दून अस्पताल क्षेत्र में सांसों में घुला सर्वाधिक धुआं, पढ़िए पूरी खबर
इस दीपावली वायु प्रदूषण का स्तर सामान्य दिनों की अपेक्षा अधिक उछाल नहीं मार पाया और कानफोड़ू पटाखों पर अंकुश रहने से ध्वनि प्रदूषण में पिछले साल की तुलना में कुछ कमी दर्ज की गई।
By Raksha PanthariEdited By: Updated: Tue, 29 Oct 2019 07:06 AM (IST)
देहरादून, जेएनएन। इस दीपावली दूनवासियों ने पटाखों के धूम-धड़ाके से कुछ हद तक परहेज किया। इससे वायु प्रदूषण का स्तर सामान्य दिनों की अपेक्षा अधिक उछाल नहीं मार पाया और कानफोड़ू पटाखों पर अंकुश रहने से ध्वनि प्रदूषण में पिछले साल की तुलना में कुछ कमी दर्ज की गई। हालांकि, इस सबके बीच चिंता की बात यह रही कि दून अस्पताल जैसे संवेदनशील क्षेत्र में सांसों में सर्वाधिक धुआं घुला। यहां वायु प्रदूषण का स्तर पर अन्य क्षेत्रों की तुलना में सबसे अधिक पाया गया। साथ ही यह पीएम-10 की मानक सीमा 100 और पीएम-2.5 की मानक सीमा 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से साढ़े तीन गुना से भी ऊपर चला गया।
इस दीपावली पर पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दून अस्पताल, नेहरू कॉलोनी, रायपुर समेत ऋषिकेश के ढालवाला में वायु प्रदूषण की जांच की। वहीं, पिछले साल इससे कुछ अलग घंटाघर, आइएसबीटी व नेहरू कॉलोनी क्षेत्र में वायु प्रदूषण की जांच की गई थी। लिहाजा, पिछले साल के वायु प्रदूषण व इस बार के वायु प्रदूषण में अंतर का स्पष्ट आकलन नहीं हो पाया। सिर्फ नेहरू कॉलोनी में जांच की स्थिति सामान्य रही और यहां पहले की अपेक्षा वायु प्रदूषण का ग्राफ काफी कम रहा।
अच्छी बात यह है कि नेहरू कॉलोनी क्षेत्र में पहली दफा वायु प्रदूषण (पीएम-10) का स्तर दीपावली पर 167 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर पाया गया। क्योंकि पिछले साल यह स्तर 337 था और 2016 में यह 422 को पार कर चुका है। दूसरी तरफ प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के दीपावली के दौरान वायु प्रदूषण व ध्वनि प्रदूषण के 2014 तक के आंकड़ों पर गौर करें तो इस दफा के ओवरऑल स्तर को कुछ हद तक कम माना जा सकता है।
इस दीपावली वायु प्रदूषण की स्थिति(माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर)
स्थान, पीएम-2.5, पीएम-10नेहरू कॉलोनी, 72, 166दून अस्पताल, 184, 385रायपुर रोड, 151, 249ढालवाला, 152, 2832018 में दीपावली पर वायु प्रदूषणस्थान, पीएम-2.5, पीएम-10नेहरू कॉलोनी, 136, 337
घंटाघर, 93.5, 249.50आइएसबीटी, 119.83, 301.81 पिछली कुछ दीपावली पर वायु प्रदूषण की तस्वीरवर्ष, घंटाघर, रायपुर रोड, नेहरू कॉलोनी2017, 218.12, 307.01, 333.692016, 296.80, 251.53, 422.022015, 240.00, 253.12, 369.902014, 166.17, 267.78, 273.44वायु प्रदूषण के मानक-पीएम-2.5 की स्थिति 24 घंटे में 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए।
-पीएम-10 की स्थिति 24 घंटे में 100 से अधिक नहीं होनी चाहिए।दीपावली ध्वनि प्रदूषण की स्थिति (आंकड़े डेसिबल में)स्थान, 2019, 2018, 2017, 2016, 2015विधानसभा, 67, 68, 61.60, 67.49, 73.45सीएमआइ चौक, 66, 69, 70.98, 58.23, 66.83घंटाघर, 72, 73, 70.06, 72.34, 74.71दून अस्पताल, 62, 70, 55.99, 68.79, 67.55नेहरू कॉलोनी, 68, 67, 65.34, 68.22, 68.15
