दैनिक जागरण से होती है दिन की शुरुआत, कोरोनाकाल में लोगों का बड़ा साथी बना अखबार
दैनिक जागरण से ही कई लोगो के दिन की शुरुआत होती है। कोरोनाकाल में अखबार लोगों का एक बड़ा साथी बन गया है।
By Raksha PanthariEdited By: Updated: Tue, 02 Jun 2020 05:00 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। सुबह नींद खुलते ही अखबार पढ़ना किसी लत से कम नहीं है। हजारों ही नहीं लाखों की संख्या में लोग ऐसे हैं, जिन्हें यदि सुबह उठते ही बेड टी के वक्त, मार्निंग वॉक करने के बाद या नाश्ते के वक्त अगर अखबार न मिले तो उनका मूड उखड़ जाता है। वे इसे तलाशने लगते हैं। लाखों लोग ऐसे हैं, जो ऑफिस जाते वक्त या सफर करते हुए अखबार पढ़ते हैं। चूंकि, कोरोना काल में अब तक लोग घर में बंद थे, लिहाजा अखबार उनके लिए एक बड़ा साथी बनकर साबित हुआ। जिन्हें अखबार की आदत है, उन्होंने तो घंटों इसके साथ वक्त बिताया ही, जिन्हें आदत नहीं थी, वे भी अखबार को समय देने लगे। अधिकांश लोग तो ऐसे हैं जिन्हें अखबार पढ़े बिना ये लगता ही नहीं कि सवेरा हो गया। ऐसी ही शहर की प्रमुख हस्तियों ने बताया कि क्या है अखबार की महत्ता।
उत्तराखंड के वन एवं पर्यावरण मंत्री हरक सिंह रावत कहते हैं कि मैं सालों से 'दैनिक जागरण' पढ़ रहा हूं। मेरी तो सुबह की शुरुआत इसी अखबार से होती है। पूरे लॉकडाउन के दरम्यान भी मैं नियमित रूप से जागरण पढ़ता रहा हूं। यह पहले ही साफ हो चुका है कि अखबार से संक्रमण नहीं फैलता। फिर 'दैनिक जागरण' तो एक जिम्मेदार समाचार पत्र होने के साथ ही अपने पाठकों की सुरक्षा का पूरा ख्याल रखता है। जागरण ने अखबार को सैनिटाइज करने के साथ ही इसके वितरण तक की प्रक्रिया को सुरक्षित बनाया है। मेरा सभी से आग्रह है कि अफवाहों पर ध्यान न दें और सभी लोग अखबार रोजाना अवश्य पढ़ें।
शिक्षा, खेल, युवा कल्याण और पंचायतीराज मंत्री अरविंद पांडेय का कहना है कि लॉकडाउन अवधि के दौरान दैनिक जागरण के माध्यम से उन्हें निर्बाध रूप से पूरे देश और प्रदेश की खबरें और सूचनाएं मिलती रही हैं। लॉकडाउन की लंबी अवधि में जब लोग घरों तक सीमित रहे, ऐसे में दैनिक जागरण नियमित हम तक और अपने पाठकों तक पहुंचता रहा है। साथ ही कोरोना संक्रमण से बचाव और जनता को जागरूक करने में समाचार पत्र ने अहम भूमिका निभाई है, इसके लिए पूरा प्रतिष्ठान और उसमें कार्य करने वाले लोग बधाई के पात्र हैं।
लोगों को जागरूक करने में समाचार पत्रों की अहम भूमिकापर्यावरणविद् चंडी प्रसाद भट्ट कहते हैं कि कोरोना संक्रमण काल में लोगों को जागरूक करने के लिए समाचार पत्रों की भूमिका महत्वपूर्ण है। आम लोगों को नियमित रूप से अखबार पढ़ना चाहिए और यह बिलकुल सुरक्षित हैं। दैनिक जागरण पढ़कर उन्हें देश दुनिया में कोरोना को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी मिलती है। समाचार पत्र पूरी तरह कोरोना से सुरक्षित हैं। समाचार पत्र के माध्यम से हमें खबरों के अलावा कोरोना को लेकर देश दुनिया में चल रहे शोध से लेकर माहामारी के बचाव को लेकर भी नवीनतम जानकारी मिलती रही है। समाचार पत्र सुरक्षित पाठकों तक पहुंचना भी चुनौती का कार्य है, जिसे बखूबी निभाया गया है।
