मीटू प्रकरण : संजय के मोबाइल की एफएसएल रिपोर्ट का इंतजार
मीटू मामले में पुलिस केंद्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजे गए भाजपा नेता संजय कुमार के मोबाइल के तकनीकी जांच रिपोर्ट का इंतजार कर रही है।
By Edited By: Updated: Sat, 02 Mar 2019 11:39 AM (IST)
देहरादून, जेएनएन। मीटू प्रकरण में पीड़िता के बयान और जांच में सामने आए तथ्यों में विरोधाभास के बाद पुलिस पशोपेश में है। अब पुलिस केंद्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजे गए भाजपा नेता संजय कुमार के मोबाइल के तकनीकी जांच रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। ऐसे में अब जांच की दिशा इस रिपोर्ट के आने के बाद ही तय होगी। सूत्रों की मानें तो इस रिपोर्ट के आने में अभी दो-तीन महीने का वक्त लग सकता है।
बीते साल अक्टूबर महीने में एक युवती ने भाजपा के पूर्व महामंत्री संगठन संजय कुमार पर फोन पर अश्लील बात करने और शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया था। भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारी पर लगे इन आरोपो से सियासी गलियारे में तूफान खड़ा हो गया और आनन-फानन संजय कुमार को पद से भी हटा दिया गया। युवती की ओर से इस मामले में एसएसपी निवेदिता कुकरेती को ई-मेल के जरिए तहरीर भेजी गई थी। जांच के बाद बीती पांच जनवरी को पीड़िता देहरादून पहुंची और पुलिस के समक्ष बयान दर्ज कराया। युवती ने यह भी कहा कि वह इस मामले में मुकदमा दर्ज कराने को तैयार है। मामले में उसी दिन संजय कुमार के खिलाफ शहर कोतवाली में मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया।
इसके दो दिन बाद पीड़िता ने मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दर्ज कराया, जिसमें उसने बताया कि संजय कुमार ने एक फ्लैट में ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म भी किया था। इस तथ्य के सामने आने के बाद मामले में दुष्कर्म की धारा बढ़ा दी गई। लेकिन, पिछले दिनों जांच में यह सामने आया कि पीड़िता ने जिस तिथि को दुष्कर्म किए जाने की बात कही है, उस दिन संजय कुमार एक वैवाहिक समारोह में थे। इसके फोटोग्राफ और फुटेज भी पुलिस को मुहैया कराए गए थे। हालांकि, पुलिस ने अभी तक मुकदमे से दुष्कर्म की धारा हटाई नहीं है। माना जा रहा है कि कुछ और साक्ष्य एकत्र किए जा रहे हैं। एसपी सिटी श्वेता चौबे ने बताया कि केंद्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला को भेजे गए संजय कुमार के मोबाइल की जांच रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। इससे पता चलेगा कि पीड़िता ने अपने बयान में जो बातें कही हैं, उनमें कितनी सच्चाई है।
बढ़ सकती है विवेचना की समय सीमा हाईप्रोफाइल मामले में पांच जनवरी को कोतवाली में मुकदमा दर्ज हुआ था। ऐसे में प्रकरण में साठ दिन के भीतर विवेचना पूरी कर आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल करना है, लेकिन बयान और हकीकत में आए विरोधाभास के चलते विवेचना लंबी खिंच सकती है।
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