कुपोषण से बाहर आई महापौर की गोद ली हुई निहारिका, पढ़िए पूरी खबर
राज्य सरकार की ओर से सुपोषण न मिलने के कारण कुपोषण के शिकार बच्चों को गोद लेने की योजना के तहत मासूम निहारिका कुपोषण से बाहर आ गई है।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Thu, 27 Feb 2020 02:20 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। राज्य सरकार की ओर से सुपोषण न मिलने के कारण कुपोषण के शिकार बच्चों को गोद लेने की योजना के तहत मासूम निहारिका कुपोषण से बाहर आ गई है। डालनवाला के चंदर रोड स्थित सूरज बस्ती निवासी दो वर्ष की बच्ची को महापौर सुनील उनियाल गामा ने गोद लिया हुआ है।
महापौर गामा ने बाल विकास विभाग के तीलू रौतेली भवन पहुंच मासूम निहारिका का हाल जाना व उसके स्वजनों से बातचीत की। इस दौरान बताया गया कि निहारिका कुपोषण से बाहर आ गई है और उसके माता-पिता ने सरकार की इस योजना के प्रति आभार भी जताया। महापौर ने वहां मौजूद अन्य बच्चों को भी फल और अन्य सामग्री वितरित की। बता दें कि, सरकार ने 2022 तक प्रदेश को कुपोषण से मुक्त कर सभी बच्चों को सुपोषण के दायरे में लाने का लक्ष्य निर्धारित किया हुआ है।जिसके तहत राज्य में कुपोषित बच्चों को चिह्नित कर उनके स्वास्थ्य की देखभाल करने का काम किया जा रहा। योजना में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत समेत सभी मंत्रियों और विधायकों ने भी ऐसे बच्चों को गोद लिया हुआ है। इसी के तहत महापौर गामा ने भी दो साल पहले निहारिका को सुपोषण दायरे में लाने के लिए उसे गोद लिया था। बच्ची के वजन में वृद्धि करने और शारीरिक तौर पर मजबूत बनाने के लिए उसे चिकित्सकों की सलाह पर खानपान दिया जा रहा। अब बच्ची की सेहत उचित बताई जा रही। इस दौरान महापौर ने निहारिका के पिता दीपक शाह व मां प्रियंका से भी बच्ची के पोषण को लेकर बात की।
टीकाकरण से वंचित हैं गुज्जर बस्ती के बच्चे
बाल आयोग की टीम ने मेंगवाला स्थित गुज्जर बस्ती के अस्थायी स्कूल का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान आयोग की टीम ने स्कूल में बच्चों को खाने-पीने की चीजें भी बांटी। निरीक्षण में यहां पढ़ रहे बच्चों और उनके अभिभावकों का टीकाकरण नहीं होने की बात भी सामने आई।
बुधवार को बाल आयोग, शिक्षा विभाग, बाल विकास परियोजना और चाइल्ड लाइन के प्रतिनिधि गुज्जर बस्ती के अस्थायी स्कूल के निरीक्षण को पहुंचे। यहां स्कूल की विभिन्न समस्याओं की जानकारी ली। यहां निरीक्षण में गर्भवती महिलाओं को पोषित आहार नहीं मिलने और टीकाकरण नहीं होने की बात भी सामने आयी। इस पर बाल विकास परियोजना के अधिकारियों ने संज्ञान लेते हुए महिलाओं को पोषित आहार उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। निरीक्षण में बस्ती के लोगों के आधार कार्ड में गलतियां होने की बात भी सामने आयी। आयोग अध्यक्ष उषा नेगी ने कहा कि मुख्यमंत्री को स्कूल के लिए पक्के कमरे निर्मित करने, शौचालय बनवाने और आधार कार्ड में गलतियां सुधार के लिए मदद करने के लिए पत्र लिखा जाएगा।
प्रवक्ता के खिलाफ जांच के आदेशबाल आयोग ने चाइल्ड लाइन के एक पत्र का संज्ञान लेते हुए त्यूणी के राजकीय इंटर कॉलेज सावड़ा में रसायन विज्ञान के प्रवक्ता के खिलाफ जांच करने के निर्देश शिक्षा विभाग को दिए। बुधवार को शिक्षा विभाग को पत्र जारी करते हुए आयोग अध्यक्ष उषा नेगी ने बताया कि चाइल्ड लाइन पर प्रवक्ता के खिलाफ शिकायत आयी है कि परीक्षा में अच्छे नंबर देने के लिए वह बच्चों से शराब और मीट देने को कहता है। प्रवक्ता के खिलाफ छात्राओं के शोषण की शिकायत भी दर्ज हुई है। आयोग अध्यक्ष ने शिक्षा विभाग को 15 दिनों के भीतर शिकायत की जांच कर मामले की रिपोर्ट आयोग को सौंपने के आदेश दिए।
खाने का सैंपल नहीं रखा तो कार्रवाई होगीराज्य खाद्य आयोग अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में पूर्ति विभाग के अधिकारियों ने रायपुर ब्लॉक के स्कूलों और आंगनबाडिय़ों का निरीक्षण किया। इसके अलावा इन क्षेत्रों में राशन की दुकानों पर भी छापेमारी की गई। आयोग ने निरीक्षण के दौरान एमडीएम की गुणवत्ता का जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान जिन स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में दोपहर में पके खाने के सैंपल नहीं मिले।
यह भी पढ़ें: Mid Day Meal: उत्तराखंड के स्कूलों में महीने में एक दिन होगा विशेष भोजउन्हें सैंपल रखने के आदेश दिए गए। आयोग अध्यक्ष ने दोबारा पकड़े जाने पर सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी दी। भूपेंद्र रावत ने पूर्ति विभाग के अधिकारियों को राशन की दुकानों पर मौजूद चना दाल को भी स्कूलों में उपलब्ध कराने का प्रस्ताव दिया। साथ ही अधोईवाला में काशी राम और गुजराड़ा में दीपक शर्मा एवं राकेश ममगाईं की राशन की दुकानों का भी निरीक्षण किया गया। निरीक्षण में आयोग के सदस्य संदीप, पूर्ति अधिकारी विभूती जुयाल समेत अन्य लोग मौजूद रहे।
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