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ऊर्जा मंत्री डा हरक सिंह रावत ने कहा- हाइड्रो प्रोजेक्ट्स के लिए हर स्तर पर करेंगे पैरवी

पर्यावरणीय एवं अन्य तकनीकी कारणों की वजह से प्रदेश की लंबित जलविद्युत परियोजनाओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण और केंद्र सरकार समेत विभिन्न स्तरों पर अब पुरजोर पैरवी की जाएगी। ऊर्जा मंत्री डा हरक सिंह रावत ने कहा कि जलविद्युत परियोजनाएं उत्तराखंड के लिए अहम हैं।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Sun, 18 Jul 2021 06:45 AM (IST)
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ऊर्जा मंत्री डा हरक सिंह रावत। फाइल फोटो
राज्य ब्यूरो, देहरादून। पर्यावरणीय एवं अन्य तकनीकी कारणों की वजह से प्रदेश की लंबित जलविद्युत परियोजनाओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट, राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण और केंद्र सरकार समेत विभिन्न स्तरों पर अब पुरजोर पैरवी की जाएगी। ऊर्जा मंत्री डा हरक सिंह रावत ने कहा कि जलविद्युत परियोजनाएं उत्तराखंड के लिए अहम हैं। राज्य के विकास का दारोमदार इन्हीं परियोजनाओं पर है। इन परियोजनाओं पर पर्यावरणीय कारणों से काम रुका हुआ है। ऊर्जा मंत्री डा हरक सिंह रावत ने कहा कि परियोजनाओं में लग रहे अड़गों को प्राथमिकता से हटाया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में उपभोक्ताओं को 100 यूनिट तक बिजली मुफ्त देने के बारे में वह पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से चर्चा करेंगे। इसके बाद प्रस्ताव कैबिनेट में रखा जाएगा।

ऊर्जा मंत्री डा हरक सिंह रावत ने कहा कि लखवाड़ और किशाऊ के साथ ही कई अन्य जलविद्युत योजनाएं लटकी हुई हैं। इनमें विभिन्न स्तरों पर ठोस पैरवी की दरकार है। पर्यावरण को लेकर लगने वाले अड़ंगों को प्राथमिकता से दूर किया जाएगा। इस संबंध में तय दिशा-निर्देशों के मुताबिक तेजी से कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को हर स्तर पर समुचित पैरवी के निर्देश दिए हैं। साथ ही वह भी खुद भी जरूरत पड़ने पर केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों से संपर्क साधेंगे। लखवाड़ जलविद्युत परियोजना पर शासन स्तर पर लंबित कार्यवाही शीघ्र पूरी की जाएगी, ताकि निर्माण कार्य शुरू किया जा सके।

उन्होंने बताया कि प्रदेश में सौ यूनिट से कम बिजली खर्च करने वाले उपभोक्ताओं को मुफ्त बिजली और 101 से 200 यूनिट तक की खपत पर 50 फीसद बिल लेने के संबंध में ऊर्जा निगम का प्रस्ताव उन्हें मिल चुका है। इसे कैबिनेट में ले जाने से पहले वह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर इस पर चर्चा करेंगे। इसके बाद ही इस प्रस्ताव को कैबिनेट में रखा जाएगा।

उन्होंने कहा कि एक दफा उनकी इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री से वार्ता हो चुकी है। सरकार की इस पहल से करीब साढ़े सात लाख से लेकर 13 लाख उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पावर पर्चेज सिस्टम को पारदर्शी और बेहतर बनाया जाएगा। इसके लिए ऊर्जा निगम में अलग से सेल गठित किया जा रहा है। इसमें ऊर्जा के साथ सूचना प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ भी शामिल किए जाएंगे।

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