उत्तराखंड में अब शहरी क्षेत्रों में हर पेयजल कनेक्शन पर मीटर अनिवार्य, जानिए वजह
सरकार अब राज्य में पेयजल कनेक्शन पर मीटर अनिवार्य करने जा रही है। इसके तहत प्रथम चरण में सभी 92 शहरों में हर घर के पेयजल संयोजन पर मीटर लगाया जाएगा।
By Raksha PanthariEdited By: Updated: Sun, 11 Aug 2019 08:32 PM (IST)
देहरादून, केदार दत्त। भविष्य में संभावित जल संकट को ध्यान में रखते हुए पानी की किफायत के मद्देनजर सरकार अब राज्य में पेयजल कनेक्शन पर मीटर अनिवार्य करने जा रही है। इसके तहत प्रथम चरण में सभी 92 शहरों में हर घर के पेयजल संयोजन पर मीटर लगाया जाएगा। 56 शहरों में शहरी विकास विभाग और 36 में बाह्य सहायतित योजना के तहत उत्तराखंड जल संस्थान यह मीटर लगवाएगा।
एक करोड़ से अधिक आबादी वाले उत्तराखंड में वर्तमान में 681298 पेयजल कनेक्शन हैं। इनमें 345373 शहरी क्षेत्रों में और शेष ग्रामीण क्षेत्रों में हैं। पेयजल की उपलब्धता के हिसाब से देखें तो शहरी क्षेत्र में 135 लीटर प्रतिदिन प्रति व्यक्ति का मानक निर्धारित है। बावजूद इसके 92 में से 71 नगरीय क्षेत्रों में 70 लीटर प्रतिदिन प्रति व्यक्ति के हिसाब से ही पेयजल उपलब्ध हो पा रहा है। हालांकि, ये बात भी सही है कि शहरी क्षेत्रों में पेयजल संयोजन से उपलब्ध कराए जा रहे पानी का दुरुपयोग भी कम नहीं है। इसे निकट भविष्य में संभावित जल संकट को देखते हुए किसी भी दशा में उचित नहीं कहा जा सकता। जाहिर है कि पानी की किफायत का महत्व हर किसी को समझना होगा। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने अब पेयजल संयोजनों पर मीटर अनिवार्य करने का निश्चय किया है। इसकी शुरुआत शहरी क्षेत्रों से की जा रही है।
सचिव पेयजल अरविंद सिंह ह्यांकी के मुताबिक पेयजल कनेक्शन पर मीटर लगने से हर व्यक्ति पानी के महत्व को समझेगा। साथ ही किफायत पर ध्यान देगा। उन्होंने बताया कि 56 शहरी क्षेत्रों में पूर्व में शहरी विकास विभाग के जरिये पेयजल योजनाओं के काम हुए हैं। वहां शहरी विकास विभाग के जरिये पेयजल संयोजन पर मीटर लगाए जाएंगे। शेष 36 शहरों में बाह्य सहायतित योजना के तहत जल संस्थान मीटर लगाएगा। इसका मसौदा लगभग तैयार कर लिया गया है। पानी के ये मीटर उच्च गुणवत्ता वाले होंगे और इन्हीं की रीडिंग के आधार पर भविष्य में बिलिंग की जाएगी। अभी तक प्रतिमाह के फिक्स रेट के आधार पर जलकर लिया जाता है।
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