Nipun Bharat Mission: उत्तराखंड में निपुण भारत मिशन की शुरुआत, जानें- क्या है उद्देश्य
Nipun Bharat Mission उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय का कहना है कि बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए प्राथमिक कक्षाओं से ही उन्हें तैयार करने की जरूरत है। शिक्षा मंत्रालय की ओर से तैयार निपुण भारत मिशन इसी ओर एक सशक्त प्रयास है।
By Raksha PanthriEdited By: Updated: Fri, 10 Sep 2021 02:17 PM (IST)
जागरण संवाददाता, देहरादून। Nipun Bharat Mission एक मजबूत भवन के निर्माण के लिए मजबूत नींव जरूरी है। इसी तरह बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए प्राथमिक कक्षाओं से ही उन्हें तैयार करने की जरूरत है। शिक्षा मंत्रालय की ओर से तैयार निपुण भारत मिशन इसी ओर एक सशक्त प्रयास है। यह बात शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने कही।
गुरुवार को ननूरखेड़ा स्थित वर्चुअल क्लास रूम के केंद्रीय स्टूडियो से शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने प्रदेश में 'निपुण भारत मिशन' की शुरुआत की। शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश में शिक्षक, अधिकारी और अभिभावकों की मदद से इस मिशन को प्रभावी तरीके से लागू किया जाएगा। इस मिशन के जरिये प्राथमिक कक्षाओं में पढ़ रहे बच्चों का मानसिक और शारीरिक विकास करने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने इस दौरान सभी लोग को हमेशा सीखने की प्रवृति रखने का सुझाव भी दिया। कहा कि बड़ों को भी छोटों से सीखने में झिझक नहीं करनी चाहिए। सीखने से बचने वाले लोग अक्सर दिशाहीन हो जाते हैं।
उन्होंने प्राथमिक कक्षाओं के लिए तैयार पाठ्यचर्या 'स्कूल रेडीनेस' पुस्तिका, सामुदायिक जागरूकता के लिए तैयार पोस्टर, डीएलएड के लिए तैयार पाठ्यचर्या, जनसंख्या शिक्षा कार्यक्रम और राष्ट्रीय प्रतिभा खोज छात्रवृत्ति प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए तैयार पुस्तिका प्रदर्शिका का विमोचन भी किया।
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निपुण भारत मिशन के प्रचार-प्रसार और जागरूकता के लिए रूम टु रीड संस्था की सहायता से मोबाइल वैन को हरी झंडी भी दिखाई। राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद के निदेशक आरके कुंवर ने बताया कि निपुण भारत मिशन के तहत तीसरी कक्षा के अंत तक छात्रों में पढ़ने, लिखने और अंकगणित को सीखने की क्षमता का विकास करना है।
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केंद्र सरकार ने 2026-27 तक देशभर में यह मिशन पूरा करने का लक्ष्य रखा है। इसके साथ ही उनके स्वास्थ्य, ज्ञान, क्षमता पर भी ध्यान दिया जाएगा। शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने कहा कि मिशन के तहत प्राथमिक कक्षाओं के छात्रों में सीखने की ललक और जिज्ञासा पैदा करने के लिए भी प्रयास किए जाने हैं। इस अवसर पर अपर निदेशक एससीईआरटी डा. आरडी शर्मा, माध्यमिक शिक्षा निदेशक सीमा जौनसारी, अपन निदेशक शशिबाला चौधरी, कुलदीप गैरोला, आशा रानी पैन्यूली, कंचन देवराड़ी समेत अन्य लोग मौजूद रहे।
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