नियुक्तियों के बाद अब आयुर्वेद विश्वविद्यालय में नया विवाद
उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय में एक नया विवाद सामने आया है। कुछ कर्मिकों ने विवि पर उन्हें जबरन निष्कासित करने का आरोप लगाया है।
By Edited By: Updated: Thu, 11 Oct 2018 02:17 PM (IST)
देहरादून, [जेएनएन]: नियुक्तियों को लेकर घिरे उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय में एक नया विवाद सामने आया है। कुछ कर्मिकों ने विवि पर उन्हें जबरन निष्कासित करने का आरोप लगाया है। धन्वंतरी वैद्यशाला के माध्यम से रखे गए इन कर्मियों ने शैक्षिक प्रमाण पत्र भी जब्त करने का आरोप लगाया है। कर्मियों ने पुनर्नियुक्ति प्रदान करने की माग को लेकर कुलपति को पत्र भेजा है। अपनी माग पूरी न होने पर 13 अक्टूबर से विवि परिसर में धरना देने की चेतावनी दी।
दरअसल विश्वविद्यालय में स्थित धन्वंतरी वैधशाला में कई कर्मचारी वर्ष 2016 से विभिन्न पदों पर अपनी सेवाएं दे रहे थे। मई 2018 में उन्हें अचानक बिना कारण बाहर कर दिया गया। इतना ही नहीं कर्मियों के विवि प्रवेश पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया। जिसके बाद से व विवि में पुनर्नियुक्ति की माग कर रहे हैं। इनमें एक कर्मचारी अनिल नौटियाल ने बताया कि साल 2016 में तत्कालीन कुलपति द्वारा परिसर के आयुर्वेद संकाय में सीसीआइएम के निरीक्षण के लिए पीपीपी मोड पर संचालित धन्वंतरी वैधशाला के कर्मचारियों को आवश्यकतानुसार पदों पर समायोजित किया।
जिसके बाद धन्वंतरी वैद्यशाला द्वारा लिपिक, लेखा लिपिक, लेखाकार, फार्मेसिस्ट, पंचकर्म सहायक, स्टाफ नर्स, लाइब्रेरियन, लैब टेक्नीशियन, वार्ड ब्वॉय, वार्ड आया, लैब असिस्टेंट समेत सामान्य चतुर्थ श्रेणी कार्मिकों के रूप में कर्मचारियों को नियुक्ति प्रदान की गई थी। तीन साल तक इन्हीं कर्मिकों के शैक्षिक प्रमाण पत्रों के आधार पर विवि सीसीआइएम से मान्यता लेता रहा। लेकिन, इस साल 21 मई को सीसीआइएम का निरीक्षण पूरा होने के आठ दिन बाद ही कर्मियों को बिना किसी पूर्व सूचना के बाहर निकाल दिया गया। इतना ही नहीं विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश ना करने की भी धमकी दी गई। उन्होंने विवि प्रशासन के इस कदम को चहेतों, रिश्तेदारों व रसूखदार लोगों को नियुक्ति प्रदान करने की साजिश करार दिया।
इसके अलावा विवि पर मान्यता हासिल करने के लिए कर्मिकों के शैक्षिक दस्तावेजों को भी जब्त करने का आरोप कर्मियों ने लगाया। उन्होंने बताया कि शैक्षिक प्रमाण पत्र के अभाव में कार्मिक बेरोजगार होकर सड़कों पर आ गए हैं। उन्होंने कुलपति से प्रमाण पत्र वापस दिए जाने की भी मांग की है। विवि के कुलसचिव डॉ. राजेश कुमार का कहना है कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है। यह संभवत: आउटसोर्स कर्मचारी थे। ऐसे में इनके दस्तावेज विवि में जमा होने का प्रश्न ही नहीं बनता।हॉस्पिटल ब्लॉक के नए भवन का उद्घाटन आयुर्वेद विश्वविद्यालय के हॉस्पिटल ब्लॉक के नए भवन का बुधवार को विधिवत पूजा अनुष्ठान के साथ उद्घाटन हुआ। उद्घाटन विवि के कुलपति प्रो. अभिमन्यु कुमार ने किया। उनके साथ प्रभारी कुलसचिव डॉ. राजेश कुमार, सीएमएस डॉ. स्वप्निल, परिसर निदेशक प्रो. पंकज शर्मा व फैकल्टी मौजूद रही।
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