Move to Jagran APP

देहरादून में कृषि उत्पादन मंडी समिति बना रही जैविक कचरे से खाद

समिति ने मंडी परिसर में जैविक कूड़ा सयंत्र स्थापित किया है, जिसमें मंडी से निकलने वाले जैविक कचरे से खाद बनाई जा रही है।

By Krishan KumarEdited By: Updated: Sun, 16 Sep 2018 06:00 AM (IST)

शहर से रोजाना निकलने वाले करीब 300 मीट्रिक टन कचरे को संसाधन मानते हुए जैविक कूड़ा-कचरे का उपयोग खाद और बिजली बनाने में किया जाए तो सोने में सुहागा। इससे कूड़ा प्रबंधन बेहतर होने के साथ ही यह आर्थिकी का जरिया भी बनेगा। राज्य की सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट नीति में भी शामिल है और प्रदेश सरकार ने इसे बढ़ावा देने का निश्चय भी किया है। इसी कड़ी में कृषि उत्पादन मंडी समिति, देहरादून जैविक कचरे से खाद बनाने की मुहिम को आगे बढ़ाने में जुटी है। समिति ने मंडी परिसर में जैविक कूड़ा सयंत्र स्थापित किया है, जिसमें मंडी से निकलने वाले जैविक कचरे से खाद बनाई जा रही है। महज पांच रुपये प्रति किलो के हिसाब से मिलने वाली यह खाद न सिर्फ खेतों को हरा-भरा कर रही, बल्कि जमीन को जहरीली होने से भी बचा रही है।

50 टन क्षमता का सयंत्र लगाने की तैयारी
कृषि एवं मंडी समिति देहरादून के सचिव विजय थपलियाल बताते हैं कि अभी मंडी परिसर में लगे जैविक कूड़ा सयंत्र से 20 दिन में 10 टन जैविक खाद तैयार की जाती है। समिति यहां अब 50 टन क्षमता का सयंत्र लगाने की योजना पर कार्य कर रही है, जिससे 20 घंटे में खाद तैयार की जा सकेगी। इसके लिए जरूरी है कि ज्यादा से ज्यादा मात्रा में जैविक कचरा मिले। उन्होंने बताया कि इस संबंध में नगर निगम से एमओयू साइन किया जाएगा, खाद बनाने को पर्याप्त मात्रा में जैविक कचरा मिल सके। खाद बनने से जहां राजस्व में वृद्धि होगी, वहीं कचरे का बेहतर प्रबंधन भी हो सकेगा।

महज पांच रुपये में एक किलो खाद
मंडी परिसर में स्थापित सयंत्र से निर्मित खाद महज पांच रुपये प्रति किलो के हिसाब से लोगों को मुहैया कराई जा रही है। मंडी समिति के अनुसार परीक्षण में यह खाद सभी मानकों पर खरी पाई गई।

अपणु बाजार से जुड़े किसान
मंडी समिति ने शहरवासियों को उचित दरों पर ताजे फल-सब्जियां उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ननूरखेड़ा में अपणु बाजार (अपना बाजार) नाम से हाट व्यवस्था भी प्रारंभ की है। वहां करीब डेढ़ सौ किसान व कारोबारी जुड़े हैं, जो लोगों को रोजाना ताजे फल-सब्जियां मुहैया कराते हैं। अपणु बाजार से आसपास के क्षेत्रों के किसान जुड़े हैं। इससे उनकी विपणन से संबंधित दिक्कतें दूर हुई है। केंद्र सरकार की मंशा के अनुरूप मंडी समिति ने अब हाट बाजार के कॉन्सेप्ट को तेजी से आगे बढ़ाने की ठानी है।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।