रविवार तड़के संपन्न हुई। मूल रूप से चमोली के सागर गांव निवासी और उत्तराखंड पुलिस में इंस्पेक्टर मनीष रावत के खेल कॅरिअर का यह पहला कॉमनवेल्थ गेम था।
कुल 15 प्रतिभागियों में से छठे स्थान पर रहे मनीष ने नेशनल वॉकिंग चैंपियनशिप दिल्ली में एक घंटे 21 मिनट में दौड़ पूरी की थी। मनीष को उम्मीद थी कि यदि वे इसी प्रदर्शन को कॉमनवेल्थ में भी दोहराते हैं तो वे पदक तालिका में आ जाएंगे, लेकिन वो नाकामयाब रहे।
'दैनिक जागरण' से बातचीत में मनीष ने बताया कि पहले 10 किमी तक वे अपनी बेस्ट टाइमिंग के साथ पहले स्थान पर बने हुए थे। 13वें किमी में अचानक रेस तेज हुई और वे पिछड़ते चले गए। 16वें किलोमीटर में वापसी करते हुए किसी तरह उन्होंने रेस पकड़ने की कोशिश की, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी।
ऐसे समय पर रेस तेज करने से कई बार डिस्क्वालीफाई होने का खतरा भी रहता है। उम्मीद थी कि नेशनल चैंपियनशिप से यहां बेहतर करुंगा, लेकिन निराशा हाथ लगी। इसे लेकर मनीष के कोच अनूप बिष्ट का कहना है कि जिस तरह रेस का स्टैंडर्ड था, मनीष के प्रदर्शन से वो संतुष्ट हैं। अब अगला लक्ष्य एशियन गेम्स है, उसके लिए खूब मेहनत करुंगा।
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