Move to Jagran APP

अनियमित दिनचर्या और खानपान की वजह से दून की आधी पुलिस बीपी और शुगर की शिकार

देहरादून पुलिस के अधिकांश कर्मचारी तनाव में हैं जिससे रक्तचाप के साथ मधुमेह भी उन्हें अपनी गिरफ्त में ले रहा है।

By Raksha PanthariEdited By: Updated: Fri, 06 Dec 2019 07:17 AM (IST)
Hero Image
अनियमित दिनचर्या और खानपान की वजह से दून की आधी पुलिस बीपी और शुगर की शिकार
देहरादून, जेएनएन। अनियमित दिनचर्या और खानपान के चलते देहरादून पुलिस के अधिकांश कर्मचारी तनाव में हैं। रक्तचाप के साथ मधुमेह भी उन्हें अपनी गिरफ्त में ले रहा है। रविवार को इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल दिल्ली और अपोलो क्लीनिक देहरादून के तत्वावधान में पुलिस लाइन में आयोजित मेडिकल हेल्थ चेकअप कैंप के प्रारंभिक नतीजे इसी ओर इशारा करते हैं। 

मेडिकल कैंप में तकरीबन 400 पुलिसकर्मियों ने मधुमेह, रक्तचाप, ईसीजी, बीएमआई और बीएमडी की जांच कराई। अपोलो क्लीनिक के डॉ. राजकुमार केन, डॉ. हेमा गर्ग, डॉ. नीरज उपाध्याय, डॉ. परमिंदर कुकरेजा, डॉ. कृष्ण पाल ने जांचों के बाद रिपोर्ट के आधार पर उन्हें उपचार और सावधानियां बताईं। अपोलो हॉस्पिटल के कोऑर्डिनेटर विशाल कुमार ने बताया कि 35 से 40 फीसद पुलिसकर्मियों के रक्तचाप का स्तर बढ़ा हुआ पाया गया। 

उन्हें थोड़ी देर आराम कराने के बाद फिर से जांच की गई तो रक्तचाप में कमी आई। विशाल कुमार के अनुसार इसके पीछे वजह यह है कि पुलिस का काम ही तनाव और दौड़भाग वाला होता है, लेकिन इसे हावी होने देना सेहत के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है। इसके अलावा 10 फीसद पुलिसकर्मियों में मधुमेह का स्तर बढ़ा हुआ पाया गया। इनमें से कई ऐसे थे, जिनकी फैमिली हिस्ट्री में शुगर था। कुछ ऐसे भी थे जिनके खानपान का समय निर्धारित नहीं था। 

इससे पूर्व कैंप का उद्घाटन करते हुए एसपी सिटी श्वेता चौबे ने कहा कि पुलिस पर समाज में शांति व कानून व्यवस्था बनाए रखने और आपराधिक तत्वों पर शिकंजा कसने की बड़ी जिम्मेदारी होती है। अगर वह स्वस्थ रहेंगे तो निश्चित रूप से अपने कर्तव्यों का निर्वहन ठीक से कर पाएंगे। इस मौके पर अपोलो अस्पताल जीएम मानसी राजपूत, राम नरेश भगत, अपोलो क्लीनिक देहरादून से सेंटर हेड प्रभजोत लूथरा व अन्य मौजूद रहे।  

यह भी पढ़ें: डॉक्टरों ने विकृत लाल रक्त कणिकाओं को सामान्य में बदला, पढ़िए पूरी खबर Dehradun News

सीपीआर की दी ट्रेनिंग 

अपोलो अस्पताल दिल्ली की चिकित्सक रूपम ने पुलिसकर्मियों को सीपीआर का प्रशिक्षण दिया। उन्होंने कहा कि सड़क हादसों में घायल को सीपीआर देकर उसकी जान बचाई जा सकती है। प्रारंभिक उपचार की भी जानकारी दी गई। 

यह भी पढ़ें: शरीर के साथ आत्मा को भी स्वस्थ रखता है मेडिटेशन, पढ़िए पूरी खबर

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।