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एमडीडीए ने वेबसाइट पर डाली अवैध प्लॉटिंग की सूची, पढ़िए पूरी खबर

एमडीडीए ने अवैध प्लॉटिंग पर अंकुश लगाने के लिए नई पहल की है। एमडीडीए ने अवैध प्लॉटिंग की सूची अपनी वेबसाइट पर डाल दी है। ऐसे पहली बार हुआ है।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Fri, 27 Sep 2019 12:46 PM (IST)
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एमडीडीए ने वेबसाइट पर डाली अवैध प्लॉटिंग की सूची, पढ़िए पूरी खबर
देहरादून, सुमन सेमवाल। देर से ही सही मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) ने अवैध प्लॉटिंग पर अंकुश लगाने के लिए नई पहल की है। एमडीडीए ने अवैध प्लॉटिंग की सूची अपनी वेबसाइट पर डाल दी है। ऐसे पहली बार हुआ है, जब प्राधिकरण ने किसी मामले में इस तरह अवैध प्लॉटिंग को एक साथ सार्वजनिक किया। इससे न सिर्फ लोग यह जान पाएंगे कि किन भूखंडों के ले-आउट पास नहीं किए गए हैं, ताकि अपनी खून-पसीने की कमाई लगाने से पहले ही वह सचेत हो जाएं।

जागरण ने 25 सितंबर के अंक में 'डीलरों से कराओ अवैध प्लॉटिंग, भरपाई करेगी जनता' शीर्षक से प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी। इसमें बताया गया था कि बिना ले-आउट पास भूखंडों में लोगों को न तो पर्याप्त चौड़ाई की सड़क मिल पाती है, न ही उसमें नाली निर्माण व ग्रीन एरिया (हरित क्षेत्र) के लिए कोई जगह होती है। दूसरी तरफ जब लोग ऐसे भूखंड पर नक्शा पास कराने जाते हैं तो प्रॉपर्टी डीलर के हिस्से की रकम लोगों को एक-एक कर सात फीसद तक (सर्किल रेट के मुताबिक) चुकता करनी होती है। यह राशि भवन निर्माण के डेवलपमेंट चार्ज के इतर होती है।

इसके अलावा यह भी बताया था कि एमडीडीए ने बोर्ड बैठक के माध्यम से पहली दफा अवैध प्लॉटिंग रोकने के लिए प्रति हेक्टेयर एक लाख जुर्माने का प्रस्ताव पास किया, लेकिन इसे शासन से स्वीकृति ही नहीं मिल पा रही। खबर का त्वरित रूप से संज्ञान लेकर एमडीडीए ने न सिर्फ अवैध प्लॉटिंग की सूची को वेबसाइट पर डाल दिया, बल्कि अवैध प्लॉटिंग की जानकारी एमडीडीए की साइट को खोलते ही दिख रही है। एमडीडीए के मुख्य पृष्ठ पर बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा है 'बिवेयर ऑफ इलीगल प्लॉटिंग'। यानी कि अवैध प्लॉटिंग से सावधान रहें। इस पर सूची के विकल्प पर क्लिक करते ही क्षेत्रवार पूरी सूची सामने है और उसमें प्लॉटिंग करने वालों के नाम भी दिए गए हैं। यह भी बताया गया है कि अवैध प्लॉटिंग पर अब तक क्या कार्रवाई की गई।

सूची में 102 अवैध प्लॉटिंग शामिल

अवैध प्लॉटिंग की जानकारी एमडीडीए की वेबसाइट पर सेक्टरवार (01 से लेकर 12) तक दी गई है। जिसमें सेक्टर 01 से 06 तक 37 अवैध प्लॉटिंग है। सेक्टर 07 से 10 तक 33 अवैध प्लॉटिंग शामिल है, जबकि सेक्टर 11 व 12 में 32 अवैध प्लॉटिंग को चिह्नित किया गया है। 

इन क्षेत्रों में है अवैध प्लॉटिंग

सेक्टर 01 से 06

नई बस्ती मोथरोंवाला, दीपनगर, कैलाश अस्पताल के सामने, नथुवावाला में शांति विहार व गुजरोवाली, अपर नेहरू ग्राम में सिंचाई नहर पुल के नीचे, सहस्रधारा रोड पर कालागांव, धर्मपुर डांडा क्षेत्र में बद्रीश कॉलोनी व अपर राजीव नगर, ब्राह्मणवाला में शकुंतला कॉलेज के पीछे। मयूर कॉलोनी नेहरूग्राम, सहस्रधारा रोड पर ग्राम कुल्हान मानसिंह, नवादा के पास भतल भट्टा, सहस्रधारा रोड पर किरसाली गांव, रिंग रोड, आमवाला, नवादा गांव, पाम सिटी के पीछे, धोरणखास में आइटी पार्क के पीछे, हर्रावाला पुलिस चौकी के पीछे, बंजारावाला में भागीरथीपुरम भूखंड-चार, ब्राह्मणवाला में बलूनी स्कूल के पास, मोथरोंवाला दूधली, धोरणखास, तरला नागल में आरबोरिया ग्रुप हाउसिंग के पीछे, तरला नागल, नागल हटनाला, बीमा विहार से आगे, शिवालिक रेजीडेंसी बीमा विहार, पाम सिटी, डांडा नूरीवाला, हिल यूनिवर्सिटी के पास चार खंभा, मियांवाला।

सेक्टर 07 से 10

जोहड़ी गांव, बगराल गांव, गल्जवाड़ी, पुरकुल गांव, जंतनवाला, बलासपुर कांडली, नेशविला रोड, धौलास, मसंदावाला, कंडोली, कोटड़ा संतौर, सुद्धौंवाला, पौंधा, झाझरा, फूलसनी, कौलागढ़, कौलागढ़ मयचक।

