गले नहीं उतर रही पुलिस की हवालात में आत्महत्या की कहानी, पढ़िए पूरी खबर
हवालात में दुराचार के प्रयास के आरोपित की मौत कई सवाल छोड़ गयी है। पुलिस मामले को आत्महत्या से जोड़कर देख रही है जबकि पुलिस की कहानी से सवाल खड़े हो रहे हैं।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Sun, 01 Dec 2019 09:17 AM (IST)
देहरादून, जेएनएन। थाना सहसपुर की हवालात में दुराचार के प्रयास, पोक्सो एक्ट के आरोपित की संदिग्ध मौत कई सवाल छोड़ गयी है। पुलिस पूरे मामले को आत्महत्या से जोड़कर देख रही है, जबकि पुलिस की कहानी से तमाम सवाल खड़े हो रहे हैं। दरअसल सहसपुर थाने में जिस जगह हवालात है, उसके ठीक बराबर में थाने का आफिस है और ठीक सामने थानाध्यक्ष का कार्यालय है।
निगरानी डयूटी पर तैनात दरोगा की कुर्सी भी ठीक हवालात के पास ही लगी होती है, ऐसे में हवालात के अंदर कील से लटक कर युवक द्वारा आत्महत्या करना कहीं न कहीं संदेह उत्पन्न करता है। खैर युवक की संदिग्ध मौत है या उसने आत्महत्या की, इसका खुलासा तो विस्तृत जांच के बाद ही पता चल सकेगा। मामले की जांच एसपी देहात कर रहे हैं। शुक्रवार को जब अभिनव यादव नामक युवक को पुलिस ने जब हिरासत में लिया था और पूछताछ की थी तो बतौर सीओ युवक ने अपने आपको एयर इंडिया में टिकट चेकर के पद पर कार्यरत बताया था। सीओ ने कहा कि युवक द्वारा अपने को एयर इंडिया में बताने की बात की तस्दीक कर पाते, उससे पहले ही हवालात में यह घटना हो गयी। सहसपुर थाने में परिसर में बाहर की ओर ही हवालात बनी है।
जिसमें मौजूद आदमी दूर से भी दिखता है। अब सवाल यह है कि हवालात के बराबर में थाने का कार्यालय व बिल्कुल सामने थानाध्यक्ष का कार्यालय होने के बाद भी हवालात में बंद आरोपित द्वारा कंबल की साइड की पटटी उखाड़ते वक्त किसी का ध्यान भी नहीं गया। साथ ही निगरानी पर रहने वाले पुलिस कर्मी की लापरवाही भी साफ झलक रही है। जिसके चलते एसएसपी ने रात्रि अधिकारी हेड कांस्टेबल महेंद्र सिंह नेगी, सर्वेश कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है, इसके अलावा थानाध्यक्ष व विवेचक लाइन हाजिर किए गए हैं। आखिर पूरे मामले में क्या सच्चाई है, इसका खुलासा तो पुलिस की विस्तृत जांच के बाद ही होगा, बहराल यह घटना कई सवाल पीछे छोड़ गयी है।
कस्टडी में मौतों से पुलिस पर उठ रही अंगुलीदेहरादून में पुलिस हिरासत में मौत का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी यहां के विभिन्न थानों में कस्टडी में मौतों का मामला सामने आ चुका है। पुलिस की हिरासत में हो रही इन मौतों को लेकर अंगुलियां भी उठ रही हैं।
पुलिस अभिरक्षा में हुई मौतों का जिक्र करें तो जुलाई 2009 में रणवीर एनकाउंटर ने उत्तराखंड पुलिस की देश भर में किरकिरी कराई थी। सीबीआइ की जांच में सामने आया था कि रणवीर की पुलिस अभिरक्षा में जमकर पिटाई की गई, जब उसकी मौत हो गई तो पुलिसकर्मियों ने उसे गोली मारकर एनकाउंटर का रूप देने की कोशिश की। इस मामले में 18 पुलिस कर्मियों पर मुकदमा दर्ज हुआ था। कुछेक साल पुलिस ने सतर्कता बरती, लेकिन बीते साल जुलाई 2018 में पटेलनगर कोतवाली के बाजार चौकी के बाथरूम में एक युवक की मौत हो गई। इस मामले में पूरी बाजार चौकी को सस्पेंड कर दिया गया था। जुलाई 2018 में ही पुलिस अभिरक्षा में एनडीपीएस के आरोपित ने कोर्ट की तीसरी मंजिल से कूदकर जा दे दी थी। पुलिस से उसे मसूरी से कोर्ट में पेश कराने के लिए लाई थी।
सीसीटीवी खोलेगा कई राजसहसपुर थाने में लगे सीसीटीवी कैमरे अभिनव की मौत को लेकर कई और राज सामने आएंगे। चर्चा यह भी है कि उसे दो दिन से थाने में रखकर पूछताछ की जा रही थी। जबकि पुलिस का कहना है कि उसे शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया था। ऐसे में यह केवल चर्चा है या इसमें कुछ सच्चाई है। इसका पता थाने में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज को देखने के बाद लगेगा। सूत्रों की मानें तो आला अधिकारियों ने फुटेज को कब्जे में ले लिया है।
विवादों में रहे हैं पीडी भट्टयह कोई पहला मामला नहीं है, जब दारोगा पीडी भट्ट की कार्यशैली पर सवाल खड़े हुए हैं। वर्ष 2012 में धारा चौकी इंचार्ज रहते एक युवक की पिटाई करने का आरोप लगा था, जिसमें पूरी धारा चौकी ही सस्पेंड कर दी गई थी। वहीं, भट्ट समेत सात पुलिस कर्मियों पर मुकदमा भी दर्ज हुआ था। बाद में इसकी जांच सीबीआइ को भेज दी गई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में आया कि अजय कुमार (27) पुत्र महंगी लाल निवासी ग्राम नक्षेत्रपुरवा, थाना मनकनापुर, जिला गोंडा यूपी पर थर्ड डिग्री का प्रयोग किया गया था।
पहले तो मामले को दबाने की भरपूर कोशिश हुई, लेकिन बाद में नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश पर इसकी जांच सीबीआइ सेक्टर लखनऊ को दे दी गई। इस मामले की जांच अभी चल रही है। वहीं, साल 2017 में मेवात (हरियाणा) में दबिश के दौरान फायरिंग करने का मामला भी सुर्खियों में आया था।यह भी पढ़ें: थाने की हवालात में युवक की मौत, थानाध्यक्ष लाइन हाजिर
पुलिस अभिरक्षा में हुई मौतें
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- वर्ष 2012 में धारा चौकी में पिटाई से हुई थी एक शख्स ऑकी मौत, उस समय पीडी भट्ट ही थे इंचार्ज।
- जुलाई 2018 में पटेलनगर कोतवाली के बाजार चौकी में आरोपित की पुलिस अभिरक्षा में हुई थी मौत।
- जुलाई 2018 में पुलिस अभिरक्षा में एनडीपीएस के आरोपित ने कोर्ट की तीसरी मंजिल से कूदकर दे थी जान।