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महिला फिजियोथेरेपिस्ट के उत्पीड़न मामले में नया मोड़, मेडिकल प्रमाण पत्र की वैधता पर उठे सवाल

कोरोनेशन अस्पताल में महिला फिजियोथेरेपिस्ट के उत्पीड़न मामले में महिलाकर्मी की ओर से ड्यूटी बदले जाने पर छुट्टी के लिए लगाए गए मेडिकल प्रमाण पत्र की वैधता पर सवाल उठ गए हैं।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Fri, 29 Nov 2019 09:20 AM (IST)
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महिला फिजियोथेरेपिस्ट के उत्पीड़न मामले में नया मोड़, मेडिकल प्रमाण पत्र की वैधता पर उठे सवाल

देहरादून, जेएनएन। कोरोनेशन अस्पताल में महिला फिजियोथेरेपिस्ट के उत्पीड़न मामले में  नया मोड़ आ गया है। महिलाकर्मी की ओर से ड्यूटी बदले जाने पर छुट्टी के लिए लगाए गए मेडिकल प्रमाण पत्र की वैधता पर सवाल उठ गए हैं। इसमें चिकित्सा अधीक्षक के साथ ही मरीज के हस्ताक्षर भिन्न होने की बात कही जा रही है। मेडिकल में इसे जारी करने वाले ईएमओ का नाम तक नहीं है। ऐसे में अस्पताल प्रशासन ने मामले की जांच शुरू करा दी है। तीन सदस्यीय जांच कमेटी अगले तीन दिन में अपनी रिपोर्ट देगी।

सितंबर में अस्पताल की तीन महिला कर्मियों ने सीएमएस व एक अन्य वरिष्ठ चिकित्सक पर उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। स्वास्थ्य महानिदेशक से लेकर मुख्यमंत्री तक से की गई शिकायत में अभद्रता और गलत भाषा के इस्तेमाल की बात कही गई थी। कुछ दिनों बाद दो महिलाकर्मियों ने शिकायत वापस ले ली, जबकि एक महिलाकर्मी सरकार के स्तर से न्याय न मिलने की बात कहकर हाईकोर्ट चली गई। 

हाईकोर्ट के आदेश पर शासन स्तर से बनी कमेटी इसकी जांच कर रही है। अब सीएमएस ने ड्यूटी बदले जाने पर छुट्टी के लिए लगाए गए महिलाकर्मी के मेडिकल प्रमाण पत्र की वैधता पर सवाल उठा दिए हैं। कहा गया है कि दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय से बनाए गए मेडिकल में दून अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक के हस्ताक्षर अलग लग रहे हैं। मेडिकल में मरीज के हस्ताक्षर भी अलग-अलग हैं। इसके अलावा इमरजेंसी मेडिकल ऑफीसर की ओर से बनाए गए मेडिकल पर ईएमओ का नाम तक नहीं है।

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एमएस डॉ. केके टम्टा ने बताया कि सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अभय कुमार, मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. नारायण जीत सिंह और ईएनटी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. रविंद्र बिष्ट को मामले की जांच सौंपी गई है। यह कमेटी तीन दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट दे देगी। इसके बाद ही मामले में कुछ कहा जा सकेगा। उधर, गुरुवार को सीएमएस और महिलाकर्मी के बीच हुए विवाद के समाधान को लेकर सरकारी अस्पताल में बैठक भी हुई। 

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