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उत्तराखंड में बढ़ा कोरोना संक्रमण, नैनीताल पर रेड जोन का साया; देहरादून रेड के करीब

प्रवासियों की आमद के बाद जिस तरह से पूरे उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण की दर ऊपर चढ़ी है उसका सबसे अधिक असर नैनीताल पर पड़ा है।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Sun, 31 May 2020 01:52 PM (IST)
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उत्तराखंड में बढ़ा कोरोना संक्रमण, नैनीताल पर रेड जोन का साया; देहरादून रेड के करीब
देहरादून, सुमन सेमवाल। प्रवासियों की आमद के बाद जिस तरह से पूरे उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण की दर ऊपर चढ़ी है, उसका सबसे अधिक असर नैनीताल पर पड़ा है। तीसरे सप्ताह की ही जोनिंग में नैनीताल रेड जोन की श्रेणी में आ चुका है। शनिवार देर शाम एक्टिव केस का आंकड़ा 200 पार होते ही नैनीताल की ऑरेंज जोन में बने रहने की उम्मीद पर गहरी चोट लग गई। हालांकि, जोनिंग की आधिकारिक घोषणा अभी बाकी है। कुल एक्टिव केस, प्रति लाख जनसंख्या पर एक्टिव केस व मृत्यु दर दून को भी रेड जोन की तरफ धकेलती दिख रही है।

दूसरे जिलों की बात करें तो सभी के कम से कम दो पैरामीटर या तो रेड श्रेणी को पार कर गए हैं या करने वाले हैं। मानकों में स्पष्ट किया गया है कि जिस भी जिले में तीन मानक भी रेड श्रेणी में आए तो उस क्षेत्र को रेड जोन में मान लिया जाएगा। जोनिंग के कुल छह पैरामीटर में संक्रमण का डबलिंग रेट भी अहम स्थान रखता है। यदि किसी क्षेत्र का डबलिंग रेट 14 दिन से कम है तो वह रेड जोन में माना जाएगा।

इस समय प्रदेश की डबलिंग दर 5.23 दिन पर आ गई है और कोई भी जिला इस दर को बढ़ा पाने की स्थिति में नहीं दिखता। सैंपलों के पॉजिटिव आने की दर भी जोनिंग का अहम हिस्सा है। टिहरी एकमात्र ऐसा जिला है, जहां संक्रमण की दर रेड जोन के पैरामीटर से भी ऊपर चली गई है। चार जिले ऐसे हैं, जो रेड जोन के बिल्कुल करीब खड़े हैं। प्रति लाख जनसंख्या में एक्टिव केस में नैनीताल को छोड़कर बाकी जिले अभी खतरे से दूर हैं। वहीं, देहरादून एकमात्र ऐसा जिला है, जहां मृत्यु दर के हिसाब से खतरे का लाल निशान करीब आता दिख रहा है।

11 जिलों में सुधरी सैंपलिंग दर 

24 मई की जोनिंग में सिर्फ देहरादून व हरिद्वार ही सैंपलिंग दर ग्रीन जोन के अनुरूप थी। इस दफा इस श्रेणी में नैनीताल व उधमसिंहनगर का नाम जुड़ गया है। शेष जिलों में ऑरेंज जोन के अनुरूप सैंपलिंग की जा रही है। पौड़ी जिले में पिछले हफ्ते की सैंपलिंग रेड जोन के अनुरूप थी।

जोन की कसौटी पर जिले

  • सैंपलिंग दर: देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल व ऊधमसिंहनगर में ग्रीन जोन व शेष में ऑरेंज जोन के अनुरूप सैंपलिंग दर।
  • संक्रमण दर: टिहरी में संक्रमण दर ने रेड जोन की श्रेणी पार की। अल्मोड़ा, बागेश्वर, नैनीताल रेड जोन के करीब।
  • डबलिंग दर: कोई भी जिला मानक पूरा नहीं करता।
  • प्रति लाख जनसंख्या पर एक्टिव केस: नैनीताल जिले ने रेड जोन का अधिकतम आंकड़ा छुआ, देहरादून व पिथौरागढ़ खतरे के करीब।
  • कुल एक्टिव केस: नैनीताल ने खतरे के लाल निशान को पार किया। दून इसके करीब।
  • मृत्यु दर: देहरादून को छोड़कर बाकी पर रेड श्रेणी का अभी खतरा नहीं।
 

ऐसे होता है आकलन

अगर किसी क्षेत्र या जिले में छह मानकों में से तीन व उससे अधिक मानक रेड श्रेणी के हैं तो उसे रेड श्रेणी में माना जाएगा। इसी तरह तीन व इससे अधिक मानक ग्रीन श्रेणी में होने पर क्षेत्र को ग्रीन जोन में माना जाएगा। अन्य सभी स्थिति में संबंधित क्षेत्र को ऑरेंज श्रेणी में माना जाएगा।

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