दो लाख कार्मिकों को एक फरवरी से नए भत्ते, गंभीर बीमार शिक्षकों को राहत
राज्य के तकरीबन दो लाख सरकारी कर्मचारियों का सातवें वेतनमान के भत्तों का तोहफा एक फरवरी से मिलेगा। वहीं, कैंसर से पीड़ित और गंभीर बीमार शिक्षकों को भी सरकार ने राहत दी।
By BhanuEdited By: Updated: Thu, 24 Jan 2019 08:38 PM (IST)
देहरादून, राज्य ब्यूरो। राज्य के तकरीबन दो लाख सरकारी कर्मचारियों का सातवें वेतनमान के भत्तों का तोहफा एक फरवरी से मिलेगा। वहीं, कैंसर से पीड़ित और गंभीर बीमार शिक्षकों को भी सरकार ने राहत दी।
मकान किराया भत्ता (एचआरए), यात्रा भत्ता (टीए), दैनिक भत्ता (डीए) समेत नए वेतनमान के मुताबिक तय भत्तों के भुगतान के संबंध में वित्त सचिव अमित नेगी ने आदेश जारी किया। राज्य सरकार, निगमों, प्राधिकरणों, परिषदों के नियंत्रण या स्वामित्व वाले आवासों के किराये में चार गुना वृद्धि की गई है। इसे भी आगामी एक फरवरी से लागू माना जाएगा। नई व्यवस्था में स्वैच्छिक परिवार कल्याण भत्ता, प्रतिनियुक्ति भत्ता समेत 15 भत्ते समाप्त किए गए हैं। वहीं पर्वतीय विकास भत्ता, सीमांत विकासखंड भत्ता समेत करीब 12 भत्ते यथावत रखे गए हैं।
एचआरए तीन श्रेणियों में तय किया गया है। बी-टू शहरों से संबंधित कार्मिकों के वेतन स्तर का न्यूनतम नौ फीसद एचआरए मंजूर होने के बाद उन्हें न्यूनतम 2500 रुपये और अधिकतम 12 हजार रुपये एचआरए मिलेगा। पुराने वेतनमान की तुलना में उन्हें अब नए एचआरए में न्यूनतम 1150 रुपये से लेकर अधिकतम तीन हजार रुपये की वृद्धि मिलेगी।
श्रेणी-सी यानी जिला मुख्यालय वाले शहरों में हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर (रुद्रपुर), अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़, टिहरी, गोपेश्वर (चमोली), उत्तरकाशी, चंपावत, रुद्रप्रयाग, काशीपुर, हल्द्वानी, काठगोदाम, भवाली, चकराता, मुक्तेश्वर, रुड़की और मसूरी नगर पालिका क्षेत्र के कार्मिकों के लिए वेतन स्तर का न्यूनतम सात फीसद एचआरए मंजूर किया गया है। इन कर्मचारियों को न्यूनतम 2100 और अधिकतम 8000 रुपये एचआरए मिलेगा। पिछले एचआरए के तुलना में इस श्रेणी के कर्मचारियों को न्यूनतम 1200 रुपये और अधिकतम दो हजार रुपये बढ़ा एचआरए मिलेगा। अवर्गीकृत श्रेणी के क्षेत्रों के लिए पांच फीसद एचआरए मंजूर किए जाने से संबंधित कार्मिकों को न्यूनतम 1800 रुपये और अधिकतम 7000 रुपये एचआरए मिलेगा।
कैंसर पीड़ित, गंभीर बीमार 120 शिक्षकों होंगे संबद्ध
तबादलों की बाट जोह रहे कैंसर, किडनी की गंभीर बीमारियों से पीड़ित शिक्षकों पर शिक्षा मंत्रालय पसीज उठा। तबादलों पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति से लंबे अरसे से राहत नहीं मिलने के बाद शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने गंभीर रूप से बीमार 120 शिक्षकों को उनकी ओर से वांछित जिलों के विद्यालयों में छह माह के लिए संबद्ध करने के आदेश दिए हैं। शिक्षा महकमे में तबादला सत्र शून्य होने के बाद गंभीर बीमारियों से पीड़ित शिक्षकों को मुश्किलों से जूझना पड़ रहा था। इन्हें राहत दिलाने के लिए शिक्षा महकमे ने ऐसे शिक्षकों की सूची शासन को सौंपी थी। तीन माह से ज्यादा समय गुजरने के बावजूद उक्त शिक्षकों को राहत नहीं मिल पाई। हालांकि इन शिक्षकों के तबादलों पर विचार करने को बीती 15 जनवरी को मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह की अध्यक्षता में गठित समिति की बैठक रखी गई थी।
फिलहाल समिति भी उक्त संबंध में निर्णय नहीं कर सकी। बीमार शिक्षकों को तबादलों के रूप में राहत नहीं मिल पाने के बाद शिक्षा मंत्रालय ने तोड़ ढूंढी है। दरअसल, गंभीर रूप से बीमारी के चलते कुछ शिक्षकों की मृत्यु होने की सूचना से मंत्रालय की बेचैनी बढ़ी हुई है। शिक्षक संगठन भी इस मामले में लगातार दबाव बनाए हुए हैं। माध्यमिक के ऐसे 44 और बेसिक के 76 शिक्षकों को अब उनकी ओर से वांछित जिलों में अस्पतालों के नजदीकी विद्यालयों में छह माह के लिए संबद्ध किया जाएगा। शिक्षा निदेशालय के इस प्रस्ताव को शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने बुधवार को मंजूरी दी। उन्होंने विद्यालयी शिक्षा सचिव डॉ भूपिंदर कौर औलख को बीमार शिक्षकों को तुरंत संबद्ध करने के आदेश दिए हैं।
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