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National Girl Child Day: सफलता के फलक पर पहाड़ की बेटियां, किसी ने खेल तो किसी ने एक्टिंग में बनाया नाम

National Girl Child Day 2023 बेटियां बेटों के साथ कदम से कदम मिलाकर ऊंचे मुकाम हासिल कर रही हैं। 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस के मौके पर कुछ ऐसी ही बेटियों की कहानियों से हम आपको अवगत कराएंगे जिन्होंने संघर्ष के बीच सफलता की इबारत लिखी है।

By Sumit kumarEdited By: Nirmala BohraUpdated: Tue, 24 Jan 2023 09:33 AM (IST)
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National Girl Child Day 2023: शिक्षा, शोध, फिल्म, पार्श्व गायन, उद्योग, खेल जगत आदि में बालिकाओं ने छाप छोड़ी है।
सुमित थपलियाल, देहरादून: National Girl Child Day 2023: बेटियां, बेटों के साथ कदम से कदम मिलाकर ऊंचे मुकाम हासिल कर रही हैं। सिर्फ घर में ही नहीं बल्कि, हर क्षेत्र में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर रही हैं।

शिक्षा, शोध, फिल्म, पार्श्व गायन, उद्योग, खेल जगत आदि में बालिकाओं ने अपनी छाप छोड़ी है। 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस के मौके पर कुछ ऐसी ही बेटियों की कहानियों से हम आपको अवगत कराएंगे, जिन्होंने संघर्ष के बीच सफलता की इबारत लिखी है।

सुरीली आवाज से बनाई देश में पहचान

देहरादून की बेटी शिकायना मुखिया ने छोटी सी उम्र में ही कामयाबी हासिल कर ली। सिंगिंग रियलिटी टैलेंट शो लिटिल वायस आफ इंडिया किड्स में शिकायना ने वर्ष 2017 और सुपर स्टार सिंगर में वर्ष 2019 में अपनी आवाज का जादू बिखेरा। साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाली शिकायना वर्ष 2019 में काफी चर्चा में रहीं थीं।

गायिकी के साथ वह सामाजिक कार्यों में भी बढ़चढ़ कर शामिल होती हैं। कोरोनाकाल में शिकायना ने इंटरनेट मीडिया पर कई गाने गाए और इससे अर्जित धनराशि मसूरी और देहरादून के जरूरतमंद बच्चों की पढ़ाई को दिए। उन्होंने गरीब परिवारों को राशन भी वितरित किया। शिकायना का एक बैंड भी है। उनके पिता विकास मुखिया संगीत शिक्षक हैं।

छोटे से बड़े पर्दे पर अल्मोड़ा की बेटी ने रखा कदम

छोटे पर्दे के बाद अब बड़े पर्दे पर एंट्री करने वाली अल्मोडा निवासी रूप दुर्गापाल ने अपने अभिनय से दर्शकों का दिल जीता। इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद उन्होंने मल्टीनेशनल कंपनी में कार्य किया। वर्ष 2011 में वह मुंबई चली गईं। इसके बाद उन्होंने कुछ विज्ञापन फिल्म में काम किया।

वर्ष 2012 में पहली बार उन्होंने छोटे पर्दे पर धारावाहिक बालिका वधू में 'सांची' के किरदार से घर-घर तक पहचान बनाई। इस धारावाहिक में उन्होंने तीन साल काम किया। इसके अलावा वह धारावाहिक 'स्वरागिनी, गंगा, तुझसे है राफ्ता, कुछ रंग प्यार के, सीआइडी, बालवीर, प्यार पहली बार, अकबर-बीरबल' में अभिनय कर चुकी हैं।

इंडोनेशिया के होंटेर धारावाहिक में भी उन्होंने अभिनय किया है। इसकी शूटिंग वियतनाम में हुई। रूप दुर्गापाल के अनुसार, वर्तमान में वह कुछ नए प्रोजेक्ट पर काम कर रही हैं। जल्द ही वह इस बारे में बताएंगी।

चोटी फतह कर प्रीति ने बढ़ाया उत्तराखंड का मान

रुद्रप्रयाग के तेवड़ी सेम गांव की रहने वाली प्रीति नेगी ने दिसंबर में साइकिल से महज तीन दिन में अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो को फतह कर विश्व रिकार्ड बनाया।

प्रीति के पिता राजपाल सिंह वर्ष 2002 में आतंकवादियों से लड़ते हुए जम्मू कश्मीर में बलिदान हो गए थे। इस घटना ने उनके परिवार को झकझोर दिया था, लेकिन प्रीति ने हिम्मत नहीं हारी। मां भागीरथी देवी भी लगातार बेटी का हौसला बढ़ाती रहीं।

