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त्योहारी सीजन में मिलावटी दूध और दुग्ध उत्पादों की भरमार, आंख मूंदकर न करें भरोसा; घर पर ऐसे करें जांच

Milk and Dairy Products Adulteration त्योहारों के मौसम में मिलावटी दूध और दुग्ध उत्पादों से सावधान रहें। घर पर ही आसान तरीकों से दूध पनीर घी और मावा में मिलावट की जांच करें। मिलावटी खाद्य पदार्थों से स्वास्थ्य को होने वाले नुकसान से बचें। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि कैसे आप मिलावटी दूध और दुग्ध उत्पादों की पहचान कर सकते हैं।

By Sukant mamgain Edited By: Nirmala Bohra Updated: Sat, 19 Oct 2024 02:00 PM (IST)
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Milk and Dairy Products Adulteration: दुग्ध उत्पाद पर आंख मूंदकर न करें भरोसा. Concept Photo

जागरण संवाददाता, देहरादून। Milk and Dairy Products Adulteration: किसी भी जांच का असर तब नजर आता है, जब उसके परिणाम तुरंत मिल जाएं। मगर खाद्य सुरक्षा का कामकाज इसके ठीक उलट चलता है। विभाग दूध और अन्य खाद्य पदार्थों की सैंपलिंग जरूर करता है, मगर उसके परिणाम आने में लंबा समय लग जाता है। जिन खाद्य पदार्थों की सैंपलिंग के परिणाम एक पखवाड़े के भीतर आ जाने चाहिए, महीनों तक भी पता नहीं चल पाता कि वे खाने लायक भी थे, या नहीं।

ऐसे में जरूरी है कि आप स्वयं ही दूध या दुग्ध पदार्थों की पड़ताल कर लें। स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हैं मिलावटी दुग्ध उत्पाद जिला चिकित्सालय के वरिष्ठ फिजीशियन डा. प्रवीण पंवार के अनुसार, मिलावटी दूध, पनीर और घी खाने से हृदय, लिवर, किडनी, आंत को नुकसान पहुंचता है। इससे कैंसर तक हो सकता है। बच्चों को केमिकल मानसिक व शारीरिक रूप से कमजोर कर देते हैं। कई बार इन केमिकल से नपुंसकता और अपंगता के भी मामले सामने आते हैं।

घर पर ऐसे करें दूध की जांच

  • यूरिया की मिलावट: एक चम्मच दूध को टेस्ट ट्यूब में डालें। उसमें आधा चम्मच सोयाबीन या अरहर का पाउडर डालें। इसे अच्छी तरह से मिला लें। पांच मिनट बाद, एक लाल लिटमस पेपर डालें। आधे मिनट बाद अगर पेपर का रंग लाल से नीला हो जाए, तो दूध में यूरिया है।
  • पानी की मिलावट: एक प्लेट या ढलान वाली सतह पर दूध की एक बूंद डालें। शुद्ध दूध की बूंद धीरे-धीरे सफेद लकीर छोड़ते हुए नीचे आ जाएगी, जबकि पानी की मिलावट वाली बूंद बिना कोई निशान छोड़े बह जाएगी। किसी चिकनी लकड़ी या पत्थर की सतह पर दूध की एक या दो बूंद टपकाएं, अगर दूध बहता हुआ नीचे की तरफ गिरे और सफेद धार-सा निशान बन जाए तो दूध शुद्ध है।
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  • सिंथेटिक दूध: सिंथेटिक दूध का स्वाद कड़वा होता है। अंगलियों के बीच रगड़ने से साबुन जैसा लगता है और गर्म करने पर पीला हो जाता है। सिंथेटिक दूध में प्रोटीन की मात्रा है या नहीं, इसकी जांच दवा की दुकान पर मिलने वाली यूरीज स्टिप से की जा सकती है। इसके साथ मिली रंगों की सूची दूध में यूरिया की मात्रा बता देगी।
  • डिटर्जेंट वाला दूध: दूध को सूंघिए, अगर उसमें साबुन जैसी गंध आए तो समझिए कि दूध में मिलावट की गई है। 5 से 10 मिलीलीटर दूध को उतने ही पानी में मिला कर हिलाएं, अगर झाग बनता है, तो समझिए इसमें डिटर्जेंट है।

यूं भी करें पहचान

  • स्वाद: असली दूध का स्वाद हल्का मीठा होता है, जबकि नकली दूध का स्वाद डिटर्जेंट और सोडा मिला होने की वजह से कड़वा हो जाता है।
  • रंग: स्टोर करने पर असली दूध अपना रंग नहीं बदलता। नकली दूध कुछ वक्त के बाद पीला पड़ने लगता है।
  • चिकनाहट: दूध को हथेलियों के बीच रख कर उसे रगड़ें। अगर चिकनाहट महसूस नहीं होती है, तो दूध असली है। नकली दूध को अगर आप अपने हाथों के बीच रगड़ेंगे, तो आपको चिकनाहट महसूस होगी।

तीन तरीकों से करें नकली पनीर की पहचान

  • पनीर को पानी में उबालकर ठंडा कर लें। ठंडा हो जाए तो उस पर कुछ बूंदें आयोडीन टिंचर की डालें। अगर पनीर का रंग नीला पड़ जाए तो समझ लीजिए कि यह मिलावटी है।
  • पनीर के टुकड़े को हाथ में मसलकर देखें। अगर यह टूटकर बिखरे तो समझ लीजिए मिलावटी है, क्योंकि इसमें मौजूद कैमिकल दबाव नहीं सह पाता।
  • नकली पनीर ज्यादा टाइट होता है। उसका टैक्सचर रबड़ की तरह होता है।

ऐसे करें नकली घी की पहचान

  • एक चम्मच घी में चार बूंद हाइड्रोक्लोरिक एसिड और एक चुटकी चीनी मिलाने पर यदि घी का रंग चटक लाल हो जाए तो उसमें डालडा मिला है।
  • एक चम्मच घी में चार से पांच बूंद आयोडीन मिलाएं, अगर घी का रंग नीला पड़ जाए तो उसमें उबला हुआ आलू मिलाया गया है।
  • एक चम्मच घी में दो एमएल हाइड्रोक्लोरिक एसिड डालने पर घी लाल हो जाए तो कोलतार डाई का प्रयोग किया गया है।
  • थोड़ा सा घी हथेली के पीछे भाग में रगड़ें, यदि 25 मिनट में ही सुगंध चली जाए तो घी मिलावटी है।

मावे की पहचान

  • मावे को हथेली पर रखने पर यदि यह तेल छोड़ता है तो मिलावट नहीं है।
  • मावे को हल्के गुनगुने पानी में डाल दें। फिर इसमें थोड़ा चने का आटा व चुटकी भर हल्दी मिला दें। रंग गुलाबी आता है तो समझिए मिलावट है।
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