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Mussoorie Highway बना खतरनाक, एक भूस्खलन जोन का उपचार जारी, अब दूसरा हुआ एक्टिव

Mussoorie Highway Landslide यातायात के लिहाज से बेहद अहम मसूरी-देहरादून राज्य राजमार्ग की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। फिलहाल इस मार्ग पर भारी वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है और लोनिवि प्रांतीय खंड ने सड़क को सपोर्ट देने के लिए वायरक्रेट पुश्ते का निर्माण शुरू कर दिया है। इसके बाद मार्ग की सुरक्षा के लिए वृहद कार्य योजना तैयार की जाएगी।

By Suman semwal Edited By: Nirmala Bohra Updated: Sun, 21 Jul 2024 12:41 PM (IST)
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Mussoorie Highway Landslide: चुनौती बन रहा देहरादून-मसूरी मार्ग पर भूस्खलन जोन पर काबू पाना

सुमन सेमवाल, देहरादून। Mussoorie Highway Landslide: यातायात के लिहाज से बेहद अहम मसूरी-देहरादून राज्य राजमार्ग की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं।

इस मार्ग पर सालों से सिरदर्द बने गलोगी पावर हाउस के पास की पहाड़ी (गलोगी धार) भूस्खलन जोन का उपचार अप्रैल माह में शुरू किया जा सका था कि एक और भूस्खलन जोन एक्टिव हो गया है। यह भूस्खलन जोन मार्ग के निचले भाग के पुश्ते के खिसकने के रूप में सामने आया है। फिलहाल, इस मार्ग पर भारी वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है और लोनिवि प्रांतीय खंड ने सड़क को सपोर्ट देने के लिए वायरक्रेट पुश्ते का निर्माण शुरू कर दिया है।

लोनिवि प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता जितेंद्र त्रिपाठी के मुताबिक गलोगी धार के पास मसूरी रोड से एक कच्चा मार्ग गलोगी पावर हाउस के लिए जाता है। यह मार्ग पूरी तरह ध्वस्त हो गया है। कच्चे मार्ग का बड़ा पुश्ता राजमार्ग के पुश्ते से जुड़ा हुआ था। इस पूरे भाग के ध्वस्त हो जाने के चलते मसूरी राज्य राजमार्ग का पुश्ता भी अपनी जगह से खिसक गया।

भूस्खलन का यह दायरा बढ़ सकता है। लिहाजा, लोनिवि अधिकारियों ने मार्ग पर भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाने के साथ ही पुश्ते का पुनर्निर्माण शुरू कर दिया है। खंड के सहायक अभियंता केके उनियाल के अनुसार तीन दिन के भीतर वायरक्रेट पुश्ते का निर्माण कर भारी वाहनों का संचालन भी शुरू करा दिया जाएगा। फिलहाल पुश्ते का निर्माण 12 से 15 मीटर की लंबाई और 14 से 15 मीटर की ऊंचाई में किया जा रहा है। इसके बाद मार्ग की सुरक्षा के लिए वृहद कार्य योजना तैयार की जाएगी।

कंसल्टेंट से तैयार करवाई जाएगी रिपोर्ट

लोनिवि प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता जितेंद्र त्रिपाठी ने बताया कि वर्षाकाल के बाद कंसल्टेंट नियुक्त कर मार्ग के निचले भाग का सर्वे किया जाएगा। क्योंकि, इस भाग में मिट्टी ही अधिक निकल रही है। जिससे पता चलता है कि इस भाग पर हार्ड रॉक का अभाव हो सकता है। इसी हिसाब से उपचार की तकनीक पर आगे बढ़ा जाएगा। विस्तृत रिपोर्ट तैयार हो जाने के बाद स्वीकृति के लिए शासन को भेजा जाएगा।

गालोगीधार की पहाड़ी में भूस्खलन का दायरा 95 मीटर पहुंचा

वर्ष 2021 में मसूरी रोड पर गलोगी धार का वर्षों पुराना भूस्खलन जोन खासा एक्टिव (सक्रिय) हो गया था। जिसके चलते इस भाग पर मसूरी रोड बुरी तरह ध्वस्त हो गई थी। सितंबर 2021 में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निरीक्षण के क्रम में इसके उपचार की योजना तैयार की गई थी। पहले उपचार की डीपीआर 29 करोड़ रुपए, फिर 24 करोड़ और अंत में 21.75 करोड़ रुपए में तैयार की गई।

जनवरी 2024 में उपचार के कार्य का उद्घाटन भी कर दिया गया था। हालांकि, वर्ष 2021 में भूस्खलन का जो दायरा 70 से 75 मीटर तरह, वह बढ़कर 95 मीटर पर पहुंच गया था। लिहाजा, डिजाइन में फेरबदल करने के चलते अप्रैल 2024 में काम शुरू किया जा सका। अब इसका रिवाइज इस्टीमेट भी भेजा गया है। इस वर्षाकाल में भी पहाड़ी से मलबा गिर रहा है। जिसके चलते इस भाग पर सड़क की चौड़ाई दो से डेढ़ लेन रह गई थी और अब यह सिंगल लेन ही बची है।

फिलहाल, सड़क के निचले भाग पर भूस्खलन के चलते पहाड़ी पर उपचार का कार्य बंद कर दिया गया है। ताकि उपचार के दौरान निकलने वाले अतिरिक्त मलबे के चलते सड़क पूरी तरह बाधित न हो जाए। अधिकारियों के मुताबिक गलोगी की पहाड़ी पर उपचार का कार्य दिसंबर 2024 तक पूरा होने का लक्ष्य रखा गया है।

2020 में भी 50 मीटर हिस्सा ध्वस्त हो गया था

मसूरी रोड पर विभिन्न स्थलों पर भूस्खलन का खतरा बना रहता है। गलोगी धार से पहले वर्ष 2020 में पानीवाला बैंड के पास मसूरी रोड का 50 मीटर हिस्सा पूरी तरह ध्वस्त हो गया था। तब यहां सड़क को खोलने कई दिन का समय लग गया था।