देवभूमि में अब साफ-सुथरी नजर आएगी गंगा, पढ़िए पूरी खबर
उत्तराखंड में अब गंगा जल्द ही पूरी तरह साफ-सुथरी नजर आएगी। ऋषिकेश से हरिद्वार तक की दिक्कत भी दूर होने जा रही है।
By Raksha PanthariEdited By: Updated: Mon, 28 Oct 2019 08:29 PM (IST)
देहरादून, राज्य ब्यूरो। देवभूमि में राष्ट्रीय नदी गंगा जल्द ही पूरी तरह साफ-सुथरी नजर आएगी। अपने उद्गम स्थल गोमुख से लेकर ऋषिकेश तक गंगा के जल की गुणवत्ता पहले ही उत्तम है और अब ऋषिकेश से हरिद्वार तक की दिक्कत भी दूर होने जा रही है। यह संभव हो पाएगा, इन दोनों शहरों में नमामि गंगे के तहत निर्माणाधीन सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) से, जो अगले वर्ष जनवरी तक तैयार हो जाएंगे। वहीं, बड़े नाले भी टैप किए जा चुके हैं। ऐसे में इन शहरों से निकलने वाला सीवर और गंदे नाले गंगा में नहीं गिरेंगे।
नमामि गंगे परियोजना के साथ ही केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से उत्तराखंड में गंगा को स्वच्छ एवं निर्मल बनाने की मुहिम रंग लाती दिख रही है। नमामि गंगे परियोजना के अंर्तगत गंगा से लगे 15 शहरों में गंदे नालों की टैपिंग के साथ ही सीवरेज के निस्तारण को एसटीपी का निर्माण हो रहा है। इसके सकारात्मक परिणाम दिखने भी लगे हैं। उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट पर ही गौर करें तो गोमुख से लेकर ऋषिकेश तक गंगा के पानी की गुणवत्ता उत्तम श्रेणी की है। अलबत्ता, ऋषिकेश से लेकर हरिद्वार तक ही दिक्कत है। हरिद्वार में गंगा के पानी के कुछ नमूनों में कुछेक स्थानों पर फीकल कॉलीफार्म (मल-मूत्र) भी पाया गया।
हालांकि, अब दोनों शहरों में गंगा में गिर रहे गंदे नालों की टैपिंग और कुछ एसटीपी के तैयार होने से स्थिति में सुधार हुआ है। अगले साल जनवरी तक यह समस्या पूरी तरह से हल हो जाएगी। अपर सचिव एवं कार्यक्रम निदेशक नमामि गंगे उदयराज सिंह बताते हैं कि नमामि गंगे के तहत नालों की टैपिंग का कार्य पूरा कर लिया गया है।
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उन्होंने बताया कि हरिद्वार और ऋषिकेश में एसटीपी का निर्माण अंतिम दौर में है। कार्यदायी संस्था ने भरोसा दिलाया है कि अगले साल जनवरी तक एसटीपी के कार्य पूर्ण हो जाएंगे। फिर सीवर लाइनों को एसटीपी से जोड़ दिया जाएगा। जाहिर है कि इससे गंगा में किसी प्रकार की गंदगी नहीं जाएगी। उन्होंने कहा कि इस पहल के परवान चढ़ने पर राज्य में राष्ट्रीय नदी गंगा पूरी तरह से स्वच्छ निर्मल हो जाएगी। इसे बरकरार रखने को व्यापक जनजागरण पर भी जोर दिया जा रहा है।
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