लॉकडाउन में सटीक सूचनाएं अखबार से ही मिलींदेहरादून नगर निगम के महापौर सुनील उनियाल गामा का कहना है कि अखबार पढ़े बिना तो मेरा सवेरा ही नहीं होता। कई दफा तो ऐसा भी हो जाता है कि अपने आस-पड़ोस में हुई कोई घटना अखबार के जरिये पता चलती है। मैं रोजाना एक घंटे से ज्यादा वक्त अखबार को देता हूं। दैनिक जागरण का तो मैं राज्य आंदोलन से भी पहले से पाठक रहा हूं। अगर किसी दिन कोई बेहद जरूरी कार्यक्रम की वजह से सुबह घर से जल्दी निकलना पड़ता है और अखबार नहीं पढ़ पाता तो कोशिश करता हूं कि गाड़ी में अखबार पढ़ लूं। कोरोना काल में एक दिन भी ऐसा नहीं रहा, जब मैने अखबार न पढ़ा हो। मेरा मानना है, अखबार पूरी तरह सुरक्षित है।
ऐसा कोई दिन नहीं, जब अखबार नहीं पढ़ताडीजी लॉ एंड ऑडर अशोक कुमार ने कहा, मैं लगातार दैनिक जागरण पढ़ता हूं। कोरोना संकट और लॉकडाउन के दौरान भी कोई ऐसा दिन नहीं रहा, जब मैंने अखबार न पढ़ा हो, अखबार पूरी तरह सुरक्षित है। यह सिर्फ सूचना का ही माध्यम नहीं, बल्कि समाज से जुड़ने का भी सशक्त जरिया है। सोशल मीडिया में गलत खबरों की बाढ़ के बीच अखबार ही समाचारों के सबसे भरोसेमंद स्नोत हैं। साथ ही अखबार प्रबंधन प्रकाशन से लेकर वितरण तक में तमाम सुरक्षा मानकों का ख्याल रखते हैं। इसलिए अफवाहों से बचें और अखबार पढ़कर अपना ज्ञान बढ़ाएं।
समाचार पत्र से नहीं होता है किसी प्रकार का संक्रमणश्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि कहते हैं, समाचार पत्र से किसी भी प्रकार का कोई संक्रमण नहीं होता है। समाचार पत्र की छपाई और वितरण का काम पूरी सफाई और सतर्कता के साथ सभी केंद्रीय गाइडलाइन का पालन करते हुए किया जाता है। इस दौरान सैनिटाइजेशन का पूरा ख्याल रखा जाता है। मैं तो रोजाना दैनिक जागरण पढ़ता हूं। इस कठिन समय में भी समाचार पत्र कर्मचारी पूरी शिद्दत से काम कर रहे हैं। इन कोरोना योद्धाओं को मेरा सलाम।
यह भी पढ़ें: कोरोनाकाल में सुरक्षित और भरोसेमंद हैं अखबार, आपको पहुंचा रहा विश्वसनीय जानकारीदैनिक जागरण पढ़ने से मिलती है मन को ताजगीलोक गायिका संगीता ढौंढ़ियाल का कहना है कि बचपन से ही परिवार ने अखबार पढ़ने की आदत डलवाई। इसलिए अब बिना अखबार देखे दिन अधूरा लगता है। अखबार पढ़ने से दिमाग की कसरत होती है। मैं लगातार दैनिक जागरण पढ़ती हूं, यह क्रम लॉकडाउन में भी जारी रहा। अखबार रोजमर्रा का अटूट अंग बन गया है। अखबार पढ़ना इसलिए भी जरूरी है कि इसमें खबरें सटीक होती हैं। पहले भी लोग कहा करते थे कि ज्ञान बढ़ाने के लिए अखबार का अध्ययन जरूरी है, यह आज भी सच है। कई बार समय मिलते ही दोपहर और शाम को भी खबरें दोबारा पढ़ने का मौका भी मिल जाता है।
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