रेसकोर्स, 67, 70, 62.34, 67.52, 68.46किशननगर चौक, 64.75, 73, 72.37, 70.69, 72.02वसंत विहार, 64, 66, 65.46, 63.67, 58.01आइएसबीटी, 68, 72, 70.78, 64.49, 73.83गांधी पार्क, 68, 66, 65.42, 67.49, 73.83ध्वनि प्रदूषण के मानकविभिन्न जोन में (इंडस्ट्रियल एरिया को छोड़कर) दिन में 50 से 65 व रात्रि में 40 से 55 डेसिबल के बीच होना चाहिए।
गति फाउंडेशन ने इस दफा नहीं की जांचपिछली दीपावली पर गति फाउंडेशन ने ग्राउंड जीरो यानी स्पॉट की वास्तविक स्थिति के अनुसार वायु प्रदूषण के आंकड़े एकत्रित किए गए थे। इसके लिए गति फाउंडेशन ने शहर के 10 विभिन्न स्थानों पर हैंडसेट उपकरणों की मदद ली थी। जो नतीजे आए, वह बेहद चौंकाने वाले रहे। पता चला था कि दून में पार्टिकुलेट मैटर (पीएम)2.5 व 10 की स्थिति सीमा से 15 गुना तक ïपहुंच गई थी। हालांकि, इस दफा फाउंडेशन की ओर से आंकड़े एकत्रित न करने पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से इतर समानांतर स्तर पर रिपोर्ट जारी नहीं की जा सकी।
यदि ऐसा हो पाता तो दो अलग-अलग एजेंसी के आंकड़े उपलब्ध होते और उससे वायु प्रदूषण की जमीनी हकीकत और स्पष्ट हो पाती। क्योंकि पिछली बार की दीपावली पर की गई फाउंडेशन की जांच व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की जांच अलग-अलग कहानी बयां कर रही है। दोनों संस्थाओं के घंटाघर के ही आंकड़ों को देखें तो गति फाउंडेशन की जांच में पिछली दफा पीएम-2.5 का स्तर 342 व पीएम-10 का स्तर 431 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर पाया गया, जबकि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की जांच में यह आंकड़े क्रमश: 93.5 व 249.50 रहे।
2018 की दीपावली पर गति फाउंडेशन के आंकड़ेदीपावली पर इतनी जहरीली हुई हवास्थान, पीएम-2.5, पीएम-10पटेलनगर, 859, 1330गांधी ग्राम, 797, 1235झंडा चौक, 759, 1131गोविंदगढ़, 759, 1066सहारनपुर रोड, 714, 1030खुड़बुड़ा, 695, 913निरंजनपुर मंडी, 649, 888बल्लीवाला चौक, 550, 724
बल्लीवाला चौक, 550, 724घंटाघर, 342, 431यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में पर्यावरण एवं जल संरक्षण की मुहिम छेड़ेगा आरएसएसप्रभावी नहीं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की जांचदीपावली पर वायु प्रदूषण की जांच के लिए की जा रही पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की कार्रवाई को प्रभावी नहीं माना जा सकता। इसकी बड़ी वजह यह है कि जिन स्थानों पर पिछले साल आंकड़े लिए गए, इस बार वह क्षेत्र सम्मिलित नहीं किए गए। ऐसे में स्वयं बोर्ड अधिकारी भी पुख्ता तौर पर यह बता पाने की स्थिति में नहीं है कि दीपावली पर वायु प्रदूषण घट रहा है या बढ़ रहा है।
यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में प्रदूषण से नुकसान को निपटने को 80 करोड़, नहीं कर सके खर्चयह भी कम गंभीर नहीं कि जिस आइएसबीटी क्षेत्र में हर तरह का दबाव सर्वाधिक रहता है, वहां इस बार वायु प्रदूषण के आंकड़े लिए ही नहीं गए। इसके अलावा बोर्ड के मॉनिटरिंग स्टेशन बेहद कम क्षेत्र को कवर करते हैं। ऐसे में आंकड़ों की वास्तविकता को लेकर भी सवाल खड़े होते हैं। यह भी बड़ी वजह रही कि पिछली दीपावली पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व गति फाउंडेशन के आंकड़ों में बड़ा अंतर नजर आया।यह भी पढ़ें: देश में सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में छठे स्थान पर है दून Dehradun News
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