Badrinath Sewage Treatment Plant एनजीटी ने बदरीनाथ में पर्याप्त सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के दावों को खारिज कर दिया है। ट्रिब्यूनल ने कहा कि शहरी विकास विभाग ने इस संबंध में कोई ठोस आंकड़े पेश नहीं किए हैं। एनजीटी ने सचिव शहरी विकास को बदरीनाथ धाम में पर्यटकों की सर्वाधिक संख्या के दौरान उत्पन्न होने वाले सीवेज के आंकड़े प्रस्तुत करने को कहा है।
राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। Badrinath Sewage Treatment Plant: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने बदरीनाथ में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) की पर्याप्त व्यवस्था को केवल मौखिक दावा करार किया है। एनजीटी ने कहा कि शहरी विकास विभाग ने इस संबंध में कोई ठोस आंकड़े प्रस्तुत नहीं किए हैं।
सीवेज के आंकड़े प्रस्तुत करने को कहा
एनजीटी ने सचिव शहरी विकास नितेश झा को बदरीनाथ धाम में पर्यटकों की सर्वाधिक संख्या के दौरान उत्पन्न होने वाले सीवेज के आंकड़े प्रस्तुत करने को कहा है। साथ ही, एनजीटी ने सुनवाई में सचिव वन के वर्चुअल रूप से उपस्थित न होने पर भी असंतोष जताया है।
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इसके लिए केवल मौखिक प्रयास किया गया
बदरीनाथ में पर्याप्त संख्या में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट न होने के कारण गंगा में प्रदूषित जल के जाने के मामले में एनजीटी के अध्यक्ष जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव, सदस्य जस्टिस अरुण कुमार त्यागी व सुधीर अग्रवाल की बेंच ने सुनवाई की।
कोई ठोस प्रमाण उपलब्ध नहीं कराया
इस दौरान बेंच ने कहा कि वर्चुअल रूप से उपस्थित सचिव शहरी विकास ने बदरीनाथ में पर्याप्त एसटीपी होने का कोई ठोस प्रमाण उपलब्ध नहीं कराया है। केवल इसके लिए मौखिक प्रयास किया गया है।
सीवेज ले जाने की धारण क्षमता की भी जानकारी मांगी
बेंच ने इसके साथ ही यहां बनाई गई नालियों और इनकी प्लांट से सीवेज ले जाने की धारण क्षमता की भी जानकारी मांगी है। साथ ही, नदी में गिर रहे अनुपचारित सीवेज, एसटीपी की धारण क्षमता और एसटीपी से उपचारिज जल के विषय में सेंपल एनालिसिस रिपोर्ट भी देने को कहा है।
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सचिव वन के अनुपस्थित रहने पर असंतोष जताया
एनजीटी ने कहा कि अधिकारी सीवेज की उत्पत्ति को मापने वाले तरीके के बारे में जानकारी साझा करें। सचिव वन के अनुपस्थित रहने पर असंतोष जताते हुए कहा कि सचिव सुनवाई में वर्चुअल रूप से उपस्थित नहीं हुए और न ही उन्होंने इसके लिए कोई आवेदन किया।
केवल अन्य कार्य में व्यस्त होने की मौखिक जानकारी दी है। एनजीटी ने निर्देश दिए कि चार मार्च 2025 को होने वाली अगली सुनवाई में सचिव वन उपस्थित रहें।
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