प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों पर एनजीटी का बड़ा फैसला, होगी ये कार्रवार्इ
एनजीटी ने ऊधमसिंह नगर के सिडकुल क्षेत्र के उद्योगों की जांच कर ये पता लगाने के निर्देश दिए हैं कि कौन से उद्योग प्रदूषण फैला रहे हैं।
देहरादून, [जेएनएन]: ऊधमसिंह नगर के सिडकुल क्षेत्र के उद्योगों से फैल रहे वायु प्रदूषण व यहां से निकलने वाले दूषित जल को लेकर एनजीटी ने कड़ा रुख अपनाया है। एनजीटी ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) को ऐसे उद्योगों की जांच कर तीन सप्ताह में रिपोर्ट तलब की है, ताकि प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों को बंद किया जा सके।
ऊधमसिंह नगर के सिद्ध गर्ब्यांग क्षेत्र के ग्रामीणों की शिकायत पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश रघुवेंद्र एस. राठौर ने सीपीसीबी को आदेश दिए कि वह सिडकुल क्षेत्र के उद्योगों से निकलने वाले धुएं व जल के सैंपल लेकर उनकी जांच करे। इसके साथ ही मामले में प्रदेश सरकार, ऊधमसिंह नगर के जिलाधिकारी व सिडकुल के प्रबंध निदेशक को नोटिस भी जारी कर जवाब तलब किया गया।
एनजीटी के समक्ष यह बात भी आई कि उद्योगों के प्रदूषण के चलते आसपास के घरों पर सुबह व शाम के समय धुएं के काले कण जमा हो जाते हैं। ऐसे में घरों के बाहर बैठना भी मुश्किल हो जाता है। बारिश के दौरान प्रदूषणयुक्त पानी खेतों में समा जाता है और लंबे समय से प्रदूषण की स्थिति के चलते ट्यूबवेलों से निकलने वाले पानी का रंग भी बदल गया है।
उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भी पूर्व में उद्योगों से सैंपल लिए थे, मगर कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस पर ट्रिब्यूनल ने ट्यूबवेल के पानी व खेतों की मिट्टी के भी सैंपल लेकर जांच करने को कहा है।
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