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उत्‍तराखंड में 6.84 लाख स्कूली बच्चों को सेहत की भरपूर खुराक, पढ़ि‍ए पूरी खबर

स्‍कूलों अध्ययनरत 6.84 लाख बच्चों को दोपहर में पका हुआ भोजन तो दिया जा रहा है हफ्ते में एक दिन दूध फल अंडा गुड़-पापड़ी के रूप में पोषक तत्वों से भरपूर खुराक दी जा रही है।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Fri, 06 Sep 2019 08:02 PM (IST)
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उत्‍तराखंड में 6.84 लाख स्कूली बच्चों को सेहत की भरपूर खुराक, पढ़ि‍ए पूरी खबर
देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश के सरकारी और सहायताप्राप्त अशासकीय विद्यालय बच्चों में कुपोषण के खिलाफ जंग में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। कुल 17042 विद्यालयों में कक्षा एक से आठवीं तक अध्ययनरत 6.84 लाख बच्चों को दोपहर में पका हुआ भोजन (मिड डे मील) तो दिया ही जा रहा है, हफ्ते में एक दिन दूध, फल, अंडा, गुड़-पापड़ी के रूप में पोषक तत्वों से भरपूर खुराक भी दी जा रही है।

बचपन को सेहतमंद बनाने को भोजन में ताजी सब्जियों के लिए विद्यालयों में किचन गार्डन की अनूठी पहल की जा चुकी है। अब तक 1281 विद्यालयों में ऐसे किचन गार्डन तैयार हो चुके हैं। वहीं बच्चों में खून की कमी को नियंत्रित करने के लिए लोहे की कड़ाही में भोजन पकाने का नया प्रयोग शुरू किया गया है। अब तक 4169 विद्यालयों में लोहे की कड़ाही मुहैया कराई जा चुकी है। केंद्र सरकार की अतिरिक्त मदद देने के भरोसे के बाद चालू शैक्षिक सत्र में उक्त लाखों बच्चों को हफ्ते में एक दिन फ्लेवर्ड मिल्क देने का निर्णय भी लिया गया है।

पोषक तत्वों से भरपूर भोजन  

विद्यालय में बचपन को शिक्षा से संवारने के साथ ही आवश्यक कैलोरी व पोषक पदार्थयुक्त मिड डे मील के जरिये निखारा भी जा रहा है। सुपोषण के इस अभियान से प्रदेश के मैदानी से लेकर पर्वतीय जिलों के लाखों छात्र-छात्राएं लाभान्वित हो रहे हैं। इस योजना को दी जा रही सबसे ज्याद तरजीह का अंदाजा इससे लग सकता है कि केंद्र सरकार ने मिड डे मील के लिए वर्ष 2019-20 में कुल 187.63 करोड़ का बजट मंजूर किया है। इसमें केंद्र की हिस्सेदारी 122.14 करोड़ और राज्य की हिस्सेदारी 65.49 करोड़ है। बच्चों को स्वच्छ माहौल में पका पकाया पोषक भोजन मुहैया कराया जा रहा है। सिर्फ भोजन पकाने और बच्चों को इसे वितरित करने के लिए पूरे राज्य में 25786 भोजन माताओं को जिम्मा सौंपा गया है। केंद्र सरकार मिड डे मील के लिए करीब साढ़े ग्यारह हजार मीट्रिक टन खाद्यान्न आवंटित करेगी।

शुद्ध वातावरण पर भी जोर

मिड डे मील योजना में विद्यालयों का परिसर और वातावरण शुद्ध रखने का बंदोबस्त भी किया जा रहा है। हंस फाउंडेशन के माध्यम से कुल 5519 विद्यालयों को रसोई गैस के कनेक्शन दिए गए हैं। अब तक गैस कनेक्शनधारक विद्यालयों का आंकड़ा 11447 हो चुका है। बच्चों को पौष्टिक सब्जियां और फल देने के लिए किचन गार्डन विकसित करने के लिए विद्यालय प्रबंध समितियों एवं शिक्षकों को प्रेरित किया जा रहा है। नतीजतन अब तक 1281 किचन गार्डन बन चुके हैं, जबकि चालू शैक्षिक सत्र में 588 नए किचन गार्डन बनाने का लक्ष्य रखा गया है। राज्य सरकार हफ्ते में एक दिन अतिरिक्त पोषण कार्यक्रम के तहत अपने स्तर से अंडा, दूध, गुड़-पापड़ी, लड्डू देने के लिए प्रति छात्र पांच रुपये की दर से धन दे रही है। शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम का कहना है कि अतिरिक्त पोषण में केंद्र की अतिरिक्त सहायता से फ्लेवर्ड मिल्क चालू सत्र से ही देने का निर्णय सरकार ने लिया है। इस पर करीब छह करोड़ खर्च किया जाएगा।

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प्रदेश में मिड डे मील योजना से जिलेवार लाभान्वित हो रहे छात्र-छात्राओं और भोजनमाताओं का ब्योरा:

  • जिले--------------छात्रसंख्या-------भोजन माता
  • अल्मोड़ा--------------40830-------2298
  • बागेश्वर--------------20460-------1084
  • चमोली--------------33423-------1820
  • चंपावत--------------21388-------1018
  • देहरादून--------------72696-------2360
  • हरिद्वार--------------154194-------2466
  • नैनीताल--------------58897-------2234
  • पौड़ी-------------------40189-------2622
  • पिथौरागढ़-------------31626-------1926
  • रुद्रप्रयाग--------------22054-------1095
  • टिहरी-----------------49418-------2656
  • ऊधमसिंहनगर-------111679-------2762
  • उत्तरकाशी------------27729-------1445
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