कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने से अस्पतालों में डगमगाने लगी व्यवस्थाएं, मरीज परेशान
Coronavirus के मामले बढ़ने के साथ ही अस्पतालों में व्यवस्थाएं डगमगाने लगी हैं। कोविड हॉस्पिटल के रूप में चिह्नित सरकारी अस्पतालों में जहां मरीजों को समुचित उपचार नहीं मिल रहा है।
By Raksha PanthariEdited By: Updated: Sun, 06 Sep 2020 08:17 AM (IST)
देहरादून, जेएनएन। कोरोना के मामले बढ़ने के साथ ही अस्पतालों में व्यवस्थाएं डगमगाने लगी हैं। कोविड हॉस्पिटल के रूप में चिह्नित सरकारी अस्पतालों में जहां मरीजों को समुचित उपचार नहीं मिल रहा है। वहीं, निजी अस्पताल मनमानी पर उतारू हैं। इस संर्दभ में समाजसेवी योगेंद्र सिंह चौहान के नेतृत्व में कुछ लोग शनिवार को जनपद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनूप डिमरी और दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना से मिले और उन्हें ज्ञापन सौंपा।
उन्होंने बताया कि किसी परिचित के कोरोना संक्रमित होने पर उन्हें दून अस्पताल में भर्ती किया गया। मरीज ने अस्पताल में व्याप्त अव्यवस्थाओं के संबंधित कुछ वीडियो भेजी हैं। जिसमें देखा जा रहा है कि एक बुजुर्ग महिला के साथ अस्पताल में ऐसा व्यवहार किया जा रहा है जैसे वह कोरोना से नहीं बल्कि किसी छुआछूत की बीमारी से पीड़ित है। महिला मरीज की स्थिति को देखकर यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि संक्रमित मरीजों के साथ किस तरह का व्यवहार हो रहा है।
वहीं, मरीजों को जो भोजन दिया जा रहा है उसकी भी गुणवत्ता खराब है। यहां तक की खाने में कीड़े तक निकलने की शिकायतें आ रही हैं। उन्होंने यह भी शिकायत की है कि जिन निजी अस्पतालों को कोरोना के इलाज के लिए मंजूरी दी गई है वहां पर खुली मनमानी होने लगी है। मरीजों की जांच और इलाज के नाम पर मनमाना पैसा वसूला जा रहा है।
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यही नहीं किसी मरीज को दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल तक पहुंचाने के नाम पर संबंधित अस्पताल की एंबुलेंस द्वारा चार-पांच हजार रुपये किराया लेने के साथ ही पीपीई किट आदि का शुल्क अतिरिक्त वसूला जा रहा है। उधर, मेडिकल कालेज के प्राचार्य ने कहा कि इस मामले पर उचित कार्रवाई की जाएगी। ज्ञापन देने वालों में फारुक राव, सुनील रावत, अरुण महानवा, अखिलेश क्षेत्री, अब्दुल समद आदि शामिल रहे।
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