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ऐसी मां, जिसने घोंटा ममता का गला, मासूमों की खुशी को बदल दिया मौत में; जानें- क्यों उठाया ये खौफनाक कदम

रब्बानी ने अपने हाथों ही अपनी दुनिया उजाड़ ली। नवाबगढ़ और डाकपत्थर के बीच तीन बच्चों के साथ शक्तिनहर में कूदी रब्बानी का एक बच्चा लापता है और दो की मौत हो चुकी है। अब उसके हाथों में पछतावे के सिवा कुछ नहीं रहा।

By Raksha PanthriEdited By: Updated: Mon, 13 Sep 2021 09:35 PM (IST)
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नाना के घर जाने को बेहद खुश थे मासूम, पर नहीं था पता होगी जिंदगी खत्म।
राजेश पंवार, विकासनगर। सहसपुर ब्लाक के हसनपुर गांव की रब्बानी ने अपने हाथों ही अपनी दुनिया उजाड़ ली। नवाबगढ़ और डाकपत्थर के बीच तीन बच्चों के साथ शक्तिनहर में कूदी रब्बानी का एक बच्चा लापता है और दो की मौत हो चुकी है। अब उसके हाथों में पछतावे के सिवा कुछ नहीं रहा। कहती है, पति से झगड़े के बाद मन में आया कि डूबकर मर जाऊं और फिर गुस्से में ही घटना को अंजाम दे दिया।

रब्बानी के तीनों बच्चे जिया (तीन), जैद (12) और जैनद (13) रविवार सुबह नाना के घर रामपुर जाने को लेकर उत्साहित थे। खुशी की एक वजह यह भी थी कि उनकी मौसी नाना के घर में ही दावत दे रही थी। इसलिए सुबह से ही वे अपनी मां से सुंदर कपड़े पहनाने की जिद कर रहे थे। इन मासूमों को क्या मालूम था कि कुछ समय बाद यही मां उनकी काल बन जाएगी। मायके में रात रुकने की जिद पर जब रब्बानी का पति शहजाद से विवाद हुआ तो बेटों जैद व जैनद ने दोनों को मनाया। इसके बाद शहजाद दवा लेने देहरादून चला गया और रब्बानी अपने ससुर रमजान से रामपुर जाने की बात कहकर तीनों बच्चों के साथ घर से निकल पड़ी।

इस दौरान बच्चों के चेहरों पर नाना के घर जाने की खुशी साफ झलक रही थी। उन्हें कहां अंदेशा था कि वे नानी के घर नहीं, बल्कि दुनिया से रुखसत होने जा रहे हैं। रब्बानी ने रामपुर जाने के बजाय विकासनगर की बस ली। यहां से वो बच्चों के साथ टैंपो से नवाबगढ़-डाकपत्थर के बीच नई कालोनी के समीप पहुंची। टैंपो से उतरने के बाद उसने दोनों बेटों का हाथ पकड़ा और बच्ची को गोद में उठा लिया। शक्तिनहर के किनारे पहुंचते ही उसने दोनों बेटों को हाथ पकड़कर आगे किया और पलक झपकते ही नहर में धक्का दे दिया। इसके बाद स्वयं भी बच्ची के साथ नहर में कूद गई।

नहर में बहाव इतना तेज था कि तैराक युवक रब्बानी और बच्ची को ही बाहर निकाल पाए, लेकिन दुर्भाग्य से तब तक बच्ची की मौत हो चुकी थी। रब्बानी की जान बचाने वाले युवक आसिफ, सोनू और अयान ने दोनों बेटों को तलाशने के लिए नहर में दोबारा गोता लगाया, लेकिन उनके हाथ कुछ नहीं लगा। मौके पर मौजूद हर कोई हतप्रभ था, जिसने भी घटना के बारे में सुना, यही कह रहा था, क्या ऐसी भी मां होती है, जिसने खुद ममता का गला घोंट दिया।