प्रीति ने बताया कि वह कुछ अलग करना चाहती थी, इसलिए बचपन से ही उन्होंने बाइकिंग, साइकिलिंग में खुद को निखारना शुरू कर दिया था। अगस्त्यमुनि से स्कूल की शिक्षा ग्रहण करने के दौरान वर्ष 2015 में उन्होंने राज्य स्तर पर बाक्सिंग में प्रतिभाग किया। वर्ष 2016 में पर्वतारोहण का बेसिक कोर्स किया।

वर्ष 2017 में उन्होंने उत्तरकाशी जनपद स्थित द्रौपदी का डांडा पर्वत (5670 मीटर) को सबमिट किया। जबकि वर्ष 2018 में लद्दाख रेंज में स्टोक कांगड़ी पर्वत (6153 मीटर) को फतह किया। 21 अक्टूबर 2021 को हरिद्वार से केदारनाथ तक मात्र 11 घंटों में 267 किलोमीटर की साइकिल से यात्रा कर राष्ट्रीय रिकार्ड बनाया। प्रीति के अनुसार, फिलहाल वह माउंट एवरेस्ट को फतह करने की योजना बना रही हैं।

बालीवुड में बनाई पहचान, देवभूमि का रोशन किया नाम

इंजीनियरिंग की पढ़ाई छोड़ बालीवुड में करियर बनाने का निर्णय लेने वाली देहरादून की तेजस्वी सिंह अहलावत की मेहनत रंग ला रही है। आज वह कई फिल्मों में अपने अभिनय से बालीवुड में पहचान बना चुकी हैं। राजपुर रोड निवासी तेजस्वी ने वर्ष 2019 में फिल्म मर्दानी से बालीवुड में डेव्यू किया था। इसके बाद फीचर फिल्म 2024 में भी बेहतर अभिनय किया।

इस साल अभिनेता संजय मिश्रा की फिल्म हसल व डिमोंस, जबकि सेवन वन व एक अन्य वेबसीरीज में भी वह नजर आएंगी। तेजस्वी ने बताया कि उन्हें कई फिल्मों के आफर आए हैं। कुछ की शूटिंग इसी साल होगी, जिसके बारे में वह जल्द ही बताएंगी। तेजस्वी के अनुसार, किसी भी कार्य को करने के लिए लगन व मेहनत जरूरी है, ऐसे में मंजिल भी दूर नजर नहीं आती।

पौड़ी की अंकिता लगा रही छलांग, रोशन कर रही राज्य का नाम

पौड़ी जिले के जहरीखाल ब्लाक के मेरूड़ा गांव की अंकिता ध्यानी के पैरों को गांव पगडंडियों ने ऐसी मजबूती दी कि आज वह 1500 मीटर, तीन हजार मीटर, पांच व दस हजार मीटर की राष्ट्रीय स्तर की दौड़ में कई मेडल जीत चुकी हैं।

अंकिता ने कक्षा आठ में पहली बार वर्ष 2013-14 में रांची में हुए स्कूल गेम्स में प्रतिभाग किया। जिसमें 800 व 1500 मीटर में चौथे स्थान पर रहीं। 2014-15 व 2015-16 में फिर से स्कूल नेशनल गेम्स में पहुंचीं, लेकिन प्रथम तीन में स्थान नहीं बना पाई, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी।

2016-17 में पहली बार अंकिता ने एथलेटिक्स फेडरेशन आफ इंडिया की ओर से तेलंगाना में तीन हजार मीटर की दौड़ में प्रथम स्थान हासिल किया। 2016-17 में ही यूथ फेडरेशन की ओर से बड़ोदरा में तीन हजार मीटर की दौड़ में स्वर्ण पदक जीता।

2017-18 में रोहतक में आयोजित स्कूल नेशनल गेम्स में तीन हजार मीटर दौड़ में रजत पदक, 2018-19 में ही यूथ फेडरेशन की रांची में आयोजित प्रतियोगिताओं में 1500 मीटर दौड़ व रुद्रपुर में राज्य ओलिंपिक में पांच हजार मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक जीता।

इसके अलावा पुणे में खेलो इंडिया में 1500 व 3000 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक जीत साई हास्टल भोपाल में जगह पक्की की। कड़े परिश्रम के दम पर अंकिता ने 2019, 2020 में खेलो इंडिया में अलग-अलग दौड़ में स्वर्ण पदक, वर्ष 2021 में भोपाल व गोवाहाटी में प्रतियोगिताओं में स्वर्ण पदक जीते।

अगस्त 2021 में अंकिता ने नैरोबी (केन्या) में संपन्न हुई विश्व एथीलीट (अंडर-20) चैंपियनशिप में पांच हजार मीटर दौड़ में प्रतिभाग किया। अंकिता ने बताया कि वर्तमान में वह एशियन गेम की तैयारी में जुटी हैं। इसके लिए वह इंडिया कैंप में हैं।

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