Dehradun News: विभागों की खींचतान में झूल रही मसूरी-यमुना पेयजल योजना, पानी की समस्या के समाधान का है इंतजार
Dehradun करीब डेढ़ सौ करोड़ रुपये की लागत से बन रही प्रदेश की सबसे ऊंची पंपिंग पेयजल योजना का मसूरी वासियों को लाभ कब मिलेगा कहा नहीं जा सकता। पेयजल निगम की ओर से बीते डेढ़ माह से मसूरी वासियों को पेयजल उपलब्ध कराने के दावे किए जा रहे हैं।
By Jagran NewsEdited By: Swati SinghUpdated: Wed, 07 Jun 2023 07:53 AM (IST)
देहरादून, जागरण संवाददाता। यमुना-मसूरी पेयजल योजना अभी मसूरी वासियों के लिए दूर की कौड़ी बनी हुई है। पेयजल निगम की ओर से अभी तक मसूरी में पेयजल आपूर्ति शुरू नहीं की गई है। इसके लिए पेयजल निगम पर्याप्त बिजली आपूर्ति न होने का हवाला दे रहा है। उधर, ऊर्जा निगम ने बिजली आपूर्ति न हो पाने के दावों को नकारते हुए पर्याप्त बिजली देने का दावा किया है। अब इस खींचतान में करोड़ों की योजना झूल रही है।
करीब डेढ़ सौ करोड़ रुपये की लागत से बन रही प्रदेश की सबसे ऊंची पंपिंग पेयजल योजना का मसूरी वासियों को लाभ कब मिलेगा कहा नहीं जा सकता। पेयजल निगम की ओर से बीते डेढ़ माह से मसूरी वासियों को पेयजल उपलब्ध कराने के दावे किए जा रहे हैं। जबकि, स्थिति यह है कि अभी पानी की आपूर्ति शुरू होने में काफी वक्त लग सकता है। राधा भवन तक पानी पहुंचाने के बाद पेयजल निगम की रफ्तार धीमी पड़ी हुई है और बिजली आपूर्ति न होने को इसका कारण बताया जा रहा है।
विद्युत व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए काम है जारी
पेयजल निगम के प्रबंध निदेशक उदयराज ने बीते सप्ताह ही ऊर्जा निगम के उच्चाधिकारियों के साथ स्थलीय निरीक्षण कर विद्युत व्यवस्था दुरुस्त करने पर चर्चा की। जिसके बाद ऊर्जा निगम ने प्लांट में नैनबाग के साथ ही मसूरी से भी विद्युत सप्लाई दे दी। हालांकि, पेयजल निगम के अधिकारी अब भी पर्याप्त समय के लिए विद्युत आपूर्ति न होने के कारण पानी पंप न होने का हवाला कर रहे हैं। उधर, ऊर्जा निगम के मुख्य अभियंता एमआर आर्य ने इसका खंडन करते हुए निर्बाध विद्युत आपूर्ति किए जाने का दावा किया है। साथ ही उन्होंने कहा है कि वोल्टेज में भी कोई कमी नहीं है।सब स्टेशन के लिए जनवरी में मिली भूमि
यमुना-मसूरी पेयजल योजना वर्ष 2020 में शुरू की गई थी। करीब तीन साल बाद पेयजल निगम को विद्युत व्यवस्था की याद आई। ऊर्जा निगम के मुख्य अभियंता एमआर आर्य ने बताया कि उन्हें जनवरी 2023 में सब स्टेशन निर्माण के लिए पेयजल निगम ने भूमि प्रदान की, वह भी एक चट्टान पर स्टेशन बनाना पड़ रहा है। इसमें कुछ माह का समय और लग सकता है।
मसूरी में नहीं होगी पेयजल की समस्या
पहाड़ों की रानी मसूरी में आने वाले दिनों में पेयजल की कोई समस्या नहीं रहेगी। इस कड़ी केंद्र सरकार ने मसूरी पुनर्गठन जलापूर्ति योजना के लिए 56.46 करोड़ की विशेष सहायता अनुदान के रूप में स्वीकृत की है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसके लिए प्रधानमंत्री समेत केंद्र के प्रति आभार व्यक्त किया है।मसूरी की पेयजल समस्या को देखते हुए केंद्र सरकार के सहयोग से मसूरी के लिए यमुना नदी से पेयजल योजना का निर्माण कराया गया है। अब केंद्र ने इस पुनर्गठन जलापूर्ति योजना के लिए विशेष सहायता अनुदान स्वीकृत किया है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि अब मसूरी की पेयजल समस्या का स्थायी समाधान हो जाएगा।
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