मास्टर प्लान बताएगा दून में अतिक्रमण की स्थिति Dehradun News
अब नए जीआइएस आधारित मास्टर प्लान से दून में अतिक्रमण की स्थिति का पता चल जाएगा। इससे लिए एमडीडीए ने कसरत शुरू कर दी है।
By BhanuEdited By: Updated: Mon, 08 Jul 2019 12:10 PM (IST)
देहरादून, सुमन सेमवाल। राज्य गठन से लेकर अब तक या उससे पहले से भी मौजूदा स्थिति तक दून में कितना अतिक्रमण हुआ, किस सड़क का कितना भाग कब्जा लिया गया या किस नाले-खाले का रुख बदल दिया गया, यह सब अब नए जीआइएस आधारित मास्टर प्लान में दर्ज हो पाएगा।
मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) ने विभागीय रिकॉर्ड व धरातलीय स्थिति को बिना बदलाव के हूबहू डिजिटल मास्टर प्लान में दर्ज करने का निर्णय लिया है। इसके लिए हैदराबद स्थित नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर (एनआरएससी) से देहरादून-मसूरी के 55 हजार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल के सेटेलाइट चित्र मांगे गए हैं। चित्र मिलने पर विलंब होने पर एमडीडीए उपाध्यक्ष डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने एनआरएससी को रिमाइंडर भेजकर जल्द से जल्द चित्र उपलब्ध कराने को कहा है।एमडीडीए के उपाध्यक्ष डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि राजस्व विभाग से खसरा नंबर व सजरा मानचित्र के रिकॉर्ड को स्कैन कर लिया गया है। इसके साथ ही सेटेलाइट चित्रों के आ जाने के बाद विभागीय रिकॉर्ड व सेटेलाइट की तस्वीरों को आपस में मर्ज (सुपर इंपोज) किया जाएगा।
सेटेलाइट चित्र मौजूदा स्थिति को 100 फीसद सटीकता के अनुरूप दर्शाते हैं और ऐसे में संभव है कि समय के साथ सड़क, नाले-खाले, सरकारी भूमि आदि में बदलाव आ गया है। लिहाजा, विभागीय रिकॉर्ड व वर्तमान स्थिति का पता लगाने के लिए सेटेलाइट आधारित (जीआइएस) मास्टर प्लान में बिना छेड़छाड़ दोनों ही रिकॉर्ड को दर्ज कर दिया जाएगा।
इससे चुटकियों में यह भी पता लगाया जा सकता है कि किस क्षेत्र में कितना अतिक्रमण किया गया है। यह इसलिए भी संभव हो पाएगा कि हाई-रेजोल्यूशन सेटेलाइट चित्रों में जमीन पर कम से कम आधा मीटर क्षेत्रफल में बनी वस्तु व उसके बदलाव को भी दर्ज किया जा सकेगा। करीब 2.60 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया जा रहा यह मास्टर प्लान वर्ष 2005-2025 तक के मौजूदा मास्टर प्लान की जगह ले लेगा।मोबाइल एप भी तैयार
एमडीडीए उपाध्यक्ष डॉ. श्रीवास्तव ने बताया कि घर बैठे ही दून के मास्टर प्लान व भूपयोग आदि की जानकारी के लिए मोबाइल एप भी तैयार कर ली गई है। वहीं, दून के आर्थिक-सामाजिक (सोशियो-इकॉनोमिक) कंपोनेंट के तहत जमीनी स्तर पर लोगों की राय को भी इसमें शामिल किया जा रहा है। ताकि मास्टर प्लान को लोगों की मांग के अनुरूप भी तैयार किया जा सके। दूसरी तरफ जमीन पर मास्टर प्लान को हूबहू लागू करने के लिए डिफ्रेंशियल ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (डीजीपीएस) के अनुरूप बिंदु पर भी काम कर लिया गया है। इस क्षेत्रफल के लिए तैयार हो रहा मास्टर प्लान
देहरादून, 37432.96 हेक्टेयरमसूरी, 17891.00 हेक्टेयर
कुल, 55323.96 हेक्टेयरयह भी पढ़ें: ले आउट की अनेदखी से तैयार हो रही मुसीबत की कॉलोनियां, Dehradun News
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