उत्तराखंड: जंगलों में आग बुझाने को पहुंचा वायुसेना का MI-17 हेलीकॉप्टर
उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग अब बेकाबू होती जा रही है। हालात की भयावहता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अब वायु सेना भी मदद को आगे आ गई है।
देहरादून। उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग अब बेकाबू होती जा रही है। आसमान छू रही लपटों के कारण घर-आंगन और खेत खलिहान से लेकर सफर तक सुरक्षित नहीं है। हालात की भयावहता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सेना के बाद अब वायु सेना भी मदद को पहुंच गई है। राज्यपाल डॉ. केके पॉल की पहल पर वायुसेना का एक- एक एमआइ-17 हेलीकॉप्टर पौड़ी जिले के श्रीनगर और नैनीताल के भवाली पहुंचा। तीन हजार लीटर टैंक की क्षमता वाले इस हेलीकाप्टर से कल से जंगलों पर पानी का छिड़काव किया जाएगा। वहीं,पीएमओ ने उत्तराखंड शासन से जंगलों में लगी आग के बारे में जानकारी मांगी है। साथ ही हरसंभव मदद का भरोसा भी दिलाया है।
पांच घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। राज्यपॉल डॉ. केके पाल के निर्देश पर अग्नि आपदा से निपटने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को उतारा गया है। एनडीआरएफ की एक-एक टीम अल्मोड़ा, चमोली के गौचर और पौड़ी, जबकि एसडीआरएफ को नैनीताल में तैनात किया गया है।
इसके अलावा नैनीताल में गुरुवार की शाम वनाग्नि ने एक और जिंदगी लील ली। इसी के साथ मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर सात हो गया है, जबकि अब तक झुलसे लोगों की संख्या 14 है।
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बीते रोज प्रदेश में आग की कुल 91 घटनाएं दर्ज की गईं, जिससे 204.45 हेक्टेयर जंगल राख हो गया। मुख्य वन संरक्षक एवं नोडल अधिकारी (वनाग्नि) बीपी गुप्ता ने बताया कि फायर सीजन (15 फरवरी से 15 जून तक) शुरू होने से अब तक 1800 हेक्टयेर वन भूमि आग की चपेट में आ चुकी है।
आग का सर्वाधिक असर गढ़वाल मंडल में है। अब तक दर्ज 922 घटनाओं में से 517 गढ़वाल मंडल में ही हैं, जबकि कुमाऊं मंडल में यह आंकड़ा 260 है, शेष घटनाएं संरक्षित वन क्षेत्र की हैं। गौरतलब है कि गढ़वाल मंडल में 480 गांवों की दो लाख से ज्यादा आबादी वनाग्नि की जद में है।
आग का सबसे ज्यादा असर चमोली, पौड़ी, रुद्रप्रयाग, टिहरी, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा और नैनीताल जिलों में हैं। बीती सुबह रुद्रप्रयाग जिले में जिला मुख्यालय से महज पांच किलोमीटर दूर सड़क के पास स्थित तुना गांव के जंगल में लगी भीषण आग से प्रशासन के होश उड़ गए।
मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम भी असहाय नजर आने लगी तो प्रशासन ने सेना की मदद लेने का निर्णय लिया। कुमाऊं रेजीमेंट के 40 जवानों की मदद से कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। रुदप्रयाग के जिलाधिकारी डॉ. राघव लंघर ने भी सभी कर्मचारियों व अधिकारियों को आग बुझाने में वन विभाग का सहयोग करने के निर्देश दिए हैं। इस काम में पीआरडी जवानों कर भी मदद ली जा रही है।
जिले में अब तक आग से 65 हेक्टयेर वनभूमि प्रभावित हुई है। इतना ही नहीं टिहरी और ऋषिकेश के पास सुलगते जंगलों के कारण बीते रोज आवाजाही मुश्किल हो गई। टिहरी जिले में घनसाली बाजार से दो किलोमीटर दूर जलते पेड़ सड़क पर आ गिरे।
देखें तस्वीरें: PICS: उत्तराखंड में जंगल की आग बेकाबू, सेना बुलाई
शुक्र यह रहा कि उस वक्त वहां से कोई वाहन नहीं गुजर रहा था, लेकिन इससे यातायात करीब एक घंटे बाधित रहा। वहीं ऋषिकेश और मोतीचूर रेंज के जंगलों में लगी आग से ऋषिकेश-हरिद्वार मार्ग पर धुएं की चादर पसर गई है।
उधर, कुमाऊं मंडल में भी परिस्थितियां गंभीर होने लगी हैं। नैनीताल जिले के ओखलकांडा ब्लाक में गुरुवार शाम आग बुझाते समय गंभीर रूप से झुलसे पूर्व जिला पंचायत सदस्य एवं सरपंच जय सिंह बोरा (76 वर्ष) गंभीर रूप से झुलस गए। शुक्रवार को उन्होंने दम तोड़ दिया। कुमाऊं मंडल में बीते 24 घंटों में जंगल में आग लगने की डेढ़ दर्जन घटनाएं सामने आई हैं। अल्मोड़ा के रानीखेत में दलमोठी वन रेंज में लगी आग भी बेकाबू हो गई है।
अग्नि आपदा एक नजर
मौत | 07 |
झुलसे | 14 |
कुल अग्निकांड | 922 |
प्रभावित क्षेत्र | 1810.64 हेक्टेयर |
वायु सैनिकों की टीम ने संभाला मोर्चा
उत्तराखंड में अग्नि आपदा से निपटने के लिए भारतीय वायु सेना के अधिकारियों व सैनिकों को लेकर एमआइ-17 हेलीकॉप्टर श्रीनगर पहुंच गया है। ये वायु सैनिक रविवार सुबह से जंगलों की आग बुझाने के काम में जुटेंगे। शनिवार शाम को सहारनपुर के सरसावा एयरबेस से एमआइ-17 हेलीकॉप्टर श्रीनगर के जीवीके हेलीपैड पर पहुंचा। इस हेलीकॉप्टर से स्क्वाड्रन लीडर एसके यादव के नेतृत्व में 11 वायु सैनिक और जूनियर कमीशंड अधिकारी गढ़वाल में धू-धूकर जल रहे जंगलों को बचाने के लिए आए हैं।
एमआइ-17 हेलीकॉप्टर में पानी ले जाकर आग से धधक रहे जंगलों में छिड़का जाएगा। एक बार में यह हेलीकॉप्टर तीन हजार लीटर पानी लेकर उड़ान भर सकता है। पौड़ी जिले के जंगलों में लगी आग को बुझाने के लिए हेलीकॉप्टर रविवार सुबह से कार्य शुरू करेगा। व्यवस्था देखने जीवीके हेलीपैड पहुंचे उपजिलाधिकारी रजा अब्बास ने कहा कि हेलीकॉप्टर के लिए कोटेश्वर स्थित श्रीनगर जलविद्युत परियोजना के डैम से पानी उपलब्ध कराया जाएगा। बड़ी-बड़ी बकेट द्वारा हेलीकॉप्टर में पानी खींचकर स्टोर करने के बाद जंगलों में छिड़काव किया जाएगा।
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