सेक्टर 11 से 12

शिमला बाईपास रोड, भुड्डी गांव, बडोवाला, ठाकुरपुर, हरबंसवाला, मेहूंवाला, अंबीवाला, आरकेडिया ग्रांट, नाथूवाला, ईस्ट होप टाउन, राज विहार, सेवला कलां, गोरखपुर, ऋषि विहार, भूडपुर।

जो मामले पकड़ में आ चुके, उनकी है सूची

एमडीडीए ने वेबसाइट पर अवैध प्लॉटिंग की जो सूची डाली है, वह पकड़ में आ चुके प्रकरणों की है। एमडीडीए ने इन पर कार्रवाई भी की है। फिर भी यह कह पाना संभव नहीं कि कार्रवाई के बाद भी अवैध प्लॉटिंग का धंधा बंद हो गया है। इस बात का पता तभी चल सकता है, जब संबंधित सुपरवाइजर, अवर अभियंता व सहायक अभियंता उनकी दोबारा जांच नहीं कर लेते। दूसरी तरफ दून में अभी भी ऐसी अवैध प्लॉटिंग की संख्या काफी अधिक है, जो अभी तक भी पकड़ में नहीं आ पाई।

...तो एमडीडीए में सिर्फ 33 प्लॉटिंग पास

एमडीडीए की वेबसाइट पर नजर डालें तो इसमें स्वीकृत ले-आउट की सूची भी है। हालांकि, इसमें चौंकाने वाली बात यह भी है कि स्वीकृत ले-आउट की संख्या महज 33 दिखाई गई है। वेबसाइट के मुताबिक पहला ले-आउट वर्ष 1987 में पास होना दिखाया गया है और आखिरी बार वर्ष 2012 में ले-आउट पास किया गया। वैसे भी सामान्य तौर पर देखें तो दून में अधिकांश भूखंड का ले-आउट पास ही नहीं है। इसी के चलते दून में संकरी सड़कें, जलभराव, पार्कों का अभाव आदि समस्याएं पेश आ रही हैं।

इसलिए जरूरी है अवैध प्लॉटिंग से बचना

  • अवैध प्लॉटिंग में प्रॉपर्टी डीलर भूखंड बेचकर अधिक से अधिक मुनाफा कमाना चाहते हैं, लिहाजा वह सड़क की पर्याप्त चौड़ाई, पार्क, नाली निर्माण, मंदिर निर्माण आदि के लिए या तो जगह नहीं छोड़ते हैं या उनका आकार मानक से कम होता है।
  • ले-आउट पास कराने पर संबंधित भू-स्वामी को अच्छा खासा चार्ज एमडीडीए में जमा करना पड़ता है, लिहाजा वह नियमों से परे होकर होकर भूखंड बेचता है।
  • इस तरह के भूखंड पर जब लोग भवन निर्माण करते हैं तो उन्हें डेवलपमेंट चार्ज के साथ सब-डिविजन चार्ज भी भरना पड़ता है। आवासीय व कमर्शियल के लिहाज से यह चार्ज सर्किल रेट का सात फीसद तक होता है।
  • आबादी के निकट वाले ऐसे भूखंड में सब-डिविजन चार्ज देकर भवन का नक्शा पास किया जा सकता है, मगर ऐसे नए क्षेत्रों जहां सड़क आदि की समुचित व्यवस्था नहीं है, वहां नक्शे पास हो पाना मुश्किल है।
  • प्रॉपर्टी डीलर कृषि भूमि पर भी प्लॉटिंग कर देते हैं और ऐसे भूखंड का ले-आउट पास नहीं किया जाता। लिहाजा, यहां भवन निर्माण का नक्शा पास भी नहीं होता है। जब तक इस बात का पता चलता है, तब तक लोग अपनी खून पसीने की कमाई लुटा चुके होते हैं। 
डॉ. आशीष श्रीवास्तव (उपाध्यक्ष, एमडीडीए) का कहना है कि अवैध प्लॉटिंग पर अंकुश लगाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। नियमों को सख्त बनाया जा रहा है। साथ ही निरंतर फील्ड सर्वे भी कराया जा रहा है। अवैध निर्माण की प्रवृत्ति पर रोक लगाने के लिए जीआइएस आधारित मास्टर प्लान भी तैयार किया जा रहा है। इसके बाद हर एक अवैध निर्माण व अवैध प्लॉटिंग को चिह्नित कर उसकी ऑनलाइन निगरानी भी की जा सकेगी। निकट भविष्य में अवैध निर्माण के सभी रास्ते बंद कर दिए जाएंगे।

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मियांवाला की अवैध प्लॉटिंग पर ध्वस्तीकरण नोटिस

एमडीडीए सचिव जीसी गुणवंत ने बताया कि हर्रावाला-मियांवाला की सीमा पर 13.5 बीघा भूमि पर भीष्म कुमार, दिनेश कुमार, प्रवीण आनंद आदि की ओर से गई अवैध प्लॉटिंग को 26 अगस्त को ध्वस्त कर दिया गया था। प्रकाश में आया है कि भूमि पर दोबारा अवैध प्लॉटिंग की गई है। इस पर संबंधित पक्षकारों को ध्वस्तीकरण नोटिस जारी किया गया है। प्रकरण में 30 सितंबर को सुनवाई होगी और इसके बाद अवैध प्लॉटिंग को ध्वस्त कर वहां चेतावनी बोर्ड भी लगा दिए जाएंगे। इस मामले में रेरा ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर आवश्यक कार्रवाई के लिए कहा था। जिलाधिकारी सी रविशंकर का कहना है कि मामले में संबंधित भूखंड पर रजिस्ट्रियों पर रोक लगाने आदि की कार्रवाई जल्द पूरी कर दी जाएगी।

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