यहां निजी मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में सवर्ण आरक्षण का लाभ नहीं, जानिए
सामान्य अभ्यर्थियों को मौजूदा सत्र में निजी मेडिकल कॉलेजों में आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा।
By Edited By: Updated: Sun, 07 Jul 2019 02:48 PM (IST)
मेडिकल कॉलेजों में इस साल से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्र-छात्राओं को आरक्षण मिलना है। एचएनबी उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर पूर्व में जारी सीट मैट्रिक्स के अनुसार आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए स्टेट कोटा के तहत एमबीबीएस की 53 सीटें आरक्षित रखी गई थीं। वहीं, बीडीएस में दस सीट ईडब्ल्यूएस के तहत आरक्षित थीं। पर अब इसमें संशोधन कर दिया गया है।
विवि के कुलसचिव प्रो. विजय जुयाल ने बताया कि भारत सरकार/एमसीआइ के दिशा निर्देशों के क्रम में यह निर्णय लिया गया है कि शैक्षिक सत्र 2019-20 की सीट आवंटन में केवल राजकीय मेडिकल कॉलेजों की राज्य कोटा की सीटों में ही आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए दस फीसद सीटें आरक्षित की जाएंगी। राज्य में स्थित निजी मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में राज्य कोटा की सीटों के लिए यह व्यवस्था लागू नहीं है।
उन्होंने बताया कि सरकारी मेडिकल कॉलेजों में सवर्ण आरक्षण के तहत सीटों में बढ़ोत्तरी की गई है। वहीं निजी कॉलेजों में सीटें उतनी ही हैं। जिनमें पहले ही आरक्षण रोस्टर लागू है। सवर्ण आरक्षण के कारण यह पुरानी व्यवस्था प्रभावित नहीं होगी चाहिए।
बता दें, ईडब्ल्यूएस के तहत श्रीनगर मेडिकल और हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में 11-11 और दून मेडिकल कॉलेज में 15 सीट आरक्षित हैं। पूर्व में एसजीआरआर मेडिकल कॉलेज और हिमालयन इंस्टीट्यूट में 8-8 और सीमा और उत्तरांचल डेंटल कॉलेज में भी 5-5 सीटें इस श्रेणी में आरक्षित दिखाई गई थीं। जिनका लाभ अब अभ्यर्थियों को नहीं मिलेगा। विवि ने संशोधित सीट मैट्रिक्स के आधार पर ही प्रथम चरण के सीट आवंटन किया है।
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