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सीएम धामी का बड़ा कदम; उत्तराखंड में लागू होगा नया भू-कानून, किसानों और बुद्धिजीवियों से मांगे जाएंगे सुझाव

उत्तराखंड में नया भू-कानून बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भूमि खरीद और बिक्री पर अंकुश लगाने के लिए 16 दिसंबर तक सुझाव मांगने का आदेश दिया है। सभी जिलों से सहायक कलेक्टर जिलाधिकारी और राजस्व परिषद के माध्यम से संशोधन प्रस्ताव एकत्र किए जाएंगे। नया कानून आगामी बजट सत्र में विधानसभा में पेश होगा।

By Ravindra kumar barthwal Edited By: Sakshi Gupta Updated: Tue, 19 Nov 2024 09:44 PM (IST)
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उत्तराखंड में नया भू-कानून बनाने की तैयारी हो रही है। (तस्वीर जागरण)
राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड सरकार राज्य में भूमि संबंधित समस्याओं को सुलझाने के लिए नया भू-कानून बनाने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आगामी बजट सत्र में नए भू-कानून से संबंधित विधेयक विधानसभा में पेश किया जाएगा। इस कानून के तहत भूमि की अवैध और मनमाने ढंग से खरीद-बिक्री पर सख्त अंकुश लगाने की योजना है।

इस पहल के लिए सरकार ने किसानों, बुद्धिजीवियों, पक्षकारों और अन्य हितधारकों से सुझाव मांगने का निर्णय लिया है। शासन ने आदेश जारी किया है कि राज्य के समस्त परगनों के सहायक कलेक्टर अपने-अपने क्षेत्रों से वर्तमान भू-कानून में आवश्यक संशोधन के सुझाव लिपिबद्ध करेंगे। ये सुझाव जिला कलेक्टर के माध्यम से राजस्व परिषद को भेजे जाएंगे। राजस्व परिषद 16 दिसंबर तक इन सुझावों को एकत्र करके शासन को भेजेगी।

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13 नवंबर को सीएम ने की थी बैठक

मुख्यमंत्री ने गत 13 नवंबर को गैरसैंण स्थित ग्रीष्मकालीन विधानसभा भवन में बुद्धिजीवियों और प्रदेश के वर्तमान तथा पूर्व उच्चाधिकारियों के साथ बैठक की थी। इस बैठक में भू-कानून के ड्राफ्ट पर चर्चा की गई और तहसील स्तर पर जनता से सुझाव लेने के निर्देश दिए गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन सुझावों को नए भू-कानून में शामिल किया जाएगा ताकि यह कानून सभी पक्षों के हितों का ध्यान रखे।

सुझावों को राज्सव परिषद को भेजा जाएगा

राजस्व परिषद के आयुक्त और सचिव के साथ ही समस्त जिलाधिकारियों को भू-कानून से संबंधित सुझाव प्राप्त करने के आदेश जारी किए गए हैं। सहायक कलेक्टरों को प्रत्येक परगने में सभी महत्वपूर्ण सुझाव एकत्र करने को कहा गया है। ये सुझाव जिलाधिकारियों के पास जाएंगे और वहां से इन्हें राजस्व परिषद को भेजा जाएगा। राजस्व परिषद इन सभी सूचनाओं को 16 दिसंबर तक शासन को भेजेगा।

भूमि संबंधित समस्या का हो सकता है समाधान

गौरतलब है कि भू-कानून में बदलाव की जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही थी, खासकर भूमि खरीद-बिक्री में अव्यवस्था और बाहरी लोगों द्वारा अवैध तरीके से भूमि कब्जाने के मामलों के बाद। मुख्यमंत्री धामी के इस कदम से राज्य में भूमि संबंधित समस्याओं का समाधान होने की उम्मीद जताई जा रही है।

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