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हल्द्वानी: अस्पताल में नवाजत की मौत के मामले में मेडिकल सुपरिटेंडेंट समेत छह चिकित्सकों के विरुद्ध मुकदमा

हल्द्वानी के दून इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (डीआईएमएस) आयुर्वेदिक अस्पताल में नवजात की लापरवाही से मौत के मामले में मेडिकल सुपरिटेंडेंट समेत छह चिकित्सकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। उत्तराखंड मेडिकल काउंसिल की जांच कमेटी ने डॉक्टरों को दोषी पाया है। तहरीर में पीड़ित ने आरोप लगाया कि पत्नी के आपरेशन व नवजात के उपचार में डॉक्टरों और अस्पताल प्रबंधन ने लापरवाही बरती। जिस कारण नवजात की मृत्यु हुई।

By Jagran News Edited By: Nitesh Srivastava Updated: Tue, 01 Oct 2024 08:12 PM (IST)
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तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। जागरण

जागरण संवाददाता, विकासनगर: सहसपुर में शंकरपुर स्थित दून इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज (डीआइएमएस) आयुर्वेदिक अस्पताल में नवजात की लापरवाही से मौत होने के मामले में मेडिकल सुपरिटेंडेंट समेत छह चिकित्सकों के विरुद्ध लापरवाही का मुकदमा दर्ज किया गया है।

जुलाई 2023 के इस मामले में उत्तराखंड मेडिकल काउंसिल की कमेटी ने जांच में चिकित्सकों को दोषी पाया है। थाना सहसपुर में लखन निवासी ग्राम सभावाला ने दी तहरीर में बताया कि एक जुलाई 2023 को उसने प्रसव पीड़िता अपनी पत्नी मोनिका को डीआइएमएस अस्पताल में भर्ती कराया था।

आरोप लगाया कि पहले तो डॉक्टरों ने उसका उपचार नहीं किया। बाद में चिकित्सकों ने उसकी सिजेरियन डिलीवरी की। इस दौरान पत्नी ने एक बच्चे को जन्म दिया। इसके बाद डॉ. अंजू तंवर उसे कोई सूचना दिए बगैर अस्पताल से चली गई।

बाद में वहां मौजूद स्टाफ ने उसे बताया कि नवजात की मृत्यु हो गई है। सूचना पर थाना सहसपुर की पुलिस मौके पर पहुंची। पंचनामा के दौरान पता चला कि नवजात के शरीर व सिर पर चोट के निशान हैं।

तहरीर में पीड़ित ने आरोप लगाया कि पत्नी के आपरेशन व नवजात के उपचार में डॉ. अंजू तंवर, मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. शैलेंद्र तिवारी, डॉ. लोकेश, डॉ. निसार, डॉ. सौरभ, डॉ. अभिषेक जैन और अस्पताल प्रबंधन ने लापरवाही बरती। जिस कारण नवजात की मृत्यु हो गई। इसके बाद पांच जुलाई को उसने मामले की शिकायत वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से की। पीड़ित ने कहा कि नवजात की मृत्यु की घटना से वह व उसकी पत्नी अत्यधिक सदमें में है।

जिस पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के आग्रह पर उत्तराखंड मेडिकल काउंसिल ने डॉ. अंजू तंवर व डीआइएमएस अस्पताल के चिकित्सकों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई व जांच अमल में लाते हुए एक कमेटी का गठन किया। वहीं, थाना सहसपुर के प्रभारी निरीक्षक मुकेश त्यागी ने मुकदमे की पुष्टि की।

उन्होंने कहा कि मामले में जांच की जा रही है। जांच में चिकित्सकों को दिया दोषी करार उत्तराखंड मेडिकल काउंसिल की जांच कमेटी ने परिवाद में पारित 26 मार्च 2024 के अनुसार डॉ. अंजू तंवर, मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. शैलेंद्र तिवारी, डॉ. लोकेश, डॉ. निसार, डॉ. सौरभ और डॉ. अभिषेक जैन को दोषी करार दिया।

जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में उल्लेख किया है कि डीआइएमएस अस्पताल में अनेक आयुर्वेदिक डॉक्टर ऐसे हैं, जो मरीजों को आयुर्विज्ञान के डॉक्टर के रूप मे विधि विरुद्ध अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इससे प्रतीत हो रहा है कि अस्पताल संचालक अवैध रूप से लाभ अर्जित कर मरीजों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।

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