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प्राचीन वास्तुकला से सीख लें आज के इंजीनियर: डॉ मुरली मनोहर जोशी

सांसद डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि प्राचीन वास्तुकला से इंजीनियर आधुनिक मॉडल तैयार कर सकते हैं। बदरीनाथ और केदारनाथ के मंदिर प्राचीन वास्तुकला के बड़े के उदाहरण हैं।

By Edited By: Updated: Fri, 30 Nov 2018 12:40 PM (IST)
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प्राचीन वास्तुकला से सीख लें आज के इंजीनियर: डॉ मुरली मनोहर जोशी
देहरादून, जेएनएन। भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं सांसद डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि प्राचीन वास्तुकला से इंजीनियर आधुनिक मॉडल तैयार कर सकते हैं। बदरीनाथ और केदारनाथ के मंदिर प्राचीन वास्तुकला के बड़े के उदाहरण हैं। बड़े शिक्षण संस्थान भी अमेरिका की सीमेंट-लोहे की इंजीनियरिंग छोड़ वास्तुकला पर आधारित इंजीनियरिंग पर ध्यान दें। ताकि यहां की वास्तुकला में देवभूमि के दर्शन मिलें।

शुक्रवार को होने वाले दून यूनिवर्सिटी के प्रथम दीक्षांत समारोह में शामिल होने पूर्व केंद्रीय मंत्री और कानपुर सांसद डॉ. मुरली मनोहर जोशी गुरुवार को दून पहुंचे। यहां कृषि मंत्री सुबोध उनियाल, महापौर सुनील उनियाल गामा समेत कई भाजपा नेताओं ने उनका स्वागत किया। इस दौरान ईसी रोड में आयोजित एक निजी कार्यक्रम में शामिल हुए डॉ. जोशी ने भाजपा नेताओं से बातचीत की।

शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रहे कारोबारियों से डॉ. जोशी ने कहा कि विदेशी तकनीक पर हमारी इंजीनियरिंग सिर्फ सीमेंट और कंकरीट तक सीमित है। इसकी मजबूती और बनावट प्राचीन वास्तुकला के सामने फीकी है। उन्होंने कहा कि इंजीनियर तैयार करने वाले संस्थान प्राचीन वास्तुकला को बढ़ावा दें। संस्थानों में इंजीनियरिंग के जो कोर्स चलाए जा रहे हैं, उनमें प्राचीन वास्तु को जोड़ा जाए।

इस मौके पर डीबीआइटी के संचालक संजय बंसल और कानपुर से आए शिक्षाविद सुधींद्र कुमार जैन ने उन्हें शॉल और स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया। पहाड़ी उत्पादों को मिले बढ़ावा सांसद डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि फास्ट फूड जहां बीमारियों को बढ़ावा दे रहा है, वहीं पहाड़ के फलाहार और पौष्टिक खाद्य वस्तुएं हर बीमारी को दूर करते हैं। ऐसे में पहाड़ी उत्पादों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।

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