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Uttarakhand BJP: पन्‍ना प्रमुखों के हाथ चुनावी नैया की पतवार

Uttarakhand BJP अगले विधानसभा चुनाव को महज सवा साल कर समय शेष रहते भाजपा अब राज्‍यभर में बूथ मैनेजमेंट पर जुट गई है। अब हर बूथ पर भाजपा पन्‍ना प्रमुखों की नियुक्ति को अंतिम रूप देने जा रही है।

By Raksha PanthariEdited By: Updated: Sun, 20 Dec 2020 11:11 AM (IST)
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Uttarakhand BJP: पन्‍ना प्रमुखों के हाथ चुनावी नैया की पतवार।
राज्‍य ब्‍यूरो, देहरादून। Uttarakhand BJP अगले विधानसभा चुनाव को महज सवा साल कर समय शेष रहते भाजपा अब राज्‍यभर में बूथ मैनेजमेंट पर जुट गई है। ग्‍यारह हजार से ज्‍यादा बूथों तक तो पार्टी का संगठन विस्‍तृत है ही, अब हर बूथ पर भाजपा पन्‍ना प्रमुखों की नियुक्ति को अंतिम रूप देने जा रही है। पन्‍ना प्रमुखों की जिम्‍मेदारी अपने बूथ तक मतदाताओं को लाने की जिम्‍मेदारी तो रहेगी ही, साथ ही वे मतदाताओं को पार्टी की रीति-नीति से भी रूबरू कराएंगे।

देश और प्रदेश में सत्‍तारूढ भाजपा सांगठनिक ढांचे के लिहाज से वर्तमान दौर में सबसे मजबूत सियासी पार्टी है। अगर प्रदेश स्‍तर पर बात की जाए तो संगठन का नेटवर्क कई स्‍तरों पर बनाया गया है। प्रदेश इकाई के अंतर्गत जिला संगठन और फिर मंडल और बूथ स्‍तर तक भाजपा ने अपनी पार्टी के ढांचे का विस्‍तार किया है। पिछले कुछ समय से पार्टी ने संगठन को और ज्‍यादा गहराई तक विस्‍तार दिया है। कुछ राज्‍यों के विधानसभा चुनाव के साथ ही लोकसभा चुनाव में भी पार्टी ने इस नई रणनीति को आजमाया है।

भाजपा की यह रणनीति है संगठन में प्रत्‍येक बूथ में कई पन्‍ना प्रमुखों के रूप में कार्यकर्त्‍ताओं की नियुक्ति। दरअसल, पन्‍ना प्रमुख की अवधारणा सीधी सी है। मतदाता सूची के एक-एक पन्‍ने की जिम्‍मेदारी जिस कार्यकर्त्‍ता को दी जाती है, उसे ही पन्‍ना प्रमुख कहा जाता है। एक पन्‍ने में जितने मतदाताओं के नाम होते हैं, पन्‍ना प्रमुख को उनसे संपर्क में रहना होता है। पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उत्‍तराखंड की पांचों सीटों पर 11235 बूथों पर ढाई लाख से अधिक कार्यकर्त्‍ता पन्‍ना प्रमुख के रूप में नियुक्‍त किए थे, नतीजा पांचों सीटों पर भारी भरकम जीत।

भाजपा नेताओं के मुताबिक एक बूथ की मतदाता सूची में औसतन 25 से 30 मतदाताओं के नाम होते हैं। यानी एक पन्‍ना प्रमुख का कार्य 25 से 30 मतदाताओं से संपर्क बनाने का होता है। इनकी मुख्‍य जिम्मेदारी मतदान के दिन अपने पन्‍ने पर दर्ज अधिक से अधिक मतदाताओं को मतदान के लिए प्रेरित कर मतदान केंद्र तक लाने की होती है। इसके अलावा पन्‍ना प्रमुख से अपेक्षा होती है कि वह प्रत्‍येक मतदाता से व्‍यक्तिगत तौर पर जुड़ें, अहम अवसरों पर उसके निकट रहें और उसकी भूमिका एक घरेलू सदस्‍य की तरह हो। इसके अलावा पन्‍ना प्रमुख मतदाताओं को भाजपा की केंद्र व राज्‍य सरकार की उपलब्धियों तथा जनकल्‍याणकारी योजनाओं की जानकारी भी समय-समय पर देते रहते हैं।

भाजपा के लिए चुनावों को लेकर इतन गहन तैयारी स्‍वाभाविक है। वर्ष 2017 के पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 70 विधानसभा सीटों में से 57 पर जीत दर्ज की। इसके अलावा वर्ष 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रदेश की सभी पांचों सीटों पर परचम फहराया। इस स्थिति में अब प्रदेश संगठन और सरकार के समक्ष अपने ही पिछले प्रदर्शन से बेहतर कर दिखाने का दबाव सवा साल बाद होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर है। यही वजह है कि पार्टी इसके लिए अपने स्‍तर पर कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती।

उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने बताया कि भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जेपी नड्डा ने सभी मंत्रियों को जिले में प्रवास के निर्देश दिए हैं। इस क्रम में मैं स्‍वयं सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में प्रवास करूंगा। प्रवास कार्यक्रम की शुरुआत मसूरी विधानसभा क्षेत्र से 24 दिसंबर को होगी। जहां तक पन्‍ना प्रमुखों की नियुक्ति का सवाल है, हम आगामी अप्रैल तक सभी 70 सीटों के अंतर्गत 11235 बूथों में इनकी नियुक्ति कर देंगे।

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