'आमजन का पुलिस पर भरोसा, अपराधी के मन में हो डर...', पदभार संभालने के बाद दीपम सेठ ने गिनाई प्राथमिकताएं
उत्तराखंड के नए पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ ने पदभार संभालने के बाद अपनी प्राथमिकताओं को साझा किया। उन्होंने कहा कि कानून का पालन करने वालों का पुलिस पर भरोसा बना रहे और अपराधियों के मन में पुलिस का भय बना रहे यह उनकी प्राथमिकता रहेगी। अपराध पर नियंत्रण करना जांच की मानिटरिंग और महिला व बच्चों की सुरक्षा भी प्राथमिकता में शामिल हैं।
जागरण संवाददाता, देहरादून। उत्तराखंड के 13वें पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ ने पदभार संभालने के बाद कहा कि हमारे पास सक्षम व प्रोफेशनल फोर्स है। मेरी खुशकिश्मती है कि मुझे नेतृत्व करने का मौका मिला है। अपनी प्राथमिकता गिनाते हुए डीजीपी ने कहा कि कानून का पालन करने वालों का पुलिस पर भरोसा बना रहे, और अपराधियों के मन में पुलिस का भय बना रहे, यह मेरी प्राथमिकता रहेगी। अपराध पर नियंत्रण करना, जांच की मानिटरिंग और महिला व बच्चों की सुरक्षा भी प्राथमिकता में शामिल हैं।
नवनियुक्त डीजीपी ने कहा कि उत्तराखंड को नशामुक्त करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। अभियान को आगे बढ़ाते हुए सीमावर्ती राज्यों से समन्वय बनाया जाएगा। नशे का नेटवर्क खत्म करने के लिए पुलिस विभाग पूरे लग्न से कार्य करेगी।
उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में साइबर अपराध बड़ी चुनौती बन चुका है। साइबर अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाने के लिए विभिन्न राज्यों के साथ समन्वय स्थापित किया जाएगा। वहीं उत्तराखंड में आपदा प्रबंधन बड़ी चुनौती है। यहां पर विषम भौगोलिक परिस्थिति है, जिसके लिए आपदा प्रबंधन का मजबूत होना बहुत जरूरी है। इसके लिए एसडीआरएफ को और प्रशिक्षित किया जाएगा।
धार्मिक स्थल व पर्यटन स्थलों की बढ़ाई जाएगी सुरक्षा
डीजीपी ने कहा कि उत्तराखंड में बड़े धार्मिक व पर्यटन स्थल हैं। यहां देश विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु व पर्यटक पहुंचते हैं। श्रद्धालुओं की यात्रा सुगम बनी रहे, इसके लिए सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की जाएगी। उत्तराखंड से चीन व नेपाल सीमा लगती है, जहां संवेदनशीलता बनी रहती है। ऐसे में सीमाओं पर चौकसी रखी जाएगी। केंद्रीय एजेंसियों से समन्वय बनाकर मानव तस्करी को रोकने के लिए कठोर कदम उठाए जाएंगे।यातायात प्रबंधन को लेकर तैयार होगी कार्ययोजना
डीजीपी ने कहा कि देहरादून में यातायात समस्या चुनौती बनी हुई है। जिला प्रशासन की ओर से सड़क सुरक्षा को लेकर समय-समय पर निर्णय लिए जाते हैं। भविष्य में यातायात की समस्या को दूर करने के लिए विशेष कार्ययोजना तैयार की जाएगी। दीर्घकालीन योजना बनाकर यातायात समस्या दूर करने का प्रयास किया जाएगा। इसके लिए शासन के साथ समन्वय बनाया जाएगा। वहीं बढ़ रहे सड़क हादसों को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएंगे।
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