उत्तराखंड का पहला रामसर साइट आसन वेटलैंड विदेशी परिंदों से गुलजार
उत्तराखंड का पहला रामसर साइट आसन वेटलैंड विदेशी परिंदों से गुलजार हो गया है। देश के पहले कंजरवेशन रिजर्व आसन वेटलैंड में वर्तमान में आठ प्रजातियों के परिंदे प्रवास के लिए आ चुके हैं। विदेशी के साथ देशी परिंदे भी ऐसे घुल मिल गए हैं मानों मेहमाननवाजी कर रहे हों।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Tue, 27 Oct 2020 11:33 PM (IST)
विकासनगर, राजेश पंवार। उत्तराखंड का पहला रामसर साइट आसन वेटलैंड विदेशी परिंदों से गुलजार हो गया है। देश के पहले कंजरवेशन रिजर्व आसन वेटलैंड में वर्तमान में आठ प्रजातियों के परिंदे प्रवास के लिए आ चुके हैं। विदेशी के साथ देशी प्रजातियों के परिंदे भी ऐसे घुल मिल गए हैं, मानों मेहमाननवाजी कर रहे हों। प्रवासी परिंदों की संख्या ठंड के साथ ही बढ़ रही है। चकराता वन प्रभाग की लोकल गणना में उत्तराखंड में प्रवास को आने वाले विदेशी परिंदों की संख्या एक हजार के करीब आंकी गई है।
उत्तराखंड के पहले रामसर साइट आसन वेटलैंड में सात अक्टूबर से विदेशी परिंदे उत्तराखंड के मेहमान बनने शुरू हो गए थे। शुरूआत में रुडी शेलडक यानि सुर्खाब, कामन पोचार्ड, कामन कूट व ग्रे लेग गीज चार प्रजातियों के परिंदों ने आसन वेटलैंड में डेरा डाला था। जिसके बाद चार अन्य प्रजातियों नार्दन शावलर, ग्रे हेरोन, पर्पल हेरोन, वूली नेक्टड स्टार्क परिंदे भी प्रवास के लिए उत्तराखंड के मेहमान बन चुके हैं। वर्तमान में उत्तराखंड के मेहमान बने आठ प्रजातियों के प्रवासी परिंदों की संख्या में ठंड बढ़ने के साथ ही इजाफा हो रहा है। दरअसल, हर साल अक्टूबर के पहले हफ्ते में ही साइबेरिया आदि ठंडे देशों से प्रवास के लिए विदेशी परिंदों का उत्तराखंड का मेहमान बनना शुरू हो जाता है।
विदेशी परिंदों का प्रवास आसन नमभूमि में अप्रैल माह के पहले सप्ताह तक रहता है। आसन नमभूमि के अलावा प्रवासी परिंदे भीमगौड़ा बैराज हरिद्वार व वीरभद्र बैराज ऋषिकेश में भी आते हैं, लेकिन आसन वेटलैंड का कंजरवेशन रिजर्व होने के कारण विशेष महत्व है। वर्तमान में आठ विदेशी प्रजातियों नार्दन शावलर, ग्रे हेरोन, पर्पल हेरोन, वूली नेक्टड स्टार्क, रुडी शेलडक यानि सुर्खाब, कामन पोचार्ड, कामन कूट व ग्रे लेग गीज परिंदे प्रवास पर हैं।
इसी के साथ ही वेटलैंड में पहले से मौजूद लोकल प्रजाति स्पाट बिल्ड डक, कामन कारमोरेंट, लिटिल इग्रेट, किंगफिशर, व्हाइट ब्रेस्टेड वाटर हेन, कामन मोरहेन, इंडियन कारमोरेंट आदि परिंदे भी विदेशी परिंदों से घुलमिल गए हैं। जिससे उत्तराखंड के पहले रामसर साइट आसन वेटलैंड में परिंदों का कलरव बढ़ गया है। चकराता वन प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी दीपचंद आर्य के निर्देश पर आसन रेंज टीम ने रात दिन की गश्त बढ़ा दी है।
आसन वेटलैंड में ये परिंदे डालते हैं डेरारुडी शेलडक यानि सुर्खाब, लिटिल ग्रेब, ग्रेट क्रेस्टेड ग्रेब, ग्रेट कारमोरेंट, लिटिल कारमोरेंट, इंडियन सैग, व्हाइट बिल्ड हेरोन, मीडियन इग्रेट, येलो बिटर्न, ब्लैक बिटर्न, पेंटेड स्ट्रोक, एशियन ओपन बिल, ब्लैक स्ट्रोक, ब्राह्मणी रुडी शेलडक, कामन शेलडक, मलार्ड, नार्थन पिनटेल, कामन टील, स्पाट बिल डक, कामन पोचार्ड, टफ्ड पोचार्ड, यूरेशियन विजन, गैडवाल, नार्दन शावलर, रेड क्रेस्टेड पोचार्ड, वूली नेक्टड, ब्लैक आइबीज नया नाम रेड कैप्ट आइबीज, प्लास फिश ईगल, ग्रे लेग गूज, गैडवाल, इरोशियन विजन, टफ्ड डक, पर्पल स्वेप हेन, कामन मोरहेन, कामन कूट, ब्लैक विंग्ड स्किल्ड, रीवर लोपविंग, ब्लैक हेडेड गल, इरोशियन मार्क हेरियर, लिटिल ग्रेबी, डारटर, लिटिल कोरमोरेंट, लिटिल इ ग्रेट, ग्रे हेरोन, पर्पल हेरोन, कामन किंगफिशर, व्हाइट थ्रोटेड किंगफिशर, पाइज्ड किंगफिशर आदि प्रजातियों के परिंदे डेरा डालते हैं।
किस साल कितने आए परिंदे
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।- वर्ष 2015 में 48 प्रजातियों के 5796 परिंदे।
- वर्ष 2016 में 84 प्रजातियों के 5635 परिंदे।
- वर्ष 2017 में 60 प्रजातियों के 4569 परिंदे।
- वर्ष 2018 में 61 प्रजातियों के 6008 परिंदे।
- वर्ष 2019 में 79 प्रजातियों के 6170 परिंदे।
- वर्ष 2020 में 50 प्रजातियों के 4466 परिंदे।