NEET PG 2020: नीट पीजी के तहत अब दाखिला कॉलेज में कराना होगा कन्फर्म, जान लें और नियम भी
ऑनलाइन दाखिला लेने वाले छात्रों को अब 18 से 25 जून के बीच कॉलेज में रिपोर्ट करना होगा। एचएनबी चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय ने इस बावत अधिसूचना जारी कर दी है।
By Raksha PanthariEdited By: Updated: Wed, 17 Jun 2020 01:28 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। नीट पीजी के प्रथम चरण में ऑनलाइन दाखिला लेने वाले छात्रों को अब 18 से 25 जून के बीच कॉलेज में रिपोर्ट करना होगा। एचएनबी चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय ने इस बावत अधिसूचना जारी कर दी है, जिसमें कहा गया है कि फिजिकल रिपोर्टिंग के तहत अभ्यर्थी अपने मूल दस्तावेज के साथ संबंधित कॉलेज पहुंचें। दस्तावेजों के सत्यापन के बाद ही उनका दाखिला कन्फर्म किया जाएगा। वह रिपोर्ट करने से चूके, तो दाखिला निरस्त कर दिया जाएगा। इस दौरान उन्हें क्वारंटाइन नियमों का भी पालन करना होगा। मोबाइल पर आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करने के साथ ही उन्हें राज्य सरकार, जिला प्रशासन और कॉलेज प्रबंधन द्वारा तय नियमों पर भी अमल करना होगा।
बता दें, कोरोना महामारी और लॉकडाउन के बीच विश्वविद्यालय ने तीन मई को प्रथम चरण की काउंसिलिगं के तहत एमडी, एमएस और एमडीएस की सीटें आवंटित की थी। अभ्यर्थियों को ऑनलाइन दाखिले का विकल्प दिया गया था। पर अब अभ्यर्थियों को फिजिकल रिपोटिर्ंग के तहत सीट कन्फर्म करानी होगी। विवि प्रशासन ने अभ्यर्थियों को सलाह दी है कि वह क्वारंटाइन नियमों का अध्ययन कर लें।
शहर या राज्य से बाहर से आने वाले अभ्यर्थियों को होस्टल सुविधा में प्राथमिकता देने की भी बात विवि की ओर से कही गई है। इसके अलावा कॉलेजों के लिए भी गाइडलाइन जारी की गई है। उन्हें शारीरिक दूरी का सख्ती से पालन, प्रवेश द्वार पर थर्मर स्क्रीनिंग की व्यवस्था, स्टाफ और छात्रों के लिए मास्क की अनिवार्यता, प्रवेश प्रकिर्या के लिए चयनित क्षेत्र में हैंड सैनिटाइजर की व्यवस्था और शौचालयों में लिक्विड सोप रखने को कहा गया है। यह भी निर्देश दिए गए हैं कि जरूरत होने पर कॉलेज प्रशासन अभ्यर्थी का आरोग्य सेतु स्टेटस भी चेक करे।
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अभिभावकों ने नर्सरी से पांचवीं कक्षा तक ऑनलाइन कक्षा संचालित न करने की मांग की है। इस संबंध में उन्होंने बाल आयोग से शिकायत की है। अभिभावकों का कहना है कि छोटे बच्चों पर लैपटॉप और मोबाइल के प्रयोग से आंखों व मस्तिष्क पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। ऐसे में लंबे समय तक ऑनलाइन क्लास संचालित होने का वे विरोध करते हैं। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि कई स्कूल अभिभावकों पर पूरी स्कूल फीस जमा करने का दबाव भी बना रहे हैं। इस संबंध में अभिभावक संघों ने बाल अधिकार संरक्षण आयोग को पत्र लिखा है, जिसका संज्ञान लेते हुए आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने मुख्यमंत्री समेत शिक्षा सचिव व निदेशक को पत्र लिए मामले का संज्ञान लेने को कहा है।
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