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उत्तराखंड के जंगलों में 61 करोड़ में लगेंगे 1.37 करोड़ पौधे, पढ़ि‍ए पूरी खबर

उत्तराखंड में हरियाली के लिए इस बार 14 हजार हेक्टेयर वन क्षेत्र में विभिन्न प्रजातियों के 1.37 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिए विभिन्न मदों से 67 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Thu, 01 Jul 2021 06:05 AM (IST)
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उत्तराखंड में हरियाली के लिए जंगलों में 167 करोड़ रुपये में लगेंगे 1.37 करोड़ पौधे।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड में हरियाली के लिए इस बार 14 हजार हेक्टेयर वन क्षेत्र में विभिन्न प्रजातियों के 1.37 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिए विभिन्न मदों से 61.58 करोड़ रुपये की राशि का प्रविधान किया गया है। गुरुवार को वन महोत्सव की शुरुआत के साथ ही पौधारोपण की यह मुहिम तेज होगी। सभी वन प्रभागों में पौधारोपण का कार्य 30 जुलाई तक पूरा करने की रणनीति बनाई गई है। इसके पीछे मंशा ये है कि अक्टूबर तक बारिश का क्रम बना रहने से रोपित पौधे ठीक से पनप जाएंगे। साथ ही इनके जीवित रहने की दर भी बढ़ेगी।

विषम भूगोल और 71.05 फीसद वन भूभाग वाले उत्तराखंड के जंगल इस मर्तबा आग से हलकान रहे। पिछले साल अक्टूबर से शुरू हुआ आग का क्रम इस वर्ष जून पहले हफ्ते में जाकर थमा। जाहिर है इससे हरियाली पर भी ग्रहण लगा। इस सबको देखते हुए वन विभाग ने वर्षाकालीन पौधारोपण के लिए 14 हजार हेक्टेयर वन क्षेत्र को हरा-भरा करने का लक्ष्य रखा है। मानसून की दस्तक के साथ ही विभिन्न प्रजातियों के पौधों के रोपण का क्रम भी शुरू कर दिया गया।

अब वन महोत्सव की शुरुआत के साथ यह मुहिम तेज करने के निर्देश सभी वन प्रभागों को दिए गए हैं। विभाग के मुखिया प्रमुख मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ) राजीव भरतरी के मुताबिक सभी वन संरक्षकों और डीएफओ से कहा गया है कि वे पूरी जिम्मेदारी के साथ पौधारोपण कराएं। यह कार्य 30 जुलाई तक उच्च गुणवत्ता के साथ पूरा कराया जाना है। उन्होंने कहा कि माहभर में पौधे लगने पर इन्हें ठीक से पनपने के लिए अक्टूबर तक बारिश व नमी मिलती रहेगी। उन्होंने बताया कि पौधारोपण अभियान में इस मर्तबा जल संरक्षण में सहायक प्रजातियों के पौधों को विशेष तवज्जो देने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि वन क्षेत्रों में नमी बरकरार रहने से आग का खतरा भी न्यून हो सके।

इस बार पौधारोपण का लक्ष्य

  • योजना, क्षेत्रफल, पौधों की संख्या
  • बहुद्देश्यीय पौधारोपण व वनों का संरक्षण (सामान्य), 3674.91, 40.12
  • बहुद्देश्यीय पौधारोपण व वनों का संरक्षण (एससीएसपी), 171.00, 1.88
  • बहुद्देश्यीय पौधारोपण व वनों का संरक्षण (टीएसपी), 125.00, 1.38
  • औषधीय पौधों का संरक्षण, 212.80, 2.34
  • वन पंचायतों का सुदृढ़ीकरण, 88.70, 0.89
  • बांस एवं बायोफ्यूल प्रजातियों का रोपण, 150.00, 0.75
  • राष्ट्रीय कृषि वानिकी एवं बांस मिशन, 600.00, 2.40
  • ग्रीन इंडिया मिशन, 1815.00, 18.08
  • कैंपा, 2817.93, 30.98
  • नमामि गंगे, 2111.50, 21.12
  • जायका, 2203.67, 17.09
  • (नोट: क्षेत्रफल हेक्टेयर में और पौधों की संख्या लाख में)
इन प्रजातियों को तवज्जो

  • बांज, फलियाट, बुरांस, देवदार, तुन, उतीस, हरड़, बहेड़ा, आंवला, तेजपत्ता, भीमल, तिलोन, रोहणी, कंजू आदि।
कैंपा का बड़ा संबल

पौधारोपण अभियान में प्रतिकरात्मक वन रोपण निधि प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण (कैंपा) से बड़ा संबल मिला है। कैंपा से इसके लिए 46.67 करोड़ की राशि आवंटित कर दी गई है। इसके अलावा राज्य सेक्टर से बहुद्देश्यीय पौधारोपण एवं वनों का संरक्षण मद से 14.91 करोड़ की राशि शासन से अवमुक्त की गई है।

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