उत्तराखंड में मानसून ने दी दस्तक, पिथौरागढ़ में रामगंगा उफान पर; किच्छा में हुआ जलभराव
उत्तराखंड में मानसून ने दस्तक दे दी है। बारिश से पिथौरागढ़ में रामगंगा नदी उफान पर है वहीं किच्छा में जलभराव की समस्या पैदा हो गई। उधर देहरादून में भी बारिश हुई।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Mon, 24 Jun 2019 07:59 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। प्रदेश में मौसम के तेवर बदलने लगे हैं। सुबह से भले ही उमस ने बेचैन किया हो, लेकिन दोपहर बाद मौसम का मिजाज बदला और कई जगह तेज बौछारें पड़ीं। उत्तरकाशी में तेज बारिश के साथ ही आंधी से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया, वहीं नंदप्रयाग में तूफान से स्कूल की छत उड़ गई और दो कमरे क्षतिग्रस्त हो गए। मैदानी क्षेत्रों में हल्की बूंदा-बांदी से शाम सुहानी हो गई। मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश में 27 जून तक बारिश का दौर चलता रहेगा। इस बीच मैदानी क्षेत्रों में 60 से 70 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से हवा भी चल सकती है। सोमवार को पिथौरागढ़ में जिले में ऊंचाई वाले क्षेत्रो में हो रही बारिश से नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। वहीं, बारिश किच्छा के लिए आफत बनकर आई। लेफ्ट पाहा नहर उफान पर आ गई। पानी ओवरफ्लो होकर लोगों के घरों में घुस गया, जिससे लाखों का सामान खराब हो गया।
मौसम में आए बदलाव से पारे की रफ्तार पर भी अंकुश लगा है। अधिकतम तापमान में करीब तीन से चार डिग्री सेल्सियस की कमी आई है। रविवार को दोपहर बाद बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के साथ ही टिहरी, उत्तरकाशी, चमोली, पिथौरागढ़ और नैनीताल में बारिश से मौसम सुहावना हो गया है। राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने के कारण फिलहाल राज्य में बारिश का क्रम बना हुआ है।
इस मानसून में नहीं होगी पेयजल किल्लत
मानसून के उत्तराखंड पहुंचने में भले ही अभी वक्त हो, लेकिन मानसून सीजन के दौरान होने वाली दुश्वारियों से निबटने के लिए पेयजल महकमे ने कमर कस ली है। इस कड़ी में शासन ने जल संस्थान को निर्देश दिए हैं कि मानसून में अतिवृष्टि से क्षतिग्रस्त होने वाली पेयजल योजनाओं की तुरंत मरम्मत के सभी क्षेत्रों में पर्याप्त सामग्री का भंडारण कर लिया जाए।
शासन ने जल संस्थान के लिए एडवाइजरी भी जारी कर दी है। प्रदेश में मानसून सीजन के दौरान अतिवृष्टि, भूस्खलन के चलते पेयजल योजनाएं क्षतिग्रस्त होने से लोगों को पानी के लिए तरसना पड़ता है। विशेषकर पर्वतीय क्षेत्रों में दुश्वारियां ज्यादा बढ़ जाती हैं। इस सबको देखते हुए शासन भी सक्रिय हो गया है। सचिव पेयजल अरविंद सिंह ह्यांकी के अनुसार मानसून में पेयजल किल्लत न हो, इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। जिलाधिकारियों को धनराशि जारी कर दी गई है। साथ ही जल संस्थान के लिए एडवाइजरी जारी की गई है। पेयजल सचिव के अनुसार जल संस्थान को निर्देश दिए गए हैं कि वह आपदा की दृष्टि से सभी संवेदनशील क्षेत्रों पर खास फोकस करे।
सभी जिलों में पेयजल योजनाओं की मरम्मत के मद्देनजर पर्याप्त सामग्री अभी से भंडारण करने को कहा गया है, ताकि बाद में दिक्कत न हो। इस कड़ी में हल्द्वानी, पिथौरागढ़ व रुद्रप्रयाग में ज्यादा सामग्री रखने को कहा गया है। उन्होंने बताया कि पेयजल योजनाओं की मरम्मत और पेयजल की वैकल्पिक व्यवस्था के लिए जरूरत पड़ने पर जिलाधिकारियों के अधीन आपदा मद से भी मदद मांगी जाएगी।
आफत बन कर आई किच्छा के लिए बारिश, घरो में घुसा पानीबारिश किच्छा के लिए आफत बनकर आई। लेफ्ट पाहा नहर उफान पर आ गई। पानी ओवरफ्लो होकर लोगों के घरों में घुस गया, जिससे लाखों का सामान खराब हो गया। नगर पालिका और प्रशासन की टीम राहत कार्यों के लिए सड़क पर उतर आए। सोमवार सुबह लगभग 5:30 बजे शुरू हुई। बारिश ने धीरे धीरे मूसलधार रूप धारण कर लिया। लगातार 5 घंटे हुई। बारिश से शहर के बीच से निकलने वाली लेफ्ट नहर उफान पर आ गई। नहर का पानी ओवरफ्लो होकर घरों में घुस गया। अचानक घर में पानी घुसने से हड़कंप मच गया। जब तक लोग कुछ समझ पाते तब तक पानी घर के अंदर पूरी तरह घुस गया। जिससे बेंजोला बुक डिपो के गोदाम में रखी पठन सामग्री, किताबें आदि सामना पानी से खराब हो गई। इसके अलावा लोगों का अन्य घरेलू सामान पानी से खराब हो गया। नगर पालिका अध्यक्ष दर्शन खोली पूरी टीम के साथ नहर में आए अवरोध को दूर करने में जुट गए। बरसात की परवाह किए बिना नगरपालिका की टीम लेफ्ट पाहा का पानी सुचारू रूप से निकालने में जुट गई। तहसीलदार महेंद्र बिष्ट के नेतृत्व में राजस्व विभाग की टीम ने नगर में हुए जलभराव के साथ ही बरसात से हुए लाखों के नुकसान का जायजा लिया।
पिथौरागढ़ में बारिश से बढ़ा नदियों का जलस्तर
पिथौरागढ़ में जिले में ऊंचाई वाले क्षेत्रो में हो रही बारिश से नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। मुनस्यारी तहसील के नाचनी के पास राम गंगा नदी पर बना अस्थाई लकड़ी पुल का एक हिस्सा नदी का जलस्तर बढ़ने से बह गया है। बीते वर्ष राम गंगा नदी पर बागेश्वर और पिथौरागढ़ को जोड़ने वाला झूला पुल बह गया था। इसके स्थान पर लोनिवि ने 100 मीटर लम्बी गरारी बनाई है। जिससे आवाजाही में दिक्कत आ रही थी। बागेश्वर के छह गावों के 100 के आसपास बच्चे प्राथमिक से इंटर तक की पढ़ाई के लिए नाचनी आते है। ग्रामीणों ने इस समस्या से निपटने के लिए नाचनी के पास 70 मीटर लंबा लकड़ी का अस्थाई पुल बनाया। बीती रात्रि की बारिश से राम गंगा का जलस्तर बढ़ गया, जिससे पुल का एक हिस्सा बह गया है और पुल डूबने लगा है। एक बार फिर स्कूली बच्चों को फिर से जान जोखिम में डाल कर पढ़ने के लिए आना होगा।यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में प्री-मानसून हुआ सक्रिय, मैदानी क्षेत्रों में चल सकती हैं तेज हवाएंयह भी पढ़ें: उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में छाए रहे बादल, देहरादून और मसूरी में हुई बारिशलोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।