उत्तराखंड में भवन मानचित्र पास कराने का झंझट खत्म, इलाज हुआ महंगा
उत्तराखंड में अब भवन निर्माण के लिए नक्शा पास कराने में लोगों को प्राधिकरणों के चक्कर काटने के झंझट से मुक्ति मिलेगी।
By Raksha PanthariEdited By: Updated: Thu, 29 Aug 2019 07:08 AM (IST)
देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश में भवन निर्माण के लिए नक्शा पास कराने में लोगों को प्राधिकरणों के चक्कर काटने के झंझट से मुक्ति मिलेगी। मंत्रिमंडल ने प्राधिकरणों के पैनल में शामिल आर्किटेक्ट को 105 वर्गमीटर तक के भूखंड के भवन मानचित्र को प्रमाणित करने के लिए अधिकृत कर दिया है।आर्किटेक्ट की मुहर लगने के बाद 15 दिन के भीतर भवन निर्माण कार्य शुरू कराया जा सकेगा। इससे राज्य के पर्वतीय और मैदानी, दोनों ही क्षेत्रों के लोगों को बड़ी राहत मिलना तय है। वहीं, सरकारी अस्पतालों में इलाज महंगा हो गया है।
वहीं प्रदेश में आरक्षण रोस्टर को लेकर बने असमंजस के चलते सरकारी भर्तियों पर लगी रोक हटेगी। मंत्रिमंडल ने राज्याधीन सेवाओं, निगमों, सार्वजनिक उपक्रमों, शिक्षण संस्थाओं में सीधी भर्ती के लिए आरक्षण व्यवस्था के तहत रोस्टर का पुनर्निर्धारण कर दिया है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में सचिवालय में बुधवार को मंत्रिमंडल की बैठक में 30 फैसलों को मंजूरी दी गई। सरकार के प्रवक्ता व काबीना मंत्री मदन कौशिक ने मंत्रिमंडल के फैसलों को ब्रीफ किया। उन्होंने कहा कि विकास प्राधिकरणों में भवन मानचित्र पास कराने के लिए लोगों को परेशान नहीं होना पड़ेगा। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत भवन मानचित्र स्वीकृति की प्रक्रिया के सरलीकरण पर मुहर लगा दी गई।
प्राधिकरणों में इंपैनल्ड आर्किटेक्ट कम जोखिम श्रेणी के भवनों के रूप में मानचित्र को स्वप्रमाणित करेंगे। मानचित्र में खामी या त्रुटि मिलने पर इम्पैनल्ड आर्किटेक्ट कार्यवाही के दायरे में आएंगे। उन्हें काली सूची में डाला जाएगा। अलबत्ता भवन में सभी प्रकार के संशोधन का उत्तरदायित्व भवन स्वामी का होगा।
उत्तराखंड में इलाज हुआ महंगा
प्रदेश में इलाज महंगा हो गया है। शासन ने सरकारी अस्पतालों में ओपीडी का पर्चा बनाने से लेकर जांच की दरों में बढ़ोतरी कर दी है। हालांकि जांच की दरें अब ओपीडी से लेकर प्राइवेट व पेइंग वार्ड के लिए एक समान रहेंगी। अटल आयुष्मान कार्ड धारक और बिना अटल आयुष्मान कार्ड धारकों की दरें भी अलग-अलग रखी गई हैं।
कैबिनेट में लिए गए निर्णय के अनुसार अब प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और नगरीय क्षेत्र के चिकित्सालयों की दरों में बदलाव किया गया है। अब प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में अटल आयुष्मान कार्ड धारकों का पंजीकरण शुल्क 11 रुपये बढ़कर 15 रुपये, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में पंजीकरण शुल्क 12 से 20 और नगरीय क्षेत्रों में 23 रुपये से 30 रुपये किया गया है। गैर अटल आयुष्मान मरीजों से क्रमश: 30, 40 और 60 रुपये होगा। इसके अलावा 56 जांच की दरों में भी बदलाव किया गया है। पैथालॉजी की दरों में 30 रुपये से लेकर 300 रुपये की बढ़ोतरी गई है। ब्लड कल्चर और यूरीन कल्चर के की दरों को पहली बार शामिल करते हुए इसे 200 रुपये रखा गया है।
यूपीटी की दरें 46 रुपये से बढ़ाकर 65 रुपये की गई हैं। रेडियोलॉजी टेस्ट में अंतर्गत अटल आयुष्मान कार्ड धारकों के लिए दरें समान रखी गई हैं लेकिन गैर अटल आयुष्मान कार्ड धारकों के लिए यह दर 250 रुपये की गई है। वहीं, अल्ट्रासाउंड की कीमत अटल आयुष्मान कार्ड धारकों के लिए 471 रुपये से बढ़ाकर 712 और गैर आयुष्मान कार्ड धारकों के लिए तकरीबन 800 रुपये रखी गई है। जनरल वार्ड में भर्ती शुल्क में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है।
दो बैड वाला प्राइवेट वार्ड आयुष्मान कार्ड धारकों को 190 और गैर आयुष्मान कार्ड धारकों को 400 रुपये में मिलेगा। सिंगल बैड वाला वार्ड आयुष्मान कार्ड धारकों को 300 व गैर आयुष्मान कार्ड धारकों को 800 रुपये में मिलेगा। पहले इसकी दर 300 रुपये थी। इसके अलावा एयर कूलिंग व एसी कमरों की कीमतों में भी इजाफा किया गया है।
कैबिनेट के प्रमुख फैसले
-राज्याधीन सेवाओं, निगमों, सार्वजनिक उपक्रमों, शिक्षण संस्थाओं में सीधी भर्ती के लिए विभिन्न श्रेणियों में लागू आरक्षण व्यवस्था के तहत रोस्टर के पुनर्निर्धारण पर लगी मुहर -ई-कैबिनेट व्यवस्था दो माह में लागू होगी, पेपरलेस होगी कैबिनेट की बैठक -पर्यटन में होटल रिजार्ट के लैंड यूज चार्ज को 150 फीसद से घटाकर 10 फीसद किया-बिल्डरों को राहत, कमजोर वर्ग के आवास न बनने की स्थिति में शेल्टर फंड की तीन करोड़ तक राशि को चार किस्तों में और तीन करोड़ से अधिक को आठ किस्तों में कर सकेंगे जमा- एक अतिरिक्त मंजिल आवास बनाने को मंजूरी, आवास विभाग की फसाड नीति मंजूर -उत्तराखंड स्पोट्र्स कोड को स्थगित करने की मंजूरी -उत्तराखंड राजकीय चिकित्सा उपकरण औषधि क्रय नीति में संशोधन।-सेवा काल में मृतक आश्रित सेवा नियमावली 1974 में संशोधन, पुत्रियों को मृतक आश्रित के रूप में मिलेगी नौकरी -यूजीसी के रेग्युलेशन 2018 को मंजूरी, असिस्टेंट प्रोफेसर और प्रोफेसर चयन प्रक्रिया पर मुहरयह भी पढ़ें: पूर्व सीएम हरीश रावत के खिलाफ कार्रवाई हुई तो प्रदेश में आंदोलन करेगी कांग्रेस
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