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Cabinet Meet: किसानों-व्यवसायिक उपभोक्ताओं को बिजली बिल में छूट, जानिए अन्य फैसले

कोरोना महामारी के दृष्टिगत सरकार ने किसानों और व्यावसायिक श्रेणी के उपभोक्ताओं को बिजली बिल में राहत दे दी है।

By Raksha PanthariEdited By: Updated: Wed, 13 May 2020 09:38 PM (IST)
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Cabinet Meet: किसानों-व्यवसायिक उपभोक्ताओं को बिजली बिल में छूट, जानिए अन्य फैसले
देहरादून, राज्य ब्यूरो। कोरोना महामारी के दृष्टिगत सरकार ने किसानों और व्यावसायिक श्रेणी के उपभोक्ताओं को बिजली बिल में राहत दे दी है। अलग-अलग श्रेणी में फिक्सड चार्ज और विलंब अधिभार से छूट देने को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी। इससे 2.91 लाख उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा। उन्हें दी जाने वाली छूट से पड़ने वाले 17.64 करोड़ के वित्तीय भार को सरकार वहन करेगी। कैबिनेट ने राज्य में संविदा खेती को कानूनीजामा पहनाने के मद्देनजर केंद्र के मॉडल एक्ट कृषि उपज एवं पशुधन संविदा खेती और सेवाएं अधिनियम को अंगीकृत करने पर मुहर लगाई। 

त्रिवेंद्र मंत्रिमंडल की बुधवार को हुई बैठक में चार मसलों पर निर्णय लिए गए, जबकि कुछ बिंदुओं पर चर्चा हुई। बैठक के फैसलों की जानकारी देते हुए शासकीय प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि पर्यटन गतिविधियां बंद होने से 25000 से अधिक होटल, रेस्टोरेंट और ढाबा संचालकों को बिजली बिलों की अदायगी में दिक्कतें आ रही थीं। इनके अपै्रल से जून तक के बिलों के फिक्सड चार्ज में पूरी तरह छूट देने का निर्णय लिया गया है।

इसके अलावा नलकूप श्रेणी के किसान उपभोक्ताओं को जून तक के बिलों में विलंब भुगतान अधिभार में छूट दी गई है। इससे 20 हजार किसानों को मिलेगा लाभ मिलेगा। इसी प्रकार औद्योगिक व वाणिज्यिक श्रेणी में मार्च से मई तक स्थगित रखी गई खपत के सापेक्ष फिक्सड व डिमांड चार्ज वसूली पर विलंब अधिभार से छूट देने से 246400 उपभोक्ताओं को लाभ होगा। यह सुविधा भी दी गई है कि वे इस अवधि के बिल की वसूली अक्टूबर तक चार समान किस्तों में की जाएगी। सामान्य श्रेणी के करीब 25 लाख उपभोक्ताओं को ऑनलाइन व डिजिटल माध्यम से भुगतान पर पहले ही एक फीसद की छूट सरकार दे चुकी है।

कौशिक ने बताया कि राज्य में कृषि उपज एवं पशुधन संविदा खेती और सेवाएं एक्ट को अंगीकृत करने को अध्यादेश लाने को कैबिनेट ने मंजूरी दी। इससे राज्य में संविदा खेती को कानूनीजामा मिलने के साथ ही किसानों को अनेक सुविधाएं मिलने के लाभ भी होंगे।

कैबिनेट ने औद्योगिक इकाइयों में बॉयलर एक्ट के तहत नवीनीकरण की तिथि विस्तारित करने को मंजूरी देने के साथ ही इसमें रियायत भी दी हैं। नवीनीकरण की वैधता तिथि 30 जून तक बढ़ाई गई है। छूट दी गई कि संबंधित उद्योग नवीनीकरण को सरकारी अथवा निजी इंस्पेक्टर के साथ थी थर्ड पार्टी जांच इस अवधि तक करा सकते हैं। कोई भी एक जांच मान्य होगी। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग में निदेशालय और जिला स्तर पर लिपिक संवर्ग के प्रमोशन में आ रही दिक्कतों के मद्देनजर इस संवर्ग के एकीकरण का निर्णय लिया गया। एकीकरण के बाद जल्द ही नियमावली तैयार की जाएगी।

कैबिनेट मंत्री कौशिक के अनुसार कैबिनेट में प्रधानमंत्री की 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज के एलान पर भी चर्चा हुई और कैबिनेट ने प्रधानमंत्री के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। इसके अलावा कोविड-19 की राज्य में स्थिति, व्यवस्थाएं और प्रवासियों को लाने की व्यवस्था समेत बिंदुओं पर विचार हुआ। उन्होंने कहा कि प्रवासियों की हर स्तर पर स्वास्थ्य जांच की जा रही है।

उन्होंने यह भी जानकारी दी कि कोरोना महामारी के कारण राज्य की अर्थव्यवस्था पर पड़े असर और सुझाव देने को पूर्व मुख्य सचिव इंदु कुमार पांडे की अध्यक्षता में गठित समिति ने अपनी रिपोर्ट कैबिनेट को सौंपी। इसमें एमएसएमई, शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों समेत अन्य स्तर पर पड़े असर की जानकारी के साथ ही सुझाव भी दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि सरकार ने मंत्रिमंडलीय उपसमिति भी गठित की है, जिसकी रिपोर्ट आनी बाकी है। दोनों समितियों की रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद सरकार आगे कदम उठाएगी।

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कैबिनेट के मुख्य बिंदु

  • उत्तराखंड में संविदा खेती को भी कानूनी जामा पहनाने को कैबिनेट की मंजूरी
  • कृषि उपज और पशुधन संविदा खेती और सेवाएं एक्ट लागू करने को अध्यादेश
  • प्रदेश में बॉयलर एक्ट के अंतर्गत नवीनीकरण की वैधता तिथि 30 जून तक बढ़ाई
  • नवीनीकरण को सरकारी-निजी इंस्पेक्टर या थर्ड पार्टी किसी से भी जांच की छूट
  • स्वास्थ्य विभाग में निदेशालय और जिला स्तर पर लिपिक संवर्ग का एकीकरण
  • आर्थिक पैकेज की घोषणा के लिए कैबिनेट का प्रधानमंत्री के प्रति धन्यवाद ज्ञापित
  • कोरोना से अर्थव्यवस्था पर पड़े असर के मद्देनजर गठित इंदु कुमार कमेटी ने सौंपी रिपोर्ट
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