कभी भी गिरफ्तार हो सकती है मृत्युंजय मिश्रा की पत्नी श्वेता
भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के निलंबित कुलसचिव डॉ. मृत्युंजय मिश्रा की पत्नी श्वेता की गिरफ्तारी कभी हो सकती है।
By Edited By: Updated: Thu, 30 May 2019 03:45 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के निलंबित कुलसचिव डॉ. मृत्युंजय मिश्रा की पत्नी श्वेता, करीबी नूतन रावत और शिल्पा त्यागी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। नैनीताल हाईकोर्ट से इन तीनों को दिए गए अरेस्ट स्टे से संबंधित याचिकाओं के निरस्त होने के बाद इन पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है। विजिलेंस इन तीनों को कभी भी गिरफ्तार कर सकती है।
आयुर्वेद विश्वविद्यालय में हुए भ्रष्टाचार की परतें तब खुलनी शुरू हुईं, जब स्टिंग प्रकरण में निलंबित कुलसचिव मृत्युंजय मिश्रा का नाम सामने आया। विजिलेंस ने मामले का संज्ञान लिया और खुली जांच की। भ्रष्टाचार की कारस्तानियों को लेकर तमाम दस्तावेजी साक्ष्य जुटाने के बाद विजिलेंस ने तीन दिसंबर को मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया। जांच में पाया गया था कि मिश्रा ने उत्तराखंड आयुर्वेद विवि के कुलसचिव पद पर रहते हुए सरकारी धन हड़पने के लिए फर्जी फर्म तक बना डाली थी। फर्म के नाम लाखों रुपये के चेक जारी कर षडयंत्र के तहत पैसों को ठिकाने लगाया गया। इसके प्रमाण विजिलेंस को शुरुआती जांच में ही मिल गए थे। फर्जी फर्म और फर्जी बैंक खातों का संचालन भी एक गिरोह के रूप में किया गया।
विजिलेंस जांच में यह बात सामने आई कि आयुर्वेद विवि में फर्नीचर, स्टेशनरी, कंप्यूटर आदि उपकरणों के नाम पर जो लाखों रुपये मिले थे, उनमें मृत्युंजय मिश्रा ने घपला किया। इसके लिए मिश्रा ने बाकायदा शिल्पा त्यागी नाम की महिला के साथ अमेजन ऑटोमेशन और नूतन रावत के नाम से क्रिएटिव इलेक्ट्रॉनिक्स नाम की फर्म बनाई। इन फर्मों को विश्वविद्यालय से लाखों का भुगतान कराया गया। इन फर्मों में पैसा जमा होने के बाद शिल्पा और नूतन के नाम से हर्रावाला स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा शाखा में दो फर्जी खाते खोले गए। इन खातों को खोलने के लिए विवि का प्रमाण पत्र दिया गया। इन प्रमाण पत्रों में शिल्पा और नूतन को विवि का कर्मचारी बताया, जबकि फोन नंबर पत्नी श्वेता और अपना दिया। यही नहीं, खातों में दर्ज स्थानीय पता भी अपने घर का दिया। इन खातों में फर्म का पैसा जमा होने के बाद मिश्रा ने पत्नी श्वेता, बेटा और चालक अवतार के नाम लाखों रुपये ट्रांसफर कराए।
अभी तक इन बैंक खातों की डिटेल में 50 लाख से ज्यादा रकम मिश्रा के परिजनों के खातों में ट्रांसफर किए जाने की पुष्टि विजिलेंस ने की है। इसे लेकर श्वेता, नूतन और शिल्पा से विजिलेंस ने कई बार पूछताछ की। बाद में विजिलेंस का शिकंजा कसता देख तीनों ने नैनीताल हाईकोर्ट की शरण ले ली, जहां से तीनों को अरेस्ट स्टे मिल गया। मगर अब स्टे निरस्त होने से इन तीनों की गिरफ्तारी का भी रास्ता साफ हो गया है।
फर्श से अर्श तक का सफर