2011 में भी हो चुका ऐसा ही हादसा

शक्तिनहर में सामूहिक आत्महत्या की सबसे बड़ी घटना वर्ष 2011 में हुई थी। तब क्लेमेनटाउन (देहरादून) क्षेत्र के एक परिवार में बड़ी बहन की मौत हो गई थी। इससे उसकी तीन बहनें इस कदर व्यथित हुई कि उन्होंने घर में भगवान की तस्वीर हटाकर बहन की ही पूजा शुरू कर दी। अन्य दो विवाहित बहनों ने भी ऐसा ही किया। कुछ समय बाद तीनों बहनें अपनी मां व छह बच्चों के साथ शक्तिनहर के किनारे लखवाड़ कालोनी पहुंचीं। वहां उन्होंने कोल्डड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाकर उसे बच्चों को पिला दिया। बेहोश होने पर उन्होंने सभी को एक-एक कर नहर में फेंका और फिर स्वयं भी कूद गईं। मां को भी उन्होंने बेहोश कर दिया था, लेकिन उसे नहर में नहीं फेंका। जिसके होश में आने पर विकासनगर के तत्कालीन कोतवाल डीएस रावत ने सर्च आपरेशन चलाया था।

मटमैला पानी सर्च आपरेशन में बाधक

नवाबगढ़ क्षेत्र में शक्तिनहर में डूबकर लापता दो बच्चों को तलाशने के कार्य में तेज बहाव व मटमैला पानी बाधक बना। ऋषिकेश से आयी एसडीआरएफ ने साढ़े पांच बजे शाम तक सर्च आपरेशन चलाया। उससे पहले जल पुलिस मशक्कत करती रही, लेकिन हसनपुर सहसपुर के किसान शहजाद के डूबे दोनों बच्चों को तलाश करने में नाकाम रहे। अंधेरा होने पर सर्च आपरेशन को बीच में ही रोकना पड़ा। एसडीआरएफ टीम सोमवार को घटनास्थल से ढकरानी पावर हाउस इंटेक तक सर्च आपरेशन चलाएगी। कोतवाल प्रदीप बिष्ट के अनुसार सोमवार को सर्च आपरेशन दोबारा चलाया जाएगा।

शक्तिनहर किनारे सुरक्षा जालियां लगाने की मांग

डाकपत्थर से ढालीपुर तक शक्तिनहर पावर चैनल के किनारे सुरक्षा जालियां लगाने की मांग जल विद्युत निगम प्रबंधन से की है। वहीं घटना के बाद सहसपुर विधायक सहदेव पुंडीर व क्षेत्रीय विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने पुलिस व जिला प्रशासन से बात कर बच्चों को जल्द तलाशने को कहा। वहीं मौके पर आए कांग्रेस नेता आजाद अली, पूर्व जिला पंचायत सदस्य इसपदीन माटू, हसनपुर ग्राम प्रधान शराफत अली, भारत संवैधानिक अधिकार संरक्षण मंच के राष्ट्रीय संयोजक दौलत कुंवर, हयूमन राइटस एंड आरटीआइ एसोसिएशन अध्यक्ष अरविंद शर्मा आदि ने सुरक्षा जालियां लगाने की मांग की।

घटनास्थल पर लगा जाम

घटनास्थल पर भारी भीड़ की वजह से डाकपत्थर विकासनगर रोड पर जाम की स्थिति बनी रही। रह रहकर जाम लगता रहा, खुलता रहा। जिसे भी घटना पता चला, वह वाहन को रोड किनारे पार्क कर जमा भीड़ का हिस्सा बन गया, जिसके चलते वाहन चालकों को जाम की स्थिति से जूझना पड़ा।

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जिसने भी सुनी घटना अंदर तक सिहर उठे

जिसने भी तीन बच्चों सहित मां के शक्तिनहर में कूदने की घटना सुनी, अंदर तक सिहर उठे। हसनपुर के ग्रामीणों में भी इस घटना को लेकर गम था। प्रधान शराफत अली ने बताया कि शहजाद खेती किसानी करता था। कभी भी उसकी पत्नी से कोई बड़ा झगड़ा नहीं हुआ। शहजाद बीमार होने की वजह से यह नहीं चाहता था कि उसकी पत्नी रब्बानी अपने मायके में रात में रुके, इसी को लेकर दोनों के बीच बढ़ी तकरार का गुस्सा सबकुछ तबाह कर गया। हंसता खेलता परिवार पलभर में उजड़ गया। ग्राम प्रधान ने रब्बानी से कहा कि झगड़ा होने पर गांव के मौजिज व्यक्ति सुलह करा देते तो ऐसी घटना तो न होती।

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