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Nagar Nigam Dehradun: नगर निगम ने रैमकी कंपनी को दिखाया बाहर का रास्ता, नई कंपनी चलाएगी शीशमबाड़ा कूड़ा निस्तारण प्लांट

Nagar Nigam Dehradun नगर निगम ने रैमकी कंपनी को बाहर का रास्ता दिखाकर शीशमबाड़ा कूड़ा निस्तारण प्लांट दूसरी कंपनी से संचालित कराने की तैयारी कर ली है। बता दें कि रैमकी कंपनी ने 31 अगस्त तक काम छोड़ने का नोटिस दिया है।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Sun, 21 Aug 2022 02:00 AM (IST)
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शीशमबाड़ा कूड़ा निस्तारण प्लांट दूसरी कंपनी से संचालित करेगी।
जागरण संवाददाता, देहरादून : नगर निगम ने रैमकी कंपनी को बाहर का रास्ता दिखाकर शीशमबाड़ा कूड़ा निस्तारण प्लांट दूसरी कंपनी से संचालित कराने की तैयारी कर ली है। नगर निगम ने इसके टेंडर निकाल दिए हैं। निगम के अनुसार टेंडर 11 सितंबर को खुलेंगे एवं नई कंपनी को पांच साल के लिए प्लांट का संचालन दिया जाएगा।

बता दें कि रैमकी ने 31 अगस्त को प्लांट का काम छोड़ देने का नोटिस निगम को दिया हुआ है। निगम की ओर से रैमकी प्रबंधन को मनाने का प्रयास किया गया, लेकिन कंपनी जिद पर अड़ी है कि अगर ऊर्जा प्लांट की मंजूरी मिलेगी तो ही वह प्लांट संचालन करेगी।

वर्ष-2018 से नगर निगम के शीशमबाड़ा स्थित कूड़ा निस्तारण जबकि वर्ष-2019 से कूड़ा उठान का काम देख रही रैमकी कंपनी एवं चेन्नई एमएसडब्ल्यू कंपनी ने निगम को 31 अगस्त-एक सितंबर की मध्य रात्रि 12 बजे से काम बंद करने का नोटिस गत एक अगस्त को दिया था। उक्त दोनों कंपनियों में कार्यरत करीब 500 कर्मचारियों की नियुक्ति 31 अगस्त के बाद निरस्त करने का नोटिस भी दिया गया। दोनों कंपनियों ने काम छोड़ देने के पीछे भुगतान न होने व नगर निगम की खराब कार्यशैली को कारण बताया था।

निगम ने रैमकी कंपनी प्रबंधन को कई बार वार्ता के लिए बुलाया लेकिन कंपनी ने कोई जवाब नहीं दिया। महापौर सुनील उनियाल गामा व नगर आयुक्त मनुज गोयल ने कहा कि कूड़ा उठान अति आवश्यक सेवा है व इसमें हीलाहवाली नहीं की जा सकती है। लिहाजा, निगम ने नई कंपनी को प्लांट का संचालन सौंपने की तैयारी कर टेंडर निकाल दिए हैं।

दो कंपनियों को मिलेंगे 60 वार्ड

चेन्नई एमएसडब्ल्यू के काम छोड़ने के बाद नगर निगम ने वर्तमान में 30 वार्डों में कूड़ा उठान देख रही मैसर्स सनलाइट और मैसर्स भार्गव कंपनी को 30-30 वार्ड और देने की तैयारी कर ली है। वर्तमान में चेन्नई एमएसडब्ल्यू 69 वार्ड का कूड़ा उठान करती है।

निगम का वार्ड-100 एक एनजीओ के पास है। ऐसे में सनलाइट व भार्गव कंपनी के पास 90 वार्डों के कूड़ा उठान का काम आ जाएगा। शेष नौ वार्ड में निगम खुद यह काम देखेगा। वहीं, वर्तमान में कारगी चौक के पास ट्रांसफर स्टेशन का टेंडर भी जारी कर दिया गया। यह काम सनलाइट कंपनी को मिला है। सनलाइट पहले बिना टेंडर के 450 रुपये में प्रति क्विंटल पर कूड़ा उठा रही थी, लेकिन अब उसे 290 रुपये मिलेंगे।

83.19 करोड़ रुपये का नोटिस

रैमकी व चेन्नई एमएसडब्ल्यू कंपनी की ओर से नगर निगम को 83.19 करोड़ रुपये के भुगतान का नोटिस दिया गया है। इसमें रैमकी कंपनी ने 35.48 करोड़ रुपये जबकि चेन्नई एमएसडब्लू ने 47.71 करोड़ देने की मांग की है।

बताया गया कि जब से कंपनी काम कर रही, तब से निगम हर माह बिलों के भुगतान से 20 प्रतिशत राशि होल्ड कर रहा। जो कुल 42.09 करोड़ है और इसका ब्याज 7.14 करोड़ रुपये है। इसके अलावा इक्विटी की राशि 9.05 करोड़ रुपये जबकि 19.54 करोड़ रुपये ऋण की अदायगी वाले हैं। चूंकि, कंपनियां अधर में काम छोड़ रही हैं, लिहाजा निगम ने यह राशि देने से मना कर दिया है। निगम ने कहा कि यदि कंपनी न्यायालय गई तो वहां पैरवी की जाएगी।

कंपनी मांग रही एनर्जी प्लांट

शीशमबाड़ा में कूड़ा निस्तारण प्लांट को लेकर आए दिन हो रहे विवाद और नुकसान को देखते हुए रैमकी कंपनी ने एनर्जी प्लांट की मांग सरकार से की है। कंपनी ने नोटिस में बताया है कि उसने तीन साल पूर्व एनर्जी प्लांट की फाइल नगर निगम के जरिये राज्य सरकार को भेजी थी, लेकिन इसकी मंजूरी नहीं दी जा रही।

कंपनी इस आठ मेगावाट के एनर्जी प्लांट पर 110 करोड़ रुपये राशि खर्च करने को तैयार है। उसका दावा है कि एनर्जी प्लांट के बाद कूड़े व इससे उठ रही दुर्गंध की समस्या पूरी तरह दूर हो जाएगी। कंपनी के काम छोड़ने के नोटिस को एनर्जी प्लांट के लिए दबाव बनाने की एक वजह भी माना जा रहा है।

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