वर्ष 2007 में मृत्युंजय मिश्रा निवासी भागलपुर, बिहार बतौर शिक्षक उत्तराखंड आए। यहां पहला विवाद दो महाविद्यालयों के प्राचार्य के प्रभार से शुरू हुआ। आरोप था कि मिश्रा ने एक सत्र में दो-दो डिग्री ली हैं। इसी दौरान मृत्युंजय मिश्रा ने उत्तराखंड तकनीकी विवि में कुलसचिव का पदभार संभाला। यहां भी मिश्रा ने अपनी राजनीतिक नजदीकियों का फायदा उठाया। यहां मिश्रा पर लाखों रुपये की गड़बड़ी के आरोप लगे। मेडिकल प्रवेश परीक्षा के परिणाम, वर्ष 2009 में उत्तराखंड तकनीकी विवि में समूह-ग के पदों की भर्ती कराने और इसके बाद आयुर्वेद विवि में कुलसचिव का पदभार संभालने का विवाद मिश्रा का पीछा करता रहा।
ये भी रहा विवाद आयुर्वेद विवि में मई-2016 में हुए 65 लाख रुपये के फर्नीचर और चिकित्सकीय उपकरणों की खरीद-फरोख्त के मामले में सीजेएम कोर्ट के आदेश पर तत्कालीन कुलसचिव मिश्रा समेत तीन लोगों पर नेहरू कॉलोनी थाने में मुकदमा चल रहा है।
दाखिल हो चुकी है चार्जशीटभ्रष्टाचार के मामले में विजिलेंस ने मृत्युंजय मिश्रा के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। 4700 पन्नों की चार्जशीट में विजिलेंस ने कुल 73 गवाह बनाए हैं। मृत्युंजय मिश्रा के कुलसचिव रहते टीए-डीए बिल में गड़बड़ी, अकूत संपत्ति जुटाने और नजदीकियों को गलत तरीके से आर्थिक लाभ पहुंचाने समेत पांच बिंदुओं पर चार्जशीट तैयार की गई है।
आय से अधिक संपत्ति का भी चल रहा केसविजिलेंस की जांच में मिश्रा के पास अकूत संपत्ति मिलने पर उसके खिलाफ बीते दिनों आय से अधिक संपत्ति का भी मामला दर्ज कर लिया गया है। विजिलेंस के अनुसार, उसकी साढ़े बारह करोड़ रुपये की संपत्तियों का पता चला है। वहीं, एक रिश्तेदार की पत्नी को विश्वविद्यालय में नौकरी देने और उसके बिना ड्यूटी किए चार लाख रुपये का भुगतान करने के भी दस्तावेज मिल गए हैं।
आरोपितों को कोर्ट से झटका अरेस्ट स्टे की याचिका निरस्तउत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय में करोड़ों के घपले के मामले में न्यायिक हिरासत में जेल में बंद निलंबित कुलसचिव मृत्युंजय मिश्रा की पत्नी श्वेता मिश्रा व अन्य को हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने श्वेता की गिरफ्तारी पर रोक लगाने को लेकर याचिका को निरस्त कर दिया। अब उसकी गिरफ्तारी का रास्ता भी साफ हो गया है।
दरअसल, पिछले साल आयुर्वेद विवि में करोड़ों का घपला उजागर हुआ था। इस मामले में विजिलेंस ने रजिस्ट्रार रहे मृत्युंजय मिश्रा के साथ ही उनकी पत्नी श्वेता, एनजीओ संचालिका नूतन रावत और शिल्पा त्यागी के खिलाफ धोखाधड़ी व अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। आरोप था कि मिश्रा द्वारा घपले में मिली रकम में से 20 लाख रुपये अपनी पत्नी के बैंक खाते में जमा किए थे। जबकि नूतन व शिल्पा को मैटेरियल सप्लाई का काम दिया गया था। निलंबित कुलसचिव मृत्युंजय फिलहाल जेल में हैं। इस मामले में मिश्रा की पत्नी श्वेता, नूतन रावत और शिल्पा त्यागी की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी पर फौरी रोक लगाई थी। बुधवार को न्यायाधीश न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की एकलपीठ ने मामले को सुनने के बाद श्वेता व अन्य की गिरफ्तारी पर रोक लगाने से संबंधित याचिका निरस्त कर दी। कोर्ट के फैसले के बाद अब इनकी गिरफ्तारी का रास्ता साफ हो गया है।यह भी पढ़ें: आयुर्वेद विश्वविद्यालय के निलंबित कुलसचिव मृत्युंजय मिश्रा के खिलाफ दूसरी चार्जशीट तैयारयह भी पढ़ें: निलंबित कुलसचिव मृत्युंजय मिश्रा पर आय से अधिक संपत्ति का भी मुकदमालोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप
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