Dehradun: 10 राज्यों में नमामि गंगे के STP का आडिट कराएगा NMCG, विद्युत सुरक्षा मानकों की गहनता से होगी पड़ताल
Chamoli STP Accident उत्तराखंड के चमोली में एसटीपी हादसे के बाद राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) अब देश के 10 राज्यों में नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत बने सभी एसटीपी का आडिट कराने जा रहा है। इसमें एसटीपी में विद्युत सुरक्षा मानकों के साथ ही तमाम बिंदुओं पर स्थिति की जानकारी ली जाएगी। एनएमसीजी ने इस सिलसिले में संबंधित प्रदेशों के नमामि गंगे एसपीएमजी कार्यक्रम निदेशकों को निर्देश जारी किए।
देहरादून, [केदार दत्त]: उत्तराखंड के चमोली में सीवेज शोधन संयंत्र (एसटीपी) हादसे के बाद राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) अब देश के 10 राज्यों में नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत बने सभी एसटीपी का आडिट कराने जा रहा है। इसमें एसटीपी में विद्युत सुरक्षा मानकों के साथ ही तमाम बिंदुओं पर स्थिति की जानकारी ली जाएगी।
एनएमसीजी ने इस सिलसिले में संबंधित प्रदेशों के नमामि गंगे के राज्य परियोजना प्रबंधन समूह (एसपीएमजी) के कार्यक्रम निदेशकों को निर्देश जारी किए हैं।
एसटीपी के बुनियादी ढांचे पर जोर
राष्ट्रीय नदी गंगा की स्वच्छता एवं निर्मलता के उद्देश्य से चल रहे केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत सीवेज शोधन के बुनियादी ढांचे पर जोर दिया गया है। इसके पीछे मंतव्य यही है कि गंगा के साथ ही उसकी सहायक नदियों में सीवेज समेत अन्य गंदगी को जाने से रोका जा सके।
सीवेज प्रबंधन के लिए एसटीपी व सीवर लाइनों के निर्माण पर जोर
जून 2014 से एनएमसीजी के अंतर्गत शुरू हुए नमामि गंगे कार्यक्रम में अब तक 10 राज्यों में गंगा व उसकी सहायक नदियों के किनारे के शहरों के लिए विभिन्न परियोजनाएं चल रही हैं। इसमें सीवेज प्रबंधन के लिए एसटीपी व सीवर लाइनों के निर्माण पर विशेष जोर है।
अभी तक उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, बंगाल, दिल्ली, हिमाचल, हरियाणा व राजस्थान में 99 एसटीपी तैयार हो चुके हैं। इनमें 41 उत्तराखंड में हैं। एनएमसीजी से मिली जानकारी के अनुसार 50 एसटीपी का निर्माण चल रहा है, जबकि 27 में टेंडर प्रक्रिया गतिमान है। इस बीच चमोली में नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत बने एसटीपी में करंट फैलने से हुए हादसे के बाद एनएमसीजी भी एसटीपी को लेकर सतर्क हो गया है। उसने नमामि गंगे में बने और निर्माणाधीन सभी एसटीपी का आडिट कराने का निश्चय किया है।
संबंधित सरकारों पर संचालन का जिम्मा
नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत एनएमसीजी एसटीपी का निर्माण कराने के बाद इन्हें संबंधित राज्य सरकारों को सौंप देता है। इनका ठीक से संचालन हो, यह जिम्मा राज्य सरकारों का है। यद्यपि, रखरखाव मद में बजट की व्यवस्था एनएमसीजी करता है।
आडिट के मुख्य बिंदु
- एसटीपी संचालन का जिम्मा किसके पास है।
- निर्धारित क्षमता के अनुसार सीवेज शोधन हो रहा या नहीं।
- संचालन के लिए दक्ष कार्मिकों की तैनाती है या नहीं।
- विद्युत सुरक्षा समेत अन्य सुरक्षा मानकों की स्थिति क्या है।
- एसटीपी के निर्माण में कहीं कोई खामियां तो नहीं।
राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के महानिदेशक जी अशोक कुमार के अनुसार, नमामि गंगे में अब तक राज्यों में बने एसटीपी का हम आडिट करा रहे हैं। इसे लेकर संबंधित राज्यों में गठित एसपीएमजी को हाल में हुई वीडियो कान्फ्रेंसिंग में निर्देश दिए जा चुके हैं। आडिट जल्द से जल्द कराने को कहा गया है। इसके आधार आगे कदम उठाए जाएंगे।