उत्तराखंड में आने वाले दिनों में और परीक्षा लेगा मौसम
उत्तराखंड में बारिश के कारण मैदान से लेकर पहाड़ में दिक्कत हो रही है बदरीनाथ हाईवे अभी बंद है, जबकि हरिद्वार में गंगा का जलस्तर चेतावनी रेखा के ऊपर बह रहा है।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Tue, 28 Aug 2018 09:10 AM (IST)
देहरादून, जेएनएन [जेएनएन]: मौसम के लिहाज से आने वाले दिन भी उत्तराखंड पर भारी पड़ने वाले हैं। मौसम विभाग के अनुसार बुधवार और गुरुवार को मौसम भले ही सामान्य रहेगा, लेकिन गुरुवार से प्रदेश में भीषण बारिश की आशंका है। राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक ब्रिकम सिंह ने बताया कि मंगलवार को कुमाऊं में भारी बारिश की आशंका है।
इस बीच पहाड़ों में दुश्वारियों का दौर जारी है। पौड़ी जिले के कोटद्वार में तीन दिन से बंद पौड़ी कोटद्वार-हाईवे पर यातायात बहाल नहीं हो पाया है। पौड़ी से आने वाले यात्रियों को दुगड्डा से कोटद्वार तक 16 किलोमीटर की दूरी पैदल ही तय करनी पड़ रही है। इसी के साथ कोटद्वार से सामान की आपूर्ति न हो पाने के कारण कई क्षेत्रों में आवश्यक वस्तुओं का भी अभाव हो गया है।दूसरी ओर बदरीनाथ के पास लामबगड़ में हाईवे पांचवे दिन भी नहीं खोला जा सका। वैकल्पिक मार्ग से तीन किलोमीटर की दूरी पैदल तय कर यात्री इस भाग को पार कर रहे हैं। चमोली की जिलाधिकारी स्वाति भदौरिया ने बताया कि लगातार दरकती पहाड़ी के कारण यहां पर मलबा हटाना संभव नहीं हो पा रहा है। इसके अलावा भूस्खलन से गंगोत्री और केदारनाथ हाईवे पर यातायात बाधित होने का सिलसिला बरकरार है। प्रदेश में करीब दो सौ सड़कों पर मलबा आने से आवागमन बाधित है।
कुमाऊं के बागेश्वर जिले में अतिवृष्टि से 11 मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं। प्रभावितों ने सुरक्षित स्थानों में शरण ली है। इसके अलावा कौसानी, गरुड़, बड़ैत व गुलेर में भूस्लखन से बिजली के कई पोल गिर गए। इससे 256 गांवों की बिजली गुल हो गई।
तीन दिन से चेतावनी रेखा के पार गंगा
लगातार बारिश के कारण प्रदेश में नदी-नाले उफान पर हैं। हरिद्वार और ऋषिकेश में शनिवार से गंगा का जलस्तर बढ़ा हुआ है। जलस्तर चेतावनी रेखा के पार बना हुआ है। इसके अलावा मंदाकिनी, पिंडर, अलकनंदा और कुमाऊं में गोरी, काली, सरयू व शारदा के बहाव से लोग भयभीत हैं।यह भी पढ़ें: देहरदून में फटा बादल; चमोली में महिला की मौत; गंगा का जलस्तर बढ़ा
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