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माय सिटी माय प्राइड : 45 बच्चों को नवोदय में प्रवेश दिलाने की मुहिम में जुटे हैं देहरादून के ये अध्‍यापक

देहरादून के राजीव नवोदय विद्यालय में प्रवक्ता डॉ.एसएस राणा ने विद्यालय में नि:शुल्‍क कोचिंग कक्षाएं प्रारंभ कर दी हैं

By Krishan KumarEdited By: Updated: Mon, 27 May 2019 07:01 PM (IST)

देहरादून: 'दैनिक जागरण' के 'माय सिटी माय प्राइड' महाभियान के तहत शुरू की गई कोशिशें धरातल पर आकार लेने लगी हैं। महाभियान के दौरान छात्रों को नवोदय विद्यालय में प्रवेश दिलाने के मद्देनजर मुफ्त कोचिंग का संकल्प लिया था। इस कड़ी में देहरादून के राजीव नवोदय विद्यालय ननूरखेड़ा के अर्थशास्त्र के प्रवक्ता डॉ.एसएस राणा ने यह मुहिम तेज कर दी है। उन्‍होंने विद्यालय में नि:शुल्‍क कोचिंग कक्षाएं प्रारंभ कर दी हैं, इनमें सरकारी प्राथमिक स्कूलों के अलावा आसपास के निजी स्कूलों के विद्यार्थी कोचिंग ले रहे हैं। 

एक ओर जहां कोचिंग के नाम पर प्रतिमाह लाखों रुपये कमाने की होड़ लगी हुई है, वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनका लक्ष्य गरीब एवं निर्धन छात्रों को नि:शुल्‍क कोचिंग देकर नवोदय विद्यालय जैसे बेहतर स्कूल में प्रवेश दिलाना है। कुछ ऐसा ही नेक कार्य राजीव गांधी नवोदय विद्यालय तपोवन ननूरखेड़ा में अर्थशास्त्र के प्रवक्ता डॉ. एसएस राणा कर रहे हैं। वह शीतकालीन अवकाश के दौरान आसपास की प्राइमरी और निजी स्कूलों के पांचवीं कक्षा के बच्चों को नि:शुल्‍क कोचिंग दे रहे हैं। अभी तक 75 छात्र कोचिंग लेने के बाद नवोदय विद्यालयों में छठीं कक्षा में प्रवेश पाने से सफल रहे हैं, जिसमें सरकारी प्राइमरी स्कूलों के बच्चे भी शामिल हैं।

राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित डॉ.राणा की इस मुहिम को 'दैनिक जागरण' के 'माय सिटी माय प्राइड महाभियान' से भी संबल मिला। महाभियान में उनकी सक्रिय भागीदारी रही। डॉ.राणा ने अपने विद्यालय में बीती 26 दिसंबर से नि:शुल्‍क कोचिंग कक्षाएं शुरू कर दी हैं, जो 16 जनवरी तक चलेंगी। कोचिंग लेने वाले बच्चों में प्राइमरी स्कूलों सहित प्राइवेट विद्यालयों की 30 छात्राएं एवं 15 छात्र हैं। कोचिंग कक्षा सुबह नौ बजे से 11 बजे तक चलती है। कोचिंग क्लास में सभी पांचवीं के छात्रों को प्रतिदिन गणित, रीजनिंग व उत्तराखंड सामान्य ज्ञान के बारे में पढ़ाया जा रहा है।

डॉ.राणा के अनुसार उनका उद्देश्य है कि सरकारी प्राइमरी स्कूलों के बच्चे भी नवोदय विद्यालय में प्रवेश लें। पब्लिक स्कूलों एवं संपन्न परिवारों के बच्चे तो कहीं भी कोचिंग लेकर नवोदय में प्रवेश ले सकते हैं, लेकिन प्राइमरी स्कूल में पढ़ रहे बच्चे एवं जिनके परिवार कोचिंग नहीं दिलवा पाते। ऐसे हुनरमंद छात्रों को वह नि:शुल्‍क कोचिंग के जरिये तराशते हैं।

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