वाहन ऋण के नाम पर बैंक से पौने 18 लाख रुपये की धोखाधड़ी Dehradun News
फर्जी दस्तावेजों के आधार पर वाहन लोन के नाम पर एक व्यक्ति ने एसबीआइ की दो शाखा से 17.89 लाख रुपये की धोखाधड़ी कर ली। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Wed, 04 Mar 2020 08:57 AM (IST)
देहरादून, जेएनएन। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर वाहन लोन के नाम पर एक व्यक्ति ने एसबीआइ की मोहब्बेवाला और सहारनपुर रोड शाखा से 17.89 लाख रुपये की धोखाधड़ी कर ली। इस मामले में पुलिस ने भी मुकदमा दर्ज करने में आनाकानी की। अब कोर्ट के आदेश पर पटेलनगर कोतवाली पुलिस ने आरोपित के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
इंस्पेक्टर सूर्यभूषण नेगी के अनुसार, एसबीआइ के पैनल अधिवक्ता विजय भूषण पांडेय ने शिकायत दर्ज करवाई कि चकराता रोड निवासी मोहम्मद तारीक अख्तर ने खुद को हैंडीक्राफ्ट एवं फर्नीचर का व्यापारी बताते हुए एसबीआइ की मोहब्बेवाला शाखा में कार खरीदने के लिए 4,89,000 रुपये ऋण के लिए आवेदन किया। आरोपित ने अपनी वार्षिक आय दर्शाते हुए वर्ष 2011-12 और 2012-13 के आयकर रिटर्न की प्रतिलिपि, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस व पहचान पत्र संलग्न किए। इसके बाद तारीक अख्तर ने सैय्यद अख्तर को अपना पिता बताते हुए इस नाम से भी एसबीआइ की सहारनपुर रोड शाखा से एक अन्य वाहन के लिए 13 लाख रुपये ऋण के लिए आवेदन किया। दोनों ही शाखाओं से ऋण स्वीकृत होने के बाद मोहम्मद तारीक अख्तर ने कुछ दिनों तक बैंकों की शाखा में थोड़े-थोड़े पैसे जमा किए, लेकिन उसके बाद किश्त जमा करनी बंद कर दी।
जब बैंक ने मोहम्मद तारीख अख्तर से संपर्क किया तो उसने बताया कि नोटबंदी के कारण उसका व्यवसाय चौपट हो गया है और मार्च 2017 के बाद वह नियमित रूप से किश्तें जमा करता रहेगा। वाहनों के बारे में पूछने पर आरोपित ने कहा कि दोनों वाहन उसके मूल निवास जनपद सहारनपुर में हैं। इसके बाद भी आरोपित ने बैंक किश्त जमा नहीं की तो बैंक के अधिकारियों ने उसके चकराता रोड स्थित पते पर पूछताछ की। जहां पता चला कि आरोपित काफी समय पहले ही इस जगह को छोड़कर जा चुका है।
यह भी पढ़ें: साइबर ठगों ने अपर सचिव के खाते से उड़ाए 57 हजार Dehradun Newsगलत दस्तावेजों से फाइल की थी आइटीआर
पुलिस के अनुसार अधिवक्ता ने बताया कि दोनों ऋण की पत्रावलियों की जांच की गई तो पता लगा कि आरोपित ने मोहम्मद अख्तर व सय्यद मोहम्मद के नाम से फर्जी दस्तावेज तैयार कराए और इन्हीं के आधार पर गलत तरीके से आइटीआर फाइल की। साथ ही इन्हीं फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करते हुए ऋण हासिल किया। अधिवक्ता के अनुसार उन्हें शक है कि उक्त वाहनों का कही आपराधिक कार्यों में इस्तेमाल न हो रहा हो। इसे लेकर उन्होंने 14 अगस्त 2018 को एसएसपी देहरादून के कार्यालय में शिकायती पत्र दिया था, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।
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