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मंत्री जी कुछ ऐसा बोल गए कि एकबारगी सब सहम से गए

तेज तर्रार राज्य मंत्री धन सिंह रावत कुछ ऐसा बोल गए कि एकबारगी सब सहम से गए। न न इनका कुसूर नहीं जब कैमरा और माइक सामने हो तो अकसर ऐसा हो जाता है।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Mon, 30 Mar 2020 01:14 PM (IST)
मंत्री जी कुछ ऐसा बोल गए कि एकबारगी सब सहम से गए
देहरादून, विकास धूलिया। उत्तराखंड सरकार कोरोना से निबटने के लिए तैयार और सतर्क है। स्वयं मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत लगातार मॉनीटरिंग कर रहे हैं। अवाम को राहत देने की हर मुमकिन कोशिश की जा रही है। सभी मंत्रियों को जिलों का जिम्मा देकर तैनात कर दिया गया है। विधायकों को फोन कर आम जनता को जागरूक करने के निर्देश भी दिए गए हैं। इस सबके बावजूद तेज तर्रार राज्य मंत्री धन सिंह रावत कुछ ऐसा बोल गए कि एकबारगी सब सहम से गए। न न, इनका कुसूर नहीं, जब कैमरा और माइक सामने हो तो अकसर ऐसा हो जाता है। जनाब ने बयान दे डाला कि सरकार कर्फ्यू लगाने की तैयारी कर रही है, अगर हालात काबू में न आए तो। शाम को मुखियाजी ने साफ कर दिया कि रोजाना सुबह सात से दोपहर एक बजे तक आम जनता को जरूरी वस्तुएं खरीदने की छूट जारी रहेगी। तो मंत्रीजी, अब आप क्या कहेंगे।

बस कोई थोड़ा ढांढस बंधा दे

पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस महासचिव हरीश रावत सोशल मीडिया में काफी सक्रिय रहते हैं, सब जानते हैं। हरदा की इस सक्रियता का बेहतरीन उदाहरण कोरोना को लेकर भी देखने को मिला। दरअसल, राजस्थान के कोटा में उत्तराखंड के कई छात्र-छात्रएं कोचिंग संस्थानों में अध्ययनरत हैं। देशभर में लॉकडाउन और राजस्थान में कर्फ्यू है तो अभिभावकों का चिंतित होना लाजिमी है। ऐसे ही लोगों की गुहार जब हरीश रावत तक पहुंची तो उन्होंने अपनी ओर से मदद देने में कोई कसर नहीं छोड़ी। बाकायदा कोटा में कोचिंग ले रही एक छात्र से फोन पर संपर्क किया, उसे परेशान न होने की बात कहते हुए सुझाव दिया कि कोटा में मौजूद राज्य के अन्य छात्रों से बात कर आपस में समन्वय बनाए। इसके बाद राजस्थान सरकार, जो कांग्रेस की ही है, से कहकर सभी को एक साथ वापस पहुंचाने की व्यवस्था की जाएगी। अब इससे बड़ी राहत बच्चों के लिए क्या होगी।

सोचिए जान है तो जहान है

उत्तराखंड सरकार ने 31 मार्च को सभी जिलों में फंसे लोगों को घर जाने के लिए पूरे दिन विंडो देने का एलान किया था। विंडो का मतलब यह कि इस दिन राज्य में घर से बाहर कहीं भी लॉकडाउन के कारण जो लोग घर नहीं जा पाए, उन्हें एक मौका मिलना था लेकिन कोरोना के मामलों में बढोतरी को देखते हुए केंद्र ने अन्य राज्यों या राज्य के भीतर जिलों में किसी भी तरह के मूवमेंट पर सख्ती से रोक लगा दी। इस वजह से राज्य सरकार को 31 मार्च को दी जा रही रियायत वापस लेनी पड़ी। सरकार के रियायत के एलान के बाद बड़ी संख्या में लोगों ने घर लैटने की तैयारी कर ली थी, वाहनों के पास तक बनवा लिए थे, लेकिन अब उन्हें मन मसोस कर रह जाना पड रहा है। मायूस न हों दोस्तों, लॉकडाउन आपकी ही सुरक्षा को है, जान है तो जहान है।

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दिल बहलाने को अंदाज अच्छा है

कोरोना ने देश दुनिया में लोगों को घरों के भीतर रहने को मजबूर कर दिया है। आवश्यक सेवाओं के अलावा सभी लोगों को घर से काम करने को कहा गया है। इसका असर सूबे की सरकार पर भी नजर आ रहा है। मुख्यमंत्री से लेकर तमाम मंत्री और अधिकारी, सब एक जगह जुटने से परहेज करते हुए एहतियात बरत रहे हैं। इसका असर यह दिख रहा है कि मंत्री इस वक्त का इस्तेमाल कई तरह से कर रहे हैं। शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक किताब लिख रहे हैं तो कृषि मंत्री सुबोध उनियाल परिवार के साथ समय व्यतीत करने के अलावा बच्चों के साथ क्रिकेट खेल रहे हैं। परिवहन मंत्री यशपाल आर्य अपने पोतों के साथ खेलकर परिवार को पूरा समय दे रहे हैं। वह घर पर ही गौ सेवा भी कर रहे हैं। वन मंत्री हरक सिंह रावत अपने विधानसभा क्षेत्र कोटद्वार में स्थिति पर नजर रख रहे हैं।

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