Dehradun News: पशुपतिनाथ मंदिर नेपाल के सदस्य सचिव पहुंचे परमार्थ निकेतन, स्वामी असंगानंद का लिया आशीर्वाद
पशुपतिनाथ क्षेत्र विकास कोष काठमांडू नेपाल के सचिव डा. मिलन कुमार थापा पशुपतिनाथ मन्दिर के सलाहकार कृष्ण मुरारी और नेपाल मंदिर के निदेशक सीताराम रिसाल ने परमार्थ निकेतन पहुंचकर महामंडलेश्वर स्वामी असंगानंद का आशीर्वाद प्राप्त किया। देश के प्रथम सीडीएस जनरल बिपिन रावत की स्मृति में उनके पैतृक सैंण गांव में भगवान पशुपतिनाथ मंदिर की प्रतिमूर्ति का निर्माण कार्य चल रहा है।
By Harish chandra tiwariEdited By: riya.pandeyUpdated: Thu, 20 Jul 2023 10:14 PM (IST)
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश: पशुपतिनाथ क्षेत्र विकास कोष काठमांडू नेपाल के सचिव डा. मिलन कुमार थापा, पशुपतिनाथ मन्दिर के सलाहकार कृष्ण मुरारी और नेपाल मंदिर के निदेशक सीताराम रिसाल ने परमार्थ निकेतन पहुंचकर महामंडलेश्वर स्वामी असंगानंद का आशीर्वाद प्राप्त किया।
पशुपतिनाथ मंदिर की प्रतिमूर्ति का निर्माण कार्य
देश के प्रथम सीडीएस जनरल बिपिन रावत की स्मृति में उनके पैतृक सैंण गांव में भगवान पशुपतिनाथ मंदिर की प्रतिमूर्ति का निर्माण कार्य चल रहा है। जिसका शिलान्यास लगभग चार महीने पूर्व परमार्थ परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने किया था। इसी संदर्भ में पशुपतिनाथ क्षेत्र विकास कोष काठमांडू नेपाल के सचिव डा. मिलन कुमार थापा, पशुपतिनाथ मन्दिर के सलाहकार कृष्ण मुरारी और नेपाल मंदिर के निदेशक सीताराम रिसाल परमार्थ निकेतन पहुंचे। उन्होंने परमार्थ के महामंडलेश्वर स्वामी असंगानंद से मुलाकात कर आशीर्वाद प्राप्त किया।
भारत व नेपाल की एक ही आत्मा सनातन संस्कृति
महाराज ने कहा कि भारत और नेपाल दोनों में शरीर और आत्मा जैसा संबंध है। दोनों राष्ट्र तो अलग-अलग हैं लेकिन इनकी आत्मा सनातन संस्कृति एक ही है। जैसे बिना आत्मा के शरीर व्यर्थ है ठीक वैसे ही सनातन संस्कृति के बिना दोनों राष्ट्र केवल भूमि के टुकड़े हैं इसलिए दोनों देशों को अपनी आत्मा अपनी सनातन संस्कृति को बनाए रखना बहुत जरूरी है।पशुपतिनाथ मंदिर नेपाल के निदेशक सीताराम रिसाल ने बताया कि सैंण गांव में बन रहे श्री पशुपतिनाथ मंदिर की प्रतिमूर्ति के विग्रह- भगवान शिव की मूर्ति बाबा का डमरू त्रिशूल और नंदी शालिग्राम पत्थर से बनाकर नेपाल की ओर से भारत को दिए जाएंगे।
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