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चारधाम यात्रा पर पड़ने लगा है मौसम के मिजाज का असर

मानसून से पूर्व मौसम के उखड़े मिजाज का असर चारधाम यात्रा भी साफ नजर आने लगा है। सबसे ज्यादा गिरावट केदारनाथ आने वाले यात्रियों की संख्या में आई है।

By BhanuEdited By: Updated: Thu, 20 Jun 2019 04:10 PM (IST)
चारधाम यात्रा पर पड़ने लगा है मौसम के मिजाज का असर
देहरादून, जेएनएन। मानसून से पूर्व मौसम के उखड़े मिजाज का असर चारधाम यात्रा भी साफ नजर आने लगा है। एक सप्ताह पूर्व जहां 60 से 70 हजार यात्री रोजाना चारों धाम पहुंच रहे थे, वहीं अब यह संख्या 37 हजार के आसपास रह गई है। बीते सप्ताह में तो हर दिन यात्रियों की संख्या में कमी आई है। सबसे ज्यादा गिरावट केदारनाथ आने वाले यात्रियों की संख्या में आई है। 

बीते तीन-चार दिन से मौसम के मिजाज में तब्दीली देखने को मिल रही है। हालांकि, आमतौर पर मौसम खुला हुआ है, लेकिन लगातार उमड़-घुमड़ रहे बादल और बीच-बीच में पड़ रही बौछारों ने चारधाम आने वाले यात्रियों के कदम काफी हद तक ठिठका दिए हैं। 

ऐसा नहीं कि चारधाम में यात्रियों की संख्या एकदम नीचे आ गई हो, लेकिन जिस हिसाब से एक सप्ताह पूर्व यात्रियों की आमद हो रही थी, अपेक्षाकृत वैसी तस्वीर अब नजर नहीं आ रही। अलबत्ता, बीते वर्षों की तुलना में यह संख्या काफी उत्साहवर्द्धक है। 

बता दें कि इस साल चारधाम यात्रा नित नए रिकॉर्ड गढ़ रही है और अब तक 20 लाख से अधिक यात्री चारों धाम में दर्शनों को पहुंच चुके हैं। चारधाम यात्रा के इतिहास में पहली बार एक ही दिन में 36 हजार से अधिक यात्री केदारनाथ पहुंचे। यही नहीं, हफ्तेभर तक 30 हजार से अधिक यात्री केदारनाथ पहुंचे। 

ऐसा भी पहली बार हुआ कि इस दौरान बदरीनाथ पहुंचने यात्रियों की संख्या केदारनाथ से कम रही। लेकिन, अब घटते-घटते यह संख्या 13 हजार पर आ गई है। इस साल की यात्रा का यह भी सुखद पहलू है कि गंगोत्री-यमुनोत्री में भी बीते वर्षों की अपेक्षा यात्रियों की रिकॉर्ड आमद हो रही है। खासकर राष्ट्रीय राजमार्ग की बदहाली के बावजूद यमुनोत्री में गंगोत्री से अधिक यात्री पहुंच रहे हैं। यह बदलाव निश्चित रूप से सुखद अनुभूति कराने वाला है। 

दून-मसूरी में बादलों ने थामे रखे पारे के कदम

उत्तराखंड में मौसम का मिजाज बदला हुआ है। दिनभर बादल छाये रहने से मैदान में भीषण गर्मी से राहत मिल रही है। गढ़वाल से लेकर कुमाऊं तक अधिकांश इलाकों में बादल छाये रहने से तापमान सामान्य के आसपास बना रहा। दून में अधिकतम तापमान सामान्य से एक डिग्री अधिक 34.6 डिग्री सेल्सियस, जबकि न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री कम 21.5 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। 

प्रदेश में सबसे अधिक तापमान 35.5 डिग्री सेल्सियस ऊधमसिंह नगर में रिकॉर्ड किया गया। मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्वानुमान के अनुसार अगले 24 घंटे में उत्तराखंड में आंशिक रूप से लेकर आमतौर पर बादल छाये रह सकते हैं। कुछ पर्वतीय इलाकों में हल्की बारिश हो सकती है। 

साथ ही दून में भी हल्की बारिश के आसार हैं। मसूरी, नैनीताल, अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ जैसे हिल स्टेशन में घने बादल छाये रहने से मौसम सुहावना बना हुआ है। टिहरी, उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग एवं देहरादून जिले में दिनभर बादलों की लुका-छिपी से गर्मी से लोगों को राहत रही। 

उधर, हेमकुंड साहिब में बीते मंगलवार को 20 साल बाद जून में बर्फबारी होने से पैदल यात्रा प्रभावित रही, लेकिन बुधवार को क्षेत्र में हल्के बादलों के बीच धूप खिलने से श्रद्धालुओं ने राहत की सांस ली और यात्रा जारी रही। मसूरी का अधिकतम तापमान 23.5 डिग्री सेल्सियस, जबकि न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री कम 15.3 डिग्री सेल्सियस रहा। 

मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के मुताबिक आने वाले दो दिनों में मौसम का मिजाज बदला हुआ रह सकता है। हल्के बादलों के चलते तापमान में उछाल आने की संभावना कम है। 

शहरों में स्थिर रहा तापमान 

शहर---------------अधिकम----------न्यूनतम 

नई टिहरी----------27.4--------------15.6 

उत्तरकाशी---------31.1---------------16.2 

जोशीमठ------------23.3---------------13.4 

अल्मोड़ा-------------29.6--------------14.2 

नैनीताल-------------23.9--------------17.0 

पिथौरागढ़-----------29.1--------------14.2 

मुक्तेश्वर------------23.9--------------14.1 

चंपावत--------------24.0--------------13